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गया जंक्शन पर भगवान विष्णु का चरणचिन्ह नहीं लगाए जाने पर गयापाल पंडा समाज ने जताया विरोध

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Published : Apr 19, 2019, 3:30 PM IST

पंडा समाज के लोगों ने एक आपात बैठक की. जिसमें पंडा समाज के कई गणमान्य लोग शामिल हुए. बैठक में शामिल श्याम विट्ठल ने कहा कि गया रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार के भवन का जीर्णोद्धार कार्य हो रहा है.

पंडा समाज

गया: गया रेलवे स्टेशन के निर्माणाधीन मुख्य द्वार पर भगवान विष्णु का चरणचिह्न नहीं लगाया गया. इसको लेकर गयापाल पंडा समाज के लोग खासे नाराज हैं. गयापाल पंडा समाज के लोगों ने इसका विरोध भी जताया है.

इसे लेकर पंडा समाज के लोगों ने एक आपात बैठक की. जिसमें पंडा समाज के कई गणमान्य लोग शामिल हुए. बैठक में शामिल श्याम विट्ठल ने कहा कि गया रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार के भवन का जीर्णोद्धार कार्य हो रहा है. जहां भगवान बुद्ध की प्रतिमा लगाई गई है. जबकि विगत कई वर्षों से वे लोग वहां पर भगवान विष्णु के चरणचिन्ह लगाने की मांग कर रखी है.

षड़यंत्र के तहत भगवान विष्णु का चरणचिह्न नहीं लगाया

उन्होंने कहा कि एक षड़यंत्र के तहत जानबूझकर भगवान विष्णु का चरणचिह्न नहीं लगाया जा रहा. गयाजी मोक्षधाम के रूप में पूरे विश्व में जाना जाता है. प्रत्येक वर्ष आश्विन माह में 15 दिनों का पितृपक्ष मेला लगता है. जिसमें देश-विदेश से लाखों की संख्या में तीर्थयात्री आते हैं और अपने पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं. भगवान विष्णु वेदी सहित अन्य पिंड वेदियों पर श्राद्ध कर्मकांड होता है.

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गया रेलवे स्टेशन

भगवान बुद्ध का विरोध नहीं

उन्होंने कहा कि वे लोग भगवान बुद्ध का विरोध नहीं करते हैं. उनकी मांग है कि बुद्ध की प्रतिमा के साथ-साथ भगवान विष्णु का चरणचिह्न भी लगाया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन करते हुए रेल चक्का जाम किया जाएगा.

मांगों को किया नजरअंदाज

वहीं विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के पूर्व सचिव विनोद लाल मेहरवार ने कहा कि विगत 6 वर्षों से रेलवे स्टेशन पर प्रतिमा लगाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन रेलवे द्वारा उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है. जो कहीं से भी सही नहीं है.

पंडा समाज का आंदोलन

लोगों में आक्रोश

अनादिकाल से भगवान विष्णु हिंदुओं के देवता रहे हैं. ऐसे में उनकी प्रतिमा को नहीं लगाए जाने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो व्यापक आंदोलन किया जाएगा.इस बैठक में वार्ड पार्षद चंदू देवी, सुदामा दुबे, मणिलाल बारिक, अमरनाथ धोकड़ी, बबलू बारिक, संतोष कटिरयार, मुना गुर्दा, सहित कई लोग उपस्थित लोग उपस्थित थे.

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गया जंक्शन पर भगवान विष्णु का चरण चिन्ह नहीं लगाए जाने पर गयापाल पंडा समाज ने जताया विरोध,
कहा- अगर विष्णु चरण नहीं लगा तो उग्र आंदोलन कर रेलवे का होगा चक्का ।



Body:गय: गया रेलवे स्टेशन के निर्माणाधीन मुख्य द्वार पर भगवान विष्णु का चरणचिह्न नही लगाए जाने को लेकर गयापाल पंडा समाज के लोग खासे नाराज हैं। गयापाल पंडा समाज के लोगों ने इसका विरोध भी जताया है। इसे लेकर पंडा समाज के लोगों ने एक आपात बैठक की। जिसमें पंडा समाज के कई गणमान्य लोग शामिल हुए।
बैठक में शामिल श्याम विट्ठल ने कहा कि गया रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार के भवन का जीर्णोद्धार कार्य हो रहा है। जहां भगवान बुद्ध की प्रतिमा लगाई गई है। जबकि विगत कई वर्षों से हम लोगों ने वहां पर भगवान विष्णु के चरणचिन्ह लगाने की मांग कर रखी है। लेकिन एक षड़यंत्र के तहत जानबूझकर भगवान विष्णु का चरणचिह्न नही लगाया जा रहा। उन्होंने कहा कि गयाजी मोक्षधाम के रूप में पूरे विश्व में जाना जाता है। प्रत्येक वर्ष आश्विन माह में 15 दिनों का पितृपक्ष मेला लगता है। जिसमें देश-विदेश से लाखों की संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। और अपने पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं। भगवान विष्णु वेदी सहित अन्य पिंड वेदियों पर श्राद्ध कर्मकांड होता है। प्रतिवर्ष लगभग 2 लाख से भी ज्यादा तीर्थयात्री गयाधाम में पहुंचते हैं। इस दौरान रेलवे भी मेला सरचार्ज के रूप में करोड़ों रुपए यात्रियों से वसूल करती है। रेलवे स्टेशन से बोधगया की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है। जबकि गया रेलवे स्टेशन से विष्णुपद मंदिर की दूरी मात्र 3 किलोमीटर है। फिर भी रेलवे स्टेशन पर भगवान विष्णु का चरणचिन्ह न लगाकर भगवान बुद्ध की प्रतिमा लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हमलोग भगवान बुद्ध का विरोध नहीं करते हैं। हमारी मांग है कि बुद्ध की प्रतिमा के साथ-साथ भगवान विष्णु का चरणचिह्न भी लगाया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन करते हुए रेल चक्का जाम किया जाएगा।
वही विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के पूर्व सचिव विनोद लाल मेहरवार ने कहा कि विगत 6 वर्षों से हमलोग रेलवे स्टेशन पर प्रतिमा लगाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन रेलवे द्वारा हमारी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। जो कहीं से भी सही नहीं है। अनादिकाल से भगवान विष्णु हिंदुओं के देवता रहे हैं। ऐसे में उनकी प्रतिमा को नही लगाए जाने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है। हमारी मांग पूरी नहीं गई तो व्यापक आंदोलन किया जाएगा।
इस बैठक में वार्ड पार्षद चंदू देवी, सुदामा दुबे, मणिलाल बारिक, अमरनाथ धोकड़ी, बबलू बारिक, संतोष कटिरयार, मुना गुर्दा, सहित कई लोग उपस्थित लोग उपस्थित थे।

बाइत- श्याम विट्ठल, स्थानीय पंडा।
बाइट- विनोद लाल मेहरवार, पूर्व सचिव, विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति ।

रिपोर्ट- प्रदीप कुमार सिंह
गया



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