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आस्था  कहें या अंधविश्वासः दुर्गा मंदिर में लगता है भूतों का मेला, प्रेत बाधाओं से मिलती है मुक्ति

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Published : Apr 9, 2022, 3:05 PM IST

Updated : Apr 9, 2022, 3:28 PM IST

भूतों का मेला
भूतों का मेला

गोपालगंज में (Chaiti Navratr in gopalgang) चैत्री नवरात्र के मोके पर हर साल दुर्गा मंदिर में सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. लोगों का कहना है कि यहां आने वाले भक्तों पर मां की असीम कृपा होती है और उनके दुख व रोग भी नष्ट हो जाते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

गोपालगंजः बिहार के कई जिलों में आज भी लोग अंधविश्वास में डूबे हैं. अपनी बिमारी और परेशानी को दूर करने के लिए ओझा और बाबा का सहारा लेते हैं. इनका विश्वास तांत्रिक पर इतना हो जाता है कि इसे ये भगवान की कृपा मानते हैं. गोपालगंज (Crowd Of Devotees In Durga Bhavani Temple) जिले के थावे प्रखण्ड के लछवार गांव से ऐसी ही एक तस्वीर सामने आई है, जहां मंदिर में भूतों का जमघट लगता है. यानि यहां लोगों पर सवार भूतों को भगाया जाता है. यहां स्थित दुर्गा मंदिर में आने वाले भक्तों की हर पीड़ा दूर हो जाती है.

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मिलती है प्रेत बाधा से मुक्तिः दरअसल हर साल नवरात्र के मौके पर दुर्गा मंदिर में दूर दराज से भक्त आते हैं. कहा जाता है कि यहां आने वाले भक्तों को मां की असीम कृपा प्राप्त होने के साथ ही उनके दुख व रोग भी नष्ट हो जाते हैं. यहीं कारण है कि एतिहासिक लछवार धाम को यहां प्रेत बाधा से मुक्ति धाम भी कहा जाता है. या यूं कहें कि इस स्थान पर भूतों का जमघट लगता है. वैसे तो इस स्थान पर हमेशा ही भीड़ देखने को मिलती है. लेकिन शारदीय नवरात्र हो या फिर चैती नवरात्र में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है.

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यूपी और नेपाल से भी आते हैं लोगः यहां सिर्फ गोपालगंज के ही नहीं बल्कि आस-पास के जिलों के साथ यूपी और नेपाल तक से भक्त मां का दर्शन करने आते हैं और असाध्य से असाध्य पीड़ा से मुक्ति पाकर अपने घरों को लौटते हैं. नवरात्र में तो यहां अजब नजारा देखने को मिलता है. कहीं औरतें जोर-जोर से सिर हिला रही होती हैं, तो कहीं कोई महिला दौड़ लगा रही होती हैं. ना कपड़ों की चिंता और ना ही आसपास खड़े लोगों का कोई असर. संवेदनहीन दिख रही महिलाओं पर शायद भूतों का असर होता है. हर व्यक्ति अपने आप में मस्त. ऐसी मान्यता है कि यहां के मिट्टी के स्पर्श मात्र से प्रेतात्माएं शरीर छोड़ देते हैं.

सैकड़ों लोग रोजना पहुंचते हैं यहांः स्थानीय लोग बताते हैं कि पूर्व में यह देवी स्थान गांव के पश्चिम दिशा में स्थापित था. लगभग सौ साल पूर्व नारायण टोला सिंहपुर निवासी बाबा कल्लू पाण्डेय को देवी ने दर्शन दिया और कहा कि मेरे इस स्थान को गांव के पूरब दिशा में ले चलो. इसके बाद बाबा ने नारायणपुर पंडित टोला के पूरब (लक्षवार धाम) में देवी के स्थान को अपने ही जमीन में स्थापित किया और देवी का पिंड रख एक कोठरी बनाकर रहने लगे. इसी बीच लोग देवी स्थान के दर्शन के लिए इस स्थान पर आने लगे और कई असाध्य रोग व प्रेतात्माओं से मुक्ति मिलने लगी. यह बात धीरे-धीरे फैलती गई. अब इस मंदिर में प्रेत बाधा मुक्ति के लिए रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग आते हैं.


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Last Updated :Apr 9, 2022, 3:28 PM IST
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