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हद हो गई ! नरक से भी बदतर है धार्मिक नगरी की ये गली.. यहां से निकलना भी मुमकिन नहीं

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Published : Aug 15, 2021, 8:03 PM IST

Updated : Aug 16, 2021, 10:09 AM IST

बिहार की धार्मिक नगरी गया शहर में रहने वाले लोग घरों से और शौचालयों से निकलने वाले पानी के सड़कों पर जम जाने से परेशान हैं. लोगों को गंदे पानी में होकर निकलना पड़ रहा है. रास्ते में गंदा पानी होने से बीमारियों का खतरा भी सता रहा है.

गंदा पानी
गंदा पानी

गया: बिहार के अधिकतर जिलों में बाढ़ (Flood in Bihar) से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. घरों में पानी भर जाने से लोगों को पलायन करना पड़ रहा है. वहीं, धार्मिक नगरी गया (Religious city Gaya) में नाला नहीं होने से सड़कों पर गंदा पानी (Dirty water on the roads) आ गया गया है. नगर निगम क्षेत्र के माड़नपुर में बाढ़ जैसी हालात बनी हुई है. शहर के पॉश इलाकों में भी स्थिति काफी खराब है. शहर के रामपुर थाने के ठीक सामने पिछले दो माह से सीवरेज का पानी सड़क पर बह रहा है. आम लोगों ने इसकी शिकायत नीचे से लेकर ऊपर तक बैठे अधिकारियों से की. जहां आश्वासन तो मिला लेकिन नाले के पानी से निजात नहीं मिली.

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बता दें कि गया शहर के रामपुर थाने के सामने घराना टावर और घराना अपार्टमेंट है. मुख्य सड़क से इन दोनों अपार्टमेंट में जाने वाले रास्ते में नाली का बदबूदार पानी जमा है. रास्ते में घरों और शौचालयों से निकलने वाला पानी भरा है. अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों का कहना है कि टैक्स भुगतान करने के बावजूद ये स्थिति बनी है.

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घराना अपार्टमेंट में रहने वाले संजय शर्मा ने बताया कि इस रास्ते में नाले का निर्माण कर दिया गया है. लेकिन नाले के पानी की निकासी नहीं है. पड़ोस में घराना टावर और होटल बना, जिससे नाली का पानी सड़क पर आ गया. नगर निगम में इसकी शिकायत किया. सुनवाई नहीं होने पर मगध प्रमण्डल आयुक्त को ज्ञापन दिया. उन्होंने नगर आयुक्त को आदेश दिया है. नगर निगम ने थोड़ा सा काम किया लेकिन पानी नहीं निकला. अब यह पानी बहुत ही गंदा हो गया है. इसके बदबू से लोग अपने घर की खिड़की बंद करके रह रहे हैं. हम लोग समय से निगम को टैक्स का भुगतान करते हैं. उसके बावजूद ये हालात है.

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मर्चेंट नेवी के जवान रणजीत कुमार ने बताया कि मैं छुट्टियां पर घर आया हूँ. पिछले दो माह से जूता नहीं पहनना हूं. इस पानी की दुर्गंध की वजह से यहां रहना मुश्किल हो गया है. नगर निगम की तरफ से नाले के पानी की निकासी की व्यवस्था होती तो, ऐसी दिक्कत नहीं होती. इससे सिर्फ एक अपार्टमेंट के लोगों को नहीं, लगभग 100 घरों के लोग परेशान हैं. नगर निगम को सूचना दिया तो नगर निगम ने पानी निकालने की टंकी भेजी. उससे पानी तो नहीं निकला लेकिन स्थिति और खराब हो गयी.

नगर निगम के नगर आयुक्त सावन कुमार इसका दोष घराना टावर के आर्किटेक्ट को दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब तक घराना टावर नही बना था, तो जलजमाव की स्थिति नहीं थी. घराना टावर के आर्किटेक्ट ने नाली के पानी की कोई व्यवस्था नहीं की. गया नगर निगम आर्किटेक्ट पर मुकदमा करेगी. अभी वर्तमान में कच्ची नाली से पानी निकाला जाएगा. 24 लाख की लागत से जल्द ही पक्की नाली बनायी जाएगी.

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Last Updated :Aug 16, 2021, 10:09 AM IST
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