लाल इलाके में टूट रहा नक्सलियों का मिथक, कभी खुद रहे 'आतंक'.. आज मांग रहे वोट

author img

By

Published : Oct 6, 2021, 1:56 PM IST

panchayat election in gaya

बिहार के गया में नक्सलियों का मिथक धीरे-धीरे टूट रहा है. इनके भय से बाराचट्टी के पतलुका इलाके के लोग वोट डालने नहीं जाते थे, लेकिन अब विकास को लेकर वोट देने का मन लोगों ने बनाया है. इतना ही नहीं मुख्यधारा में लौटे कई नक्सली भी चुनाव प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

गया: झारखंड राज्य की सीमा से सटे गया जिले के बाराचट्टी थाना क्षेत्र (Barachatti Police Station) के दक्षिणी इलाके में कभी नक्सलियों (Naxalite Area In Gaya Bihar) की तूती बोलती थी. जंगल पहाड़ से घिरे इस इलाके में चुनावों के दौरान नक्सलियों के वोट बहिष्कार के नारों का मुकम्मल पालन किया जाता था. लेकिन आज यहां की तस्वीर बिल्कुल बदल गई है. पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में लोग विकास के नाम पर वोट देने की तैयारी में हैं.

यह भी पढ़ें- बिहार पंचायत चुनाव: नवगछिया में छठे चरण के पहले दिन 152 प्रत्याशियों ने किया नामांकन

पहले इस इलाके के लोग डर से वोट डालने नहीं जाते थे और उम्मीदवार इस इलाके में प्रवेश करने की हिम्मत नहीं जुटाते थे. बाराचट्टी प्रखंड का पतलुका गांव वही इलाका है, जहां आपात स्थिति में लैंड हुए बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष वेंकैया नायडू का हेलीकॉप्टर नक्सलियों ने फूंक दिया था.

देखें वीडियो

लेकिन अब स्थितियां बदल चुकी हैं. यहां के मतदाता विकास के लिए बढ़-चढ़कर मतदान करने की बात कह रहे हैं. उम्मीदवार भी निडर होकर जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं. जहां खून खराबा का माहौल था, वहां अब विकास की बात हो रही है. मुख्यधारा में लौटे कई नक्सली इस पंचायत चुनाव में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से हिस्सा ले रहे हैं.

यह भी पढ़ें- पंचायत चुनाव: छठे चरण के लिए पहले दिन मसौढ़ी में 327 और पुनपुन में 223 उम्मीदवारों ने कराया नामांकन

पूर्व नक्सली नंद सिंह बताते हैं कि जितने वर्षों तक उन्होंने बंदूक उठाये रखा वह उनके जीवन का काला अध्याय था. अब वे समझ चुके हैं कि बंदूक से बदलाव सम्भव नहीं है.

panchayat election in gaya
पूर्व नक्सली नंद सिंह पंचायत चुनाव में आजमा रहे अपनी किस्मत

"क्षेत्र के विकास के लिए चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा ले रहे हैं. अब हमने लोकतंत्र में विश्वास जताया है. और ग्रामीणों के बीच घूम-घूम कर जनसंपर्क अभियान चलाकर वोट मांग रहे हैं. ताकि मौका मिलने पर क्षेत्र का विकास कर सकें."- नंद सिंह, पूर्व नक्सली व प्रत्याशी

वहीं बाराचट्टी क्रमांक संख्या-46 से जिला परिषद के प्रत्याशी अरविंद यादव बताते हैं कि वर्षों तक यह इलाका नक्सलियों के चंगुल में रहा. इस कारण यहां जितना विकास होना चाहिए वह नहीं हो सका.

यह भी पढ़ें- चुनाव जीतने के लिए कुछ भी करेगा! छपरा में 'बोलेरो डांस'... आपने देखा क्या

"शिक्षा और सिंचाई क्षेत्र की प्रमुख समस्या है. नक्सलवाद के कारण यहां विकास अवरुद्ध रहा. हम जनता के बीच जाकर यह जानकारी दे रहे हैं कि अगर मौका मिलता है तो इस क्षेत्र का व्यापक विकास करेंगे."- अरविंद यादव, जिला परिषद उम्मीदवार, बाराचट्टी

वही धनगाई गांव निवासी मनोज कुमार कहते हैं कि नक्सलवाद ने इस क्षेत्र के विकास को वर्षों रोके रखा. क्षेत्र में विकास के नाम पर कोई काम नहीं हुआ. यही वजह है कि इस क्षेत्र के बच्चे सरकारी नौकरियों में रोजगार नहीं पा सके.

"अब हम लोग विकास चाहते हैं. हर हाल में हम लोग पंचायत चुनाव में बूथ पर वोट देने जाएंगे और अपनी सरकार चुनेंगे. विकास हम लोगों का मुख्य मुद्दा है."- मनोज कुमार, मतदाता

बाराचट्टी इलाके में जहां कभी नक्सलियों की तूती बोलती थी और उनकी मर्जी के बिना कुछ नहीं होता था. अब वहां के लोग विकास चाहते हैं और इसी मुद्दे पर अपने मत का प्रयोग करने का मन बना चुके हैं. प्रत्याशी भी जनता से वोट देने की अपील कर रहे हैं. वहीं कई ऐसे प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में हैं जो पहले नक्सली हुआ करते थे. लेकिन अब मुख्यधारा में लौट आए हैं. अब पंचायत चुनाव में नक्सलियों का मिथक टूट रहा है. ग्रामीणों ने जज्बा दिखाया है. ग्रामीण कहते हैं कि हर हाल में वोट देंगे और अपनी सरकार चुनेंगे. वहीं कई नक्सली भी लोकतंत्र में विश्वास रखते हुए इस क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं या फिर प्रचार प्रसार में शामिल हो रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.