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लोकसभा परिणाम बना आधार तो 2020 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ 19 सीटों पर सिमट जाएगा विपक्ष!

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Published : May 27, 2019, 5:58 PM IST

Updated : May 27, 2019, 6:28 PM IST

लोकसभा चुनाव में 40 में से 39 सीटें गंवाने वाले विपक्ष के लिए 2020 के इलेक्शन में भी वापसी की संभावना आसान नहीं लग रही है. क्योंकि 243 में से 224 विधानसभा सीटों पर वह NDA से पीछे रह गया.

RJD

पटना: हालिया लोकसभा चुनाव में बिहार में विपक्ष का सूपड़ा साफ हो गया है. 40 में से महज एक सीट पर जीत हासिल हुई है. मगर चिंता का विषय सिर्फ इतना भर नहीं है. असल में समस्या तो ये है कि 243 विधानसभा क्षेत्रों में से 224 विधानसभा क्षेत्रों में विपक्ष NDA से पिछड़ गया.

संवाददाता अभिषेक की रिपोर्ट

महागठबंधन का सूपड़ा साफ
लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त से विपक्ष के नेता चिंतित हैं. हार की वजह तलाशने की कोशिश जारी है. बिहार के 40 संसदीय क्षेत्र में 39 सीटों पर एनडीए ने जीत दर्ज की है. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी एनडीए 32 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार विपक्ष के लिए चुनाव परिणाम बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.

सिर्फ 19 विधानसभा क्षेत्र में विपक्ष आगे
बिहार में कुल 243 विधानसभा सीट है. इस बार के चुनाव में मात्र 19 विधानसभा क्षेत्रों में महागठबंधन या अन्य दल एनडीए को पछाड़ने में सफल हो पाई. इस आंकड़े से विपक्षी दलों खासकर आरजेडी की परेशानी बढ़ती दिख रही है. किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के 5 विधानसभा में से 2 विधानसभा क्षेत्रों में तो महागठबंधन के बजाय एआईएमआईएम के प्रत्याशी ने एनडीए को पछाड़ा है.

किशनगंज संसदीय क्षेत्र में विपक्ष को 5 सीटों पर बढ़त

  • किशनगंज विधानसभा में 8043 वोटों से एनडीए पीछे
  • अमौर विधानसभा में 25527 वोटों से एनडीए पीछे
  • बायसी विधानसभा में 12682 वोटों से एनडीए पीछे
  • बहादुरगंज विधानसभा में 15139 वोटों से एनडीए पीछे
  • कोचाधामन विधानसभा में 29563 वोटों से एनडीए पीछे

जहानाबाद संसदीय क्षेत्र में विपक्ष को 3 सीटों पर बढ़त

  • जहानाबाद विधानसभा में 1918 वोटों से एनडीए पीछे
  • घोषी विधानसभा में 5032 वोटों से एनडीए पीछे
  • मखदुमपुर विधानसभा में 6184 वोटों से एनडीए पीछे

पाटलिपुत्रा संसदीय क्षेत्र में विपक्ष को 2 सीटों पर बढ़त

  • मसौढ़ी विधानसभा में 9640 वोटों से एनडीए पीछे
  • पालीगंज विधानसभा में 3070 वोटों से एनडीए पीछे

औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र में विपक्ष को 2 सीटों पर बढ़त

  • गरुवा विधानसभा में 530 वोटों से एनडीए पीछे
  • रफीगंज विधानसभा में 5030 वोटों से एनडीए पीछे

अररिया संसदीय क्षेत्र में विपक्ष को 2 सीटों पर बढ़त

  • अररिया विधानसभा में 30193 वोटों से एनडीए पीछे
  • जोकीहाट विधानसभा 54420 वोटों से एनडीए पीछे

काराकाट संसदीय क्षेत्र में विपक्ष को एक सीट पर बढ़त

  • गोह विधानसभा में 4250 वोटों से एनडीए पीछे

हाजीपुर संसदीय क्षेत्र में विपक्ष को एक सीट पर बढ़त

  • राघोपुर विधानसभा में 242 वोटों से एनडीए पीछे

आरा संसदीय क्षेत्र विपक्ष को एक सीट पर बढ़त

  • अगियावं विधानसभा में 5743 वोटों से एनडीए पीछे

कटिहार संसदीय क्षेत्र विपक्ष को एक सीट पर बढ़त

  • बलरामपुर विधानसभा में 53919 वोटों से एनडीए पीछे

मुंगेर संसदीय क्षेत्र विपक्ष को एक सीट पर बढ़त

  • मोकामा विधानसभा में 869 वोटों से एनडीए पीछे

कुशवाहा सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र में आगे
इस आंकड़े को देखने के बाद विपक्ष के तमाम दलों के तमाम बड़े नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी होनी लाजिमी है. इस बार के चुनाव में आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा 2 सीटों (काराकाट और उजियारपुर) पर चुनाव लड़ रहे थे. यानी 12 विधानसभा क्षेत्रों में उन्हें बढ़त मिलने के बाद ही चुनाव में जीत दर्ज हो पाती. मगर लेकिन वह काराकाट के सिर्फ गोह विधानसभा में बढ़त पाने में कामयाब हो पाए.

मांझी-सहनी सभी विधानसभा क्षेत्रों में पीछे
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी और 'सन ऑफ मल्लाह' कहे जाने वाले मुकेश साहनी को एक भी विधानसभा क्षेत्र में बढ़त नहीं मिल पाई.

एनडीए उत्साहित, महागठबंधन चिंतित
जाहिर तौर पर एनडीए 243 में से 224 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल कर उत्साहित है. मगर यह परिणाम गठबंधन के तमाम नेताओं के लिए चिंता और चिंतन का विषय बना हुआ है. क्योंकि अगले साल विधानसभा का चुनाव होना है. लोकसभा परिणाम का असर अगर विधानसभा में भी दिखा तो विपक्ष के नाम पर चंद ही प्रतिनिधि संसद में पहुंच पाएंगे.

Intro:लोकसभा चुनावी परिणाम से आश्चर्यचकित और चिंता से ग्रसित विपक