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गोपालगंज: सीवरेज सिस्टम फेल होने से हुआ जीना हुआ दूभर, पीने का पानी भी हो रहा दूषित

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Published : Oct 30, 2019, 11:40 AM IST

गोपालगंज में खराब सीवेज सिस्टम

नगर परिषद शहर में करीब 4 साल से सीवेज की व्यवस्था लागू करने का प्लान बना रहा है. लेकिन यह व्यवस्था आज भी लागू नहीं हो सकी है.

गोपालगंज: जिले में सीवरेज सिस्टम सही नहीं होने से लोग जलजमाव की समस्या झेल रहे हैं. इलाके में जलनिकासी नहीं होने से लोगों का जीना दूभर हो गया है. साथ ही लोगों को दूषित पानी पीना पड़ रहा है.

टैक्स देने के बावजूद सीवरेज सिस्टम नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए कभी डीपीआर बनाने की बात होती है तो कभी सर्वे की योजना बनती है. लेकिन पिछले कई सालों से इसका हल नहीं निकाला जा सका है. लोग कहते हैं कि वे नगरीय टैक्स देते हैं, फिर भी सुविधा से वंचित हैं.

देखें रिपोर्ट.

पीने का पानी भी है दूषित
शहर में सीवरेज की व्यवस्था पूरी तरह से फेल है. शहर से निकलने वाली गंदगी बगैर सीवरेज और ट्रीटमेंट प्लांट के सीधे भूजल में प्रवेश कर रही है. जिससे भूजल के दूषित होने का प्रतिशत लगातार बढ़ता जा रहा है. लोग बताते हैं कि शहर के कई इलाकों में प्रथम लेयर का पानी सप्लाई होता है, जो दूषित है. ऐसे में लोगों को उनके स्वास्थ्य की चिंता सता रही है.

improper sewage system in gopalganj
इलाके में जमा गंदा पानी

4 साल से अटकी पड़ी है योजना
नगर परिषद शहर में करीब 4 साल से सीवेज की व्यवस्था लागू करने का प्लान बना रहा है. लेकिन यह व्यवस्था आज भी लागू नहीं हो सकी है. जिला मुख्यालय सहित बरौली मीरगंज और कटेया जैसे शहर के कुछ इलाके हैं, जहां सीवरेज की कोई भी व्यवस्था नहीं है. लिहाजा, नाले का पानी सड़कों पर बहता रहता है. खासकर बारिश में हालत बद से बदतर हो जाती है.

improper sewage system in gopalganj
शहर में नाले की नहीं है व्यवस्था

'योजना पर तेजी से हो रहा काम'
नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी ने कहा कि शहर में सीवेज नेटवर्क बनाने की योजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है. जिसके लिए बोर्ड के जरिए एक प्रस्ताव लिया गया है. चेयरमैन ने कहा कि वे प्रस्ताव को नगर विकास और आवास विभाग के माध्यम से केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के पास भेजने वाले है. ताकि लोगों को राशि आवंटित कर सीवरेज लाइन का लाभ मिल सकेगा.

Intro:शहर के लोगों के लिए जल निकासी सबसे बड़ी समस्या है सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए कभी डीपीआर बनाने के बाद होती है तो कभी सर्वे की योजना बनती है। लेकिन पिछले कई वर्षों से यह योजना अटका पड़ा हुआ है। शहर के लोग भले ही नगरीय टैक्स देते हो। परंतु नगरीय सुविधा से शहर वासी वंचित रह जाते हैं। सीवरेज सिस्टम दुरुस्त नहीं रहने से
शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोग जल जमाव की समस्या और दूषित पानी पीने को विवश है। जलजमाव की समस्या से यहां के लोग आये दिन जूझते रहते हैं।


















Body:सरकारी स्तर पर हरेक शहरी इलाके में सीवरेज की व्यवस्था की जानी है, लेकिन यहां सीवरेज की व्यवस्था पूरी तरह से फेल है। शहर के कई इलाकों के लोग प्रथम लेयर का ही पानी पीते हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि आम लोगों के स्वास्थ्य पर कितना बड़ा खतरा उत्पन्न होगा। नगर परिषद गोपालगंज क्षेत्र में करीब 4 साल पूर्व से सीवरेज की व्यवस्था लागू करने का प्लान बनाया जा रहा है। लेकिन यह व्यवस्था आज भी कागज से बाहर नहीं आ सकी। जिला मुख्यालय के अलावा बरौली मीरगंज व कटेया शहरी क्षेत्रों में सीवरेज की कोई भी व्यवस्था नहीं है। साथ ही कई जगह नाली की भी व्यवस्था नहीं है। कहीं नाली की व्यवस्था है भी तो वह आपस में कनेक्ट नहीं है। ताकि एक साथ पानी को एक जगह बहाया जा सके। आलम यह है कि नाले का पानी सड़कों पर बहता है। सबसे ज्यादा समस्या तब होती है जब चंद बारिश में बारिश का पानी सड़कों पर नजर आने लगता है। जिससे आम से लेकर खास तक के लोगों को समस्या होती है। साथ ही शहर से निकलने वाली गंदगी बगैर सीवरेज और ट्रीटमेंट प्लांट के सीधे भूजल में प्रवेश कर रही है। ऐसे में भूजल के दूषित होने का प्रतिशत लगातार बढ़ता जा रहा है। जिला मुख्यालय व आसपास के इलाके में प्रथम लेयर का पानी पीने योग्य नहीं है। ऐसे में प्रथम लेयर का पानी पीना स्वास्थ्य को खतरे में डालने के जैसा है। बावजूद इसके रोकने के लिए कोई भी कार्य व्यवस्था नहीं की गई।स्थानीय लोगों के माने तो शहर में सीवरेज की कोई व्यवस्था नहीं है। कई जगहों पर नाला नहीं है नाला है भी तो एक दूसरे से कनेक्ट नहीं है। जिस कारण जल जमाव की स्थिति बनी रहती है।नाला की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण कई मुख्य सड़कों पर हमेशा जलजमाव की समस्या बनी रहती है। वही नगर परिषद के चेयरमैन हरेंद्र चौधरी के माने क्षेत्र में तो सीवरेज नेटवर्क बनाने की योजना पर तेजी से कार्य किया जाएगा इसके लिए एक प्रस्ताव बोर्ड के माध्यम से लिया गया है हमलोग इस प्रस्ताव को नगर विकास व आवास विभाग के माध्यम से केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के पास भेजा जा रहा है ताकि हम लोगो को राशि आवंटित हो सके ताकि सीवरेज लाइन का लाभ नगरवासियों को मिल सके।


Conclusion:na
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