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Devshila Yatra: देवशिला शालिग्राम पहुंची गोपालगंज, भक्तों ने किया भव्य स्वागत

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Published : Jan 31, 2023, 4:18 PM IST

Updated : Jan 31, 2023, 5:10 PM IST

Shaligram Stone नेपाल से अयोध्या जा रही देवशिलाएं गोपालगंज पहुंच (Devshila Shaligram reached Gopalganj) गई है. दरअसल, नेपाल से देवशिला शालिग्राम अयोध्या ले जाया जा रहा है. इस दौरान देशशिला यात्रा देखने और उसके स्वागत के लिए लोग जगह-जगह इंतजार करते नजर आ रहे हैं. गोपालगंज में भी रामभक्तों ने शलिग्राम का भव्य स्वागत किया. इस दौरान इलाका जय श्री राम के नारों गुंजायमान हो उठा. पढ़ें पूरी खबर..

देवशीला शालिग्राम पहुंचा गोपालगंज
देवशीला शालिग्राम पहुंचा गोपालगंज

देवशीला शालिग्राम पहुंचा गोपालगंज

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में अयोध्या जा रही देवशिला शालिग्राम का भव्य स्वागत (Welcome of Devshila Shaligram in Gopalganj) किया गया. देव शिलाएं नेपाल के पोखरा से अयोध्या लाई जा रही है. इसी क्रम में देवशिला शालिग्राम पत्थर मंगलवार को गोपालगंज जिले के डुमरिया घाट पहुंची. यहां सुबह 6 बजे से श्रद्धालुओं की भीड़ शालिग्राम की एक झलक देखने और स्पर्श करने के लिए बेताब थी. जैसे ही देव शिला डुमरिया पुल से गोपालगंज में प्रवेश किया, वैसे ही श्रद्धालुओं ने जय श्री राम का उद्घोष शुरू कर दिया और देव शिला का भव्य स्वागत किया गया.

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सुबह से डुमरिया घाट पर थी श्रद्धालुओं की भीड़ः अयोध्या में होने वाले भगवान श्री राम और मां जानकी की मूर्ति निर्माण के लिए पड़ोसी राष्ट्र नेपाल की काली गंडकी नदी से दो शालिग्राम शिलाएं गोपालगंज के रास्ते अयोध्या के लिए रवाना हुई, जो मंगलवार को डुमरिया पुल पहुंची. इस दौरान सड़क के दोनों ओर श्रद्धालुओं की भीड़ शिलाओं की एक झलक पाने व स्पर्श करने को बेताब दिखी. इस दौरान रामशिला यात्रा का भव्य रूप से स्वागत किया गया. यहां पुष्प वर्षा, ढोल नगाड़ों की आवाज गूंज उठी. साथ ही जय श्री राम के नारों से संपूर्ण क्षेत्र गुंजायमान रहा. महिलाएं अपने हाथों में जल और दूध लेकर भगवान श्रीराम व माता सीता के शिला पर चढ़ाते हुए अपने परिवार व बच्चों के लिए वरदान मांगते नजर आईं.

26 और 14 टन की है दोनों देवशिलाः जगह जगह इनके स्वागत को विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बजरंग दल सहित दर्जनों हिंदू संगठन के प्रतिनिधि व कार्यकर्ता काफी उत्साहित थे. शिलाएं करीब 6 करोड़ वर्ष पुरानी बताई जा रही है. इनमें से एक शिला का वजन 26 टन, जबकि दूसरे का 14 टन है. श्याम वर्ण की ये दो विशाल शिलाएं विश्व हिंदू परिषद द्वारा अयोध्या लाई जा रही है. विभिन्न स्वरूपों में मिलने वाले श्याम वर्ण के श्रीशालिग्राम भगवान केवल नेपाल के काली गंडकी नदी या कृष्णा गंडकी नदी में ही मिलते हैं, इसे नारायणी के नाम से भी जाना जाता.

"देवशिला शालिग्राम की शिला हमलोगों के क्षेत्र से गुजरी है. इससे हमारे क्षेत्र की भूमि पवित्र हो गई. हमलोग घंटों से यहां इंतजार कर रहे थे. लगभग सुबह 6 बजे से हमलोग उनके इंतजार में खड़ी थी. आज हमलोग इन दोनों शिलाओं के दर्शन से धन्य हो गए" - अनिमा पांडेय, महिला श्रद्धालु

नेपाल से अयोध्या जा रही है शिलाः शलिग्राम पत्थर को नेपाल के पोखरा स्थित कालीगंडक से उठाकर अयोध्या ले जाया जा रहा है. इससे पहले देवशिला का मधुबनी और अन्य जगहों पर स्वागत किया गया था. अब यह आगे मोतिहारी होते हुए मुजफ्फरपुर से सीधे गोरखपुर के लिए रवाना हो जाएगी. इस बीच भी जगह-जगह लोग इसके इंतजार में और स्वागत के लिए खड़े हैं. अयोध्या में इन्ही दो पवित्र पत्थरों से भगवना श्रीराम और माता सीता की मूर्ति का निर्माण किया जाएगा.

Last Updated :Jan 31, 2023, 5:10 PM IST
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