गया: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में हुई बगावत के बाद लगातार खींचतान जारी है. दो फाड़ हो चुकी पार्टी की इस स्थिति को देखते हुए अब जनाधार वाले क्षेत्रों में भी लोगों ने अपनी आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी है. गया के टिकारी प्रखंड के ईटहोरी और सिंगापुर गांव में ग्रामीणों ने चिराग पासवान (Chirag Paswan) को समर्थन देने की बात कही है. लोजपा के पांचों सांसदों के बगावत से ग्रामीणों में काफी नाराजगी है.
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चिराग का समर्थन
ईटहोरी और सिंगापुर गांव के ग्रामीण चिराग पासवान के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद करने लगे हैं. जिले के टिकारी प्रखंड का ईटहोरी व सिंगापुर गांव पासवान बहुल है. इन गांवों के ग्रामीण अब खुलकर अपनी आवाज बुलंद करने लगे हैं. पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी चिराग पासवान को खुलकर अपना समर्थन दे रही हैं.
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'स्व. रामविलास पासवान ने पार्टी को अपने खून-पसीने से सींचा था. उन्होंने ही पार्टी बनाई थी लेकिन उसी पार्टी के 5 सांसद बगावत कर अलग हो गए. उन्होंने परिजनों के साथ-साथ नेताओं को भी ठगने का काम किया है. ऐसे बगावत करने वाले लोगों से सावधान रहने की जरूरत है. ऐसी परिस्थिति में हम लोगों का पूरा समर्थन चिराग पासवान के साथ है. वही हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.'- बेचन प्रसाद चंद्रवंशी, ईटहोरी गांव निवासी
'पूर्व में भी हम लोग रामविलास पासवान को ही अपना नेता मानते थे. अब वे नहीं रहे. उनके पुत्र चिराग पासवान को हम लोग जानते हैं, और उन्हीं को अपना नेता मानते हैं.'- कांति देवी, ईटहोरी गांव निवासी
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बागियों के खिलाफ ग्रामीण
चिराग पासवान (Chirag Paswan) के चचेरे भाई और समस्तीपुर से सांसद प्रिंस राज पासवान (Prince Raj Paswan), वैशाली से सांसद वीणा देवी (Veena Devi), खगड़िया से सांसद महबूब अली कैसर (Mehboob Ali Kaiser), नवादा से सांसद चंदन सिंह (Chandan Singh) और पशुपति कुमार पारस (Pashupati Paras) का ग्रामीण खुलकर विरोध कर रहे हैं.
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'हमलोग शुरू से ही लोजपा के समर्पित कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते रहे हैं. जब प्रिंस राज इस इलाके में प्रचार-प्रसार के दौरान आए थे, तब हम लोगों ने तन-मन-धन से उनकी मदद की थी, लेकिन उनके साथ 5 सांसदों ने बगावत कर दिया. उन्होंने ना सिर्फ पार्टी को धोखा दिया, बल्कि हम कार्यकर्ताओं और समर्थकों को भी धोखा दिया है.'- अजय कुमार पासवान, लोजपा प्रखंड अध्यक्ष, टिकारी
दो खेमों में बंटी लोजपा
बता दें टूट के बाद से लोजपा दो खेमों में बंट गयी है. एक खेमा चिराग पासवान के साथ है तो दूसरा खेमा पशुपति कुमार पारस का समर्थन किया है. छह में से पांच सांसद बागी हो गए हैं. चिराग के चाचा एवं सांसद पशुपति कुमार पारस बागी गुट का नेतृत्व कर रहे हैं.