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गया: जहरीला घास खाने से 5 मवेशियों की मौत, पीड़ित ने लगायी मदद की गुहार

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Published : May 2, 2022, 7:11 PM IST

गया के बड़का करासन गांव में एक किसान के 5 पशुओं की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि जहरीला घास (poisonous grass in gaya) खाने से सभी मवेशियों की मौत हो गयी. घास खाने के कुछ ही समय बाद सारे भैंस जमीन पर गिर पड़े. पढ़ें पूरी खबर..

Death of animals in Karasan village
Death of animals in Karasan village

गया: जिले के इमामगंज प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत दुबहल के बड़का करासन गांव (Death of animals in Karasan village) में जहरीली घास खाने से कई मवेशियों की मौत (cattle death in gaya) हो गई है. सभी मवेशी देवराज यादव नाम के किसान के थे. जहरीली घास खाने से उक्त किसान के 5 मवेशियों की मौत हो गई. दुधारू पशु 5 भैंस की मौत के बाद आश्रित परिवार के जीविकोपार्जन का सहारा छिन गया है.

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जहरीला घास खाने से मवेशियों की मौत: पीड़ित देवराज यादव ने बताया कि संध्या 6 बजे पांच भैंस घास चरने गई थी. वहां पर सुदामा नामक घास खाया, जिसके कुछ ही क्षण के बाद पांचों भैंसों की अचानक मौत हो गई. लोगों का कहना है कि सुदामा घास सामान्य तौर पर जानवर खाते हैं, किंतु पटवन नहीं होता है तो यही घास मौत का कारण बन जाता है. इस तरह के घास खाने से मवेशियों की मौत हो जाती है.

परिवार में मचा कोहराम : पांच मवेशियों की मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है. बताया जाता है कि यही जानवर उनके परिवार का सहारा थे. मवेशियों की मौत के बाद उन्हें और उनके परिवार को बड़ा झटका लगा है. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. उनके पास एक बीघा भूमि थी, उसे भी रेहन रखकर घर बनाने के लिए ईंट खरीद लिया है. अब दुखी परिवार सरकार से मुआवजे की मांग कर रहा है.

पीड़ित के लिए मुआवजे की मांग: वहीं मुखिया प्रतिनिधि राजदेव राम, सरपंच पति लेखा पासवान, समाजसेवी शानदार खान ने पीड़ित को तत्काल आर्थिक सहायता करते हुए मुआवजा दिलाने के लिए स्थानीय जिलाधिकारी से मांग की है. साथ ही जिला स्तर से एक डॉक्टर को बुलाया गया जिन्होंने मवेशियों की जांच की है. पांचों भैंसों की मौत कैसे हुई है इसका खुलासा डॉक्टर की रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा.

"हमें पता चला कि देवराज यादव के पांच मवेशियों की मौत हो गई है. यादव का परिवार गरीबी और तंग हाली में जीवन गुजर बसर कर रहा है. इनके लिए हम आर्थिक सहयोग के लिए सोच विचार कर रहे हैं. इंदिरा आवास का लाभ भी पहुंचाने की कोशिश करेंगे."- राजदेव राम, मुखिया प्रतिनिधि

"शाम को सारे जानवर घास चरकर आए और फिर घर के पास पड़े घास को खाते ही गिर पड़े. इस घास का नाम सुदामा घास है. शाम को 6 बजे की घटना है. अब मेरे पास एक भी जानवर नहीं है. अब मेरे पास जीवीकोपार्जन का कोई साधन नहीं है. हम मांग करते हैं कि हमारी मदद की जाए."- देवराज यादव, पीड़ित

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