गया: गया रेलवे स्टेशन के निर्माणाधीन मुख्य द्वार पर भगवान विष्णु का चरणचिह्न नहीं लगाया गया. इसको लेकर गयापाल पंडा समाज के लोग खासे नाराज हैं. गयापाल पंडा समाज के लोगों ने इसका विरोध भी जताया है.
इसे लेकर पंडा समाज के लोगों ने एक आपात बैठक की. जिसमें पंडा समाज के कई गणमान्य लोग शामिल हुए. बैठक में शामिल श्याम विट्ठल ने कहा कि गया रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार के भवन का जीर्णोद्धार कार्य हो रहा है. जहां भगवान बुद्ध की प्रतिमा लगाई गई है. जबकि विगत कई वर्षों से वे लोग वहां पर भगवान विष्णु के चरणचिन्ह लगाने की मांग कर रखी है.
षड़यंत्र के तहत भगवान विष्णु का चरणचिह्न नहीं लगाया
उन्होंने कहा कि एक षड़यंत्र के तहत जानबूझकर भगवान विष्णु का चरणचिह्न नहीं लगाया जा रहा. गयाजी मोक्षधाम के रूप में पूरे विश्व में जाना जाता है. प्रत्येक वर्ष आश्विन माह में 15 दिनों का पितृपक्ष मेला लगता है. जिसमें देश-विदेश से लाखों की संख्या में तीर्थयात्री आते हैं और अपने पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं. भगवान विष्णु वेदी सहित अन्य पिंड वेदियों पर श्राद्ध कर्मकांड होता है.
भगवान बुद्ध का विरोध नहीं
उन्होंने कहा कि वे लोग भगवान बुद्ध का विरोध नहीं करते हैं. उनकी मांग है कि बुद्ध की प्रतिमा के साथ-साथ भगवान विष्णु का चरणचिह्न भी लगाया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन करते हुए रेल चक्का जाम किया जाएगा.
मांगों को किया नजरअंदाज
वहीं विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के पूर्व सचिव विनोद लाल मेहरवार ने कहा कि विगत 6 वर्षों से रेलवे स्टेशन पर प्रतिमा लगाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन रेलवे द्वारा उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है. जो कहीं से भी सही नहीं है.
लोगों में आक्रोश
अनादिकाल से भगवान विष्णु हिंदुओं के देवता रहे हैं. ऐसे में उनकी प्रतिमा को नहीं लगाए जाने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो व्यापक आंदोलन किया जाएगा.इस बैठक में वार्ड पार्षद चंदू देवी, सुदामा दुबे, मणिलाल बारिक, अमरनाथ धोकड़ी, बबलू बारिक, संतोष कटिरयार, मुना गुर्दा, सहित कई लोग उपस्थित लोग उपस्थित थे.