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चंद्रयान 2 मून लैंडिंग : 'मोदी जी आप ही हमेशा देश के प्रधानमंत्री बने रहिए'

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Published : Sep 6, 2019, 2:44 PM IST

Updated : Sep 6, 2019, 8:23 PM IST

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सौम्या का कहना है कि जब वह पीएम मोदी से मिलेंगी, तो कहेंगी कि आप ही देश के प्रधानमंत्री हमेशा के लिए बने रहिए. मैं उनसे काफी प्रभावित हैं.

गयाः बोधगया को ज्ञान की धरती कहा जाता है. गौतम बुद्ध को इसी धरती पर ज्ञान की प्राप्ति हुआ थी. अब बोधगया इन दिनों देश में फिर से ज्ञान के लिए चर्चा में है. क्योंकि बोधगया की रहनेवाली एक छात्रा सौम्या शर्मा को सात सितंबर को चंद्रयान 2 मून लैडिंग प्रधानमंत्री के साथ देखने का मौका मिला है. ये मौके सौम्या को तब मिला जब उसने अपने ज्ञान के बल पर इसरो के जरिए आयोजित ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता में जीत हासिल की. इसरो की ओर से आयोजित इस प्रतियोगिता में बिहार के दो बच्चों ने सफलता हासिल की है. इसमें पटना के हर्ष प्रकाश नाम भी शामिल है.

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पढ़ाई करती सौम्या शर्मा

सौम्या के लिए खास है 7 सितंबर का दिन
7 सितंबर का दिन हर्ष और सौम्या के लिए बहुत खास होगा. जब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चंद्रयान 2 को चंद्रमा के कक्षा में स्थापित होते देखेंगे. देश से लगभग 72 विद्यार्थियों ने इस क्विज प्रतियोगिता में सफलता हासिल की है. यह सभी छात्र चंद्रयान 2 को चंद्रमा के कक्ष में स्थापित होते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इसरो में बैठकर देखेंगे. ईटीवी भारत से खास बातचीत में सौम्या शर्मा ने बताया कि वह काफी उत्साहित हैं. प्रधानमंत्री मोदी से मिलना और चंद्रयान 2 को मून पर लैडिंग होते हुए इसरो में बैठकर देखना उनके लिये सपने जैसा है. सौम्या का कहना है कि जब वह पीएम मोदी से मिलेंगी तो कहेंगी कि आप ही देश के प्रधानमंत्री हमेशा के लिए बने रहिए. मैं उनसे काफी प्रभावित हैं.

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बहनों के साथ सौम्या शर्मा

नवादा की रहने वाली हैं सौम्या
बता दें कि सौम्या नवादा जिला के वारसलीगंज प्रखंड के बाली गांव की रहने वाली है. वो तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी है. सौम्या के पिता राजनंदन शर्मा रिलायंस पैट्रोलियम में इंजीनियर हैं और मां मोनिका कुमारी गृहिणी हैं. सौम्या का परिवार बोधगया में दोमुहान के पास धनवा रोड में एक किराए के मकान में रहता है. दोमुहान के पास ही एक निजी स्कूल में सौम्या पढ़ाई करती है.

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परिवार वालों के साथ न्यूज देखती सौम्या

प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का सपना होगा पूरा
सौम्या ने बताया कि इस प्रतियोगिता में हाई लेबल के प्रश्न थे. सौम्या कक्षा आठ की छात्रा हैं जबकि सवाल नवमी और दशमी कक्षा का पूछा गया था. हालांकि सौम्या पूरी तैयारी के साथ गई थी. इस प्रतियोगिता के बारे में सौम्या को उसके पापा ने बताया था, जिनकों इस बात की जानकारी पीएम मोदी के कार्यक्रम 'मन की बात से मिली थी.

सौम्या से संवाददाता ने की खास बातचीत

वैज्ञानिक बनने का है सौम्या का सपना
सौम्या का कहना है कि इस प्रतियोगिता में सफल होने के बाद मुझे और मेरे परिवार को एक पहचान मिली है. लोग अब मुझे जानने लगे हैं. मुझे आगे चलकर वैज्ञानिक बनना है. मेरी प्रेरणास्रोत में मेरी दादी है, जो हमेशा मुझे पढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं. इस क्विज में सफलता हासिल करने के बाद मेरी दादी और नान-नानी बहुत खुश हैं.

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परिवार वालों के साथ न्यूज देखती सौम्या

पिता बोले मुझे अपनी बेटी पर गर्व है
सौम्या के पिता राजनंदन शर्मा बताते हैं प्रतियोगिता के लिए सौम्या ने चार-पांच दिन तैयारी की. 10 मिनट में 20 सवालों का जवाब देना था. लेकिन सौम्या ने सिर्फ 8 मिनट में ही सभी सवालों का जवाब दे दिया. 29 अगस्त को ईमेल से इस प्रतियोगिता में सफलता होने की सूचना मिली. 30 अगस्त को इसरो से आमंत्रण मिला. सौम्या के पिता ने कहा कि मुझे अपनी बेटी पर गर्व है.

स्पेशल पैकेज

दोगुनी हुई सौम्या की मां की खुशी
सौम्या की मां मोनिका कुमारी बताती हैं कि सौम्या की सफलता से पूरे घर में खुशी का माहौल है. सौम्या का सपना पूरा हो रहा है, इससे मुझे दोगुनी खुशी है. सौम्या शुरू से मेधावी है, हमेशा कुछ अलग करना चाहती है. दादी का विश्वास था उनकी पोती एक दिन कुछ बड़ा करेगी. मैं इसरो से कहना चाहती हूं कि इस तरह की प्रतियोगिता हमेशा आयोजित कराते रहें, ताकि अन्य प्रतिभाशाली बच्चों को भी मौका मिले.

