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Darbhanga AIIMS: 'मोदी सरकार बिहार को दूसरा एम्स देना नहीं चाहती', फातमी का केंद्र पर बड़ा आरोप

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Published : Jun 13, 2023, 8:03 AM IST

बिहार के दरभंगा में प्रस्तावित एम्स निर्माण पर ग्रहण लगते ही बिहार की सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. एक समय जब भाजपा और जदयू बिहार में एक साथ सरकार चला रहे थे, तब दोनों पार्टी इसे बड़ी उपलब्धि में गिनाते थे लेकिन अब जब दोनों दलों का गठबंधन टूट गया है तो दोनों पार्टियां दरभंगा में एम्स निर्माण ना होने का ठीकरा एक-दूसरे के माथे पर फोड़ रहीं हैं.

जदयू नेता अली अशरफ फातमी
जदयू नेता अली अशरफ फातमी

अली अशरफ फातमी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सह जदयू नेता

दरभंगा: बिहार के दरभंगा में प्रस्तावित एम्स निर्माण को लेकर अब बीजेपी और जेडीयू दोनों एक दूसरे पर तीखा प्रहार कर रही हैं. एक ओर जहां बीजेपी आरोप लगाती रही है कि दरभंगा एम्स के लिए बिहार सरकार सही जमीन मुहैया नहीं करा रही है, तो वहीं बिहार सरकार का आरोप है कि केंद्र सरकार बिहार में काम ही नहीं करना चाहती. भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री सह जदयू के वरिष्ठ नेता मो. अली अशरफ फातमी ने बीजेपी के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि मिथिलांचल और दरभंगावासियों के लिए ये बेहद दुखद है कि यहां एम्स नहीं बन सका.

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एम्स के लिए तरस रहे दरभंगावासीः जदयू नेता ने कहा कि दिल्ली की सरकार बिहार के अंदर विकास का काम करना ही नहीं चाहती. काफी दिनों से दरभंगावासी एम्स के लिए तरस रहे थे. पिछले दिनों नीतीश कुमार के मेहनत से दरभंगा के लिए जगह भी सेलेक्ट हुआ. पहले DMCH के अंदर, फिर हायाघाट प्रखंड के अशोक पेपर मील के प्रांगण में, फिर बाद में शोभन में भूमि चिन्हित कर एम्स निर्माण के लिए दी गई. अब लंबे अरसे के बाद केंद्र के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जवाब देते हुए कहा कि यह जमीन एम्स के भवन के लिए उपयुक्त नहीं है.

"मैं यह जानना चाहता हूं कि भारत सरकार बिहार को एम्स देना भी चाहती है कि नहीं. अब तो केंद्र सरकार की नियति पर शक हो रहा है. शक नहीं, अब तो कंफर्म हो गया कि ये लोग बिहार को दूसरा एम्स नहीं देना चाहते हैं. यानी कि जहां भी विपक्ष की सरकार है उसको केंद्र की सरकार मदद करना नहीं चाहती है. आप देख रहे हैं कि पहले केंद्र सर्व शिक्षा अभियान, यूजीसी, इलेक्ट्रिक सिटी मैं मदद करती थी, अब सभी मदद बंद हो गई है. दरभंगा एम्स सिर्फ दरभंगा के लिए नहीं, बल्कि पूरे उत्तर बिहार के लिए है और मिथिलांचल के लिए तो बहुत बड़ी चीज थी"- अली अशरफ फातमी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सह जदयू नेता

स्थानीय लोगों में है आक्रोशः आपको बता दें कि बिहार सरकार द्वारा दिये गए शोभन बाईपास वाली 150 एकड़ जमीन को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने 26 मई 23 को पत्र जारी करते हुए रिजेक्ट कर दिया है. वैसे ही राजनीति गलियारे का पारा काफी बढ़ गया है. एनडीए और महागठबंधन एक दूसरे को कसूरवार ठहरा रहे हैं, लेकिन इसके समाधान की बात कोई दल नहीं कर रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है.

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