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कलकत्ता और बनारस की मूर्तियों से पटा बाजार, बनारस की मूर्ति बनी लोगों की पहली पसंद

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Published : Oct 27, 2019, 8:19 AM IST

एक ग्राहक ने बताया कि वह हर साल बनारस की मूर्तियां लेती है, जो पेरिस ऑफ प्लास्टर से बनी होती है. इसलिए यह टिकाऊ है और साल भर इसकी सुंदरता बरकरार रहती है, जबकि कलकत्ता की मूर्तियां मिट्टी की बनी होती हैं.

पसंद बनारस की मूर्ति

गयाः जिले में रविवार को सभी घरों, दुकानों और प्रतिष्ठानो में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा होगी. लक्ष्मी पूजा को लेकर गया के सभी बाजारों में लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की अस्थायी दुकान लगी है. गया में बनारस के चुनार की बनी मूर्ति और कलकत्ता की मूर्ति बिक्री के लिए दुकानदार लाते हैं. लेकिन गया के लोग सबसे अधिक बनारस की मूर्ति को पसंद करते हैं.

देश में दीपावली की धूम
धन-वैभव की प्राप्ति के लिए सनातन धर्म के अनुयायी रविवार को संध्या बेला में पूजा करेंगे. पूजा के पहले पूजा सामग्री और लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति की खरीददारी के लिए शनिवार की शाम बाजारों में खूब भीड़ उमड़ी. मूर्ति दुकानों में अधिक महिलाओं की भीड़ थी. बनारस की बनी मूर्ति पेरिस ऑफ प्लास्टर से बनी होती है और कलकत्ता की मूर्ति मिट्टी से बनी रहती है. हालांकि मिट्टी से बनी कलकत्ता की मूर्ति की मांग इस बार बाजार में कम है.

कलकत्ता और बनारस की मूर्तियों से पटा बाजार

बनारस की मूर्तियां साल भर नहीं होती खराब
वहीं एक ग्राहक ने बताया कि वह हर साल बनारस की मूर्तियां लेती है, जो पेरिस ऑफ प्लास्टर से बना होता है. इसलिए यह टिकाऊ रहता है और साल भर इसकी सुंदरता बरकरार रहती है, जबकि कलकत्ता की मूर्तियां मिट्टी की बनी होती है. ये मूर्तियां टिकाऊ नहीं होती और पूरे साल तक रखने में इस मूर्ति की सुंदरता खराब हो जाती है.

gaya
प्रतिमा खरीदता ग्राहक

प्रतिमा आने की तैयारी शुरू
दुकानदार ने बताया की दीपावली में लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति के दुकान लगाने के लिए एक माह पहले से तैयारी करते है और प्रतिमा के लिए बनारस और कोलकाता में आर्डर देते है. दुर्गा पूजा के बाद ही प्रतिमा आने की तैयारी शुरू हो जाती है. धनतेरस के 5 दिन पहले ही प्रतिमाएं की दुकान लग जाती है. धनतेरस और छोटी दीपावली में ज्यादा बिक्री होता है. इन दोनों में सबसे ज्यादा बनारस की मूर्ति बिकी है. बनारस की मूर्ति खराब नही होती है , इसलिए इसे लोग ज्यादा खरीदते है.

Intro:आज संध्या सभी घरो, दुकानों और प्रतिष्ठानो में माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा होता हैं। लक्ष्मी पूजा को लेकर गया के सभी बाजारों में लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां का अस्थायी दुकान लगा है। गया में बनारस के चुनार का बना मूर्ति और कलकत्ता के मूर्ति बिक्री के लिए दुकानदार लाता है लेकिन गया के लोगो सबसे अधिक बनारस के मूर्ति को पसंद करती है।


Body:धन- वैभव के प्राप्ति लिए सनातन धर्म के अनुयायी आज संध्या बेला में पूजा करेगे। पूजा के पहले पूजा सामग्री और लक्ष्मी- गणेश की मूर्ति खरीददारी कल शाम में बाजारों में खूब भीड़ उमड़ा। मूर्ति दुकानों में अधिक महिलाएं की भीड़ थो। गया में दो जगह बनारस के चुनार और कलकत्ता से बना मूर्ति हैं। बनारस के बना मूर्ति पेरिस ऑफ प्लास्टर से बना रहता है और कलकत्ता के मूर्ति मिट्टी से बना रहता है। हालांकि मिट्टी से बना कलकत्ता की मूर्ति का मांग इस बार बाजार में कम है।

कुमारी अपर्णा सिंह ने बताया मैं हर साल बनारस की मूर्तियां लेती हूं ये मूर्तियां पेरिस ऑफ प्लास्टर से बना रहता है। इसलिए ये टिकाऊ रहता है साल भर इसकी सुंदरता बकरार रहता है, जबकि कलकत्ता की मूर्तियां मिट्टी का बना रहता हैं ये मूर्तियां टिकाऊ नही पूरे साल तक रखने में इस मूर्ति की सुंदरता खराब हो जाता है। देखिए मान्यता है मिट्टी के बना मूर्ति से पूजा करना चाहिए लेकिन जब बनारस के मूर्ति आया है यही मूर्ति लेकर हमलोग जाते हैं।

दुकानदार संजय सिंह ने बताया दीपावली में लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति के दुकान लगाने के लिए एक माह पहले से तैयारी करते हैं।प्रतिमा के लिए बनारस और कोलकाता में आर्डर देते हैं। दुर्गा पूजा के बाद ही प्रतिमा आने की तैयारी शुरू हो जाती है। धनतेरस के 5 दिन पहले ही प्रतिमाएं की दुकान लग जाता है। धनतेरस और छोटकी दीवाली में ज्यादा बिक्री होता हैं। इन दोनों में सबसे ज्यादा बनारस के मूर्ति बिका है। बनारस के मूर्ति खराब नही होता है , इसलिए इसे ज्यादा खरीदते है।


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