दरभंगा: छठ जैसे महापर्व को लेकर नगर निगम अब तक सचेत नहीं हुआ है. नगर निगम ने तालाबों की उड़ाही करने के बाद बैरिकेडिंग करने का वादा किया था. लेकिन, कई तालाबों की बैरिकेडिंग अब तक नहीं की गई है. जिस कारण स्थानीय लोग खुद ही तालाबों की बैरिकेडिंग कर रहे हैं और साफ-सफाई में जुटे हैं.
9 तालाबों की हुई बैरिकेडिंग
दरअसल, बरसात के पहले नगर निगम ने 9 तालाबों की उड़ाही कराई थी. जिसमें कई तालाबों की बैरिकेडिंग कर उसे खतरनाक घोषित कर दिया. लेकिन, जिले के राम जानकी मंदिर के पास का तालाब बदतर स्थिति में है. बताया जाता है कि नगर निगम ने इस तालाब की भी उड़ाही कराई थी. लेकिन, इसकी बैरिकेडिंग नहीं कराई. जिससे तालाब की गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में छठ करने में काफी समस्या हो सकती है. नगर निगम से गुहार लगाने के बाद भी जब एक्शन हीं लिया गया तो स्थानीय लोग खुद ही इसकी बैरिकेडिंग करने में जुट गए.
'30 लाख रुपये से हुई उड़ाही'
इस संबंध में इलाके के पूर्व पार्षद मनोज मंडल ने बताया कि राम जानकी मंदिर के घाट की 30 लाख रुपये से उड़ाही की गई थी. इसके बाद भी इस घाट की स्थिति खराब ही है. उन्होंने कहा कि गहराई बढ़ने के बावजूद यहां सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग नहीं की गई है. नगर निगम ने इस घाट की सफाई तक नहीं कराई है. पूर्व पार्षद ने यह भी बताया कि लोग खुद सफाई कर रहे हैं.
स्थानीय कर रहे तालाब की सफाई
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस संबंध में उन्होंने नगर निगम में इसकी शिकायत भी की. लेकिन, निगम के मुताबिक इस तालाब का नाम सफाई और सुरक्षा की लिस्ट में नहीं है. उन्होंने बताया कि निराश होकर हमलोगों ने तालाबों की सफाई शुरू कर दी.
'छठ की तैयारी पूरी'
वहीं, नगर अभियंता नागमणि सिंह ने कहा कि छठ की तैयारियां करीब-करीब पूरी कर ली गई हैं. जिन तालाबों की उड़ाही कराई गई थी, उनमें से कई तालाबों में पानी ज्यादा है. उन्होंने कहा कि उन तालाबों से पंप से पानी निकाला जा रहा है. अभियंता ने यह भी बताया कि खतरनाक घोषित तालाबों की बैरिकेडिंग भी करवाई जा रही है.