देखिए मंगल पांडेय जी... आपके DMCH में मृत महिला डॉक्टर कर रही हैं 'नौकरी'

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Published : Aug 28, 2021, 6:01 PM IST

दरभंगा

दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक मृत महिला नौकरी कर रही है. जी हां, यह कोई भूतिया कारनामा नहीं है. यह कारनामा बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग का है. एक डॉक्टर जो जीवित नहीं है, उनका तबादला डीएमसीएच में कर दिया गया.

दरभंगाः डीएमसीएच (DMCH) में एक मृत महिला डॉक्टर 'नौकरी' कर रही हैं. उनकी पोस्टिंग डीएमसीएच के एनेस्थीसिया विभाग में है. दरअसल, यह कारनामा बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग (Health Department Bihar) का है. हाल ही में हुए मेडिकल कॉलेजों के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों का ट्रांसफर किया गया था. इस तबादले की लिस्ट में उस मृत महिला का भी नाम था. मामला तब सामने आया, जब वह ज्वाइन करने नहीं पहुंची. खोजबीन हुई तो पता चला कि डॉक्टर शिवांगी (Doctor Shivangi) अब इस दुनिया में नहीं है.

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बता दें कि इसी तबादले में डीएमसीएच से एक डॉक्टर को पीएमसीएच भी भेजा गया है. लेकिन महिला के मृत होने का खुलासा तब हुआ जब ट्रांसफर की गई महिला डॉक्टर डीएमसीएच ज्वाइन करने नहीं पहुंचीं. एनेस्थीसिया विभाग के अधीक्षक ने कहा कि विभाग में पहले से ही डॉक्टरों की कमी है. अब एक डॉक्टर के नहीं ज्वाइन करने से स्थिति और खराब हो जाएगी. फिलहाल राज्य भर में इस घटना की चर्चा है.

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कागजों के अनुसार एनएमसीएच में कार्यरत एनेस्थीसिया विभाग की सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर शिवांगी पहले पीएमसीएच के महिला छात्रावास में रहती थी. उन्होंने 11 महीने पहले आत्महत्या कर ली थी. विभाग ने बिना वास्तुस्थिति जाने ही डॉक्टरों की ट्रांसफर पोस्टिंग कर दी. जिसकी वजह से इस मृत महिला डॉक्टर शिवांगी को डीएमसीएच के एनेस्थीसिया विभाग भेज दिया गया. इस खबर के आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की राज्य भर में किरकिरी हो रही है.

'स्वास्थ विभाग की ओर से सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों का तबादला किया गया था. इस सूची में डीएमसीएच के डॉक्टर अविनाश को पटना के पीएमसीएच भेजा गया था. जबकि एनएमसीएच की डॉक्टर शिवांगी को पटना से डीएमसीएच भेजा गया था. लेकिन डॉक्टर शिवांगी ने 1 सप्ताह बीत जाने के बाद भी जब यहां ज्वाइन नहीं किया तो उनकी खोज शुरू की गई. खोजबीन के बाद पता चला कि डॉक्टर शिवांगी ने 22 सितंबर 2020 को आत्महत्या कर ली थी. पहले से ही विभाग में डॉक्टरों की कमी है. एक डॉक्टर के ज्वाइन नहीं करने पर समस्या और भी बढ़ जाएगी.' -डॉ. हरि दामोदर सिंह, एचओडी, एनेस्थीसिया विभाग, डीएमसीएच

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