Intro:गया का बोधगया को ज्ञान की धरती कहा जाता है। गौतम बुद्ध को इसी धरती पर ज्ञान की प्राप्ति हुआ था। बोधगया इन दिनों देश मे फिर से ज्ञान के अव्वल के लिए चर्चा में है। बोधगया के रहनेवाली सौम्या शर्मा को सात सितंबर को चंद्रयान 2 मून लैडिंग प्रधानमंत्री के साथ देखने के लिए आमंत्रित किया गया है। कक्षा 8 की सौम्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चंद्रयान 2 को चंद्रमा के कक्षा में स्थापित होते देखेगी। इसरो के आमंत्रण मिलने पर सौम्या के घर मे जश्न का माहौल बना हैं।


Body:इसरो द्वारा आयोजित ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता में बिहार के दो छात्रों ने सफलता हासिल किया है जिसमें पटना से हर्ष प्रकाश और बोधगया से सौम्या शामिल है देश से लगभग 72 विद्यार्थी इस क्विज प्रतियोगिता में सफलता पाए हैं। यह सभी छात्र 7 सितंबर को चंद्रयान 2 को चंद्रमा के कक्षा में स्थापित होते हुए देश के प्रधानमंत्री के साथ इसरो में बैठकर देखेगे। गया के बोधगय के रहनेवाली सौम्या से ईटीवी ने खास बातचीत की।

सौम्या शर्मा ने बताया मैं काफी उत्साहित हूं प्रधानमंत्री से मिलने के लिए और चंद्रयान 2 को मून पर लैडिंग होते हुए इसरो में बैठकर देखना। मैं अधिकांश समय टीवी पर डिस्कवरी चैनल और साइंस से जुड़ी चीजो को देखती हूं। इस क्विज प्रतियोगिता के लिए पापा ने मुझे बताया था। पापा को मन के बात कार्यक्रम से पता चला था। इस प्रतियोगिता में हाई लेबल के प्रश्न थे मैं आठ वर्ग में हूं सवाल नवमी और दशमी वर्ग की थी। मैं पहले से सारा तैयारी करके गयी थी। मेरा ड्रीम था मैं नरेंद्र मोदी से मिलूं मेरा ड्रीम पूरा होनेवाला हैं। मैं तो मोदी जी से मिलूँगी तो कहूंगी आप ही देश के प्रधानमंत्री हमेशा के लिए बने रहिए। मैं उनसे काफी प्रभावित हूं। इस प्रतियोगिता में सफल होने के बाद मुझे और मेरे परिवार एक पहचान मिला है। लोग अब मुझे जाने लगे हैं। मुझे आगे चलकर वैज्ञानिक बना है। मेरी प्रेरणास्रोत में मेरी दादी शांति देवी है जो हमलोग को पढ़ने के लिए प्रेरित करते रहती है। मेरी दादी और नानी खूब खुश हैं।

सौम्या के पिता राजनंदन शर्मा बताते हैं मन के बात कार्यक्रम इस प्रतियोगिता के बारे में सुना था। उसका लिंक खोजकर अप्लाई करवाया। प्रतियोगिता के लिए चार-पांच दिन की तैयारी सौम्या ने किया था। 10 मिनट में 20 सवालों का जवाब देना सौम्या ने महज 8 मिनट में सभी सवालों का जवाब दे दी थी। 29 अगस्त को ईमेल से इस प्रतियोगिता में सफलता होने की सूचना मिला। 30 अगस्त को इसरो से आमंत्रण मिला है। छः सितंबर को रांची से बेंगलुरु वायु मार्ग से जायेगे। इसके सफलता से मैं और मेरा पूरा परिवार गौरव महसूस कर रहा है। मेरा पहचान के आगे सौम्या का नाम जुड़ गया है। इससे बड़ा गौरव का पल एक पिता के लिए क्या हो सकता है।

सौम्या की माँ मोनिका कुमारी बताती है सौम्या के सफलता से पूरा घर खुशी का माहौल हैं। सौम्या का सपना पूरा हो रहा है। मुझे दुगनी खुशी है। सौम्या शुरू से मेधावी है जानवरों से काफी लगाव है। हमेशा कुछ अलग करना चाहती है। सौम्या के दादी का विश्वास था उनकी पोती एक दिन कुछ बड़ा करेगीं । मैं ईश्वर और इसरो को धन्यवाद देती हूँ और इसरो से कहना चाहती हूं इस तरह के प्रतियोगिता हमेशा करवाते रहे जिससे अन्य प्रतिभाशाली बच्चों को मौका मिलेगा कुछ अच्छा करने का।



Conclusion:सौम्या मूलतः नवादा जिला के वारसलीगंज प्रखंड के बाली गांव की रहने वाली है।सौम्या तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी है। सौम्या के पिताजी राजनंदन शर्मा रिलायंस पैट्रोलियम में इंजीनियर है। और माँ मोनिका कुमारी ग्रेजुएट है और गृहिणी हैं। सौम्या के परिवार गया के बोधगया में दोमुहान के पास धनवा रोड में एक किराए के मकान में रहते हैं। दोमुहान के पास ही एक निजी स्कूल में सौम्या पढ़ाई करती है।
Last Updated :Sep 6, 2019, 8:23 PM IST
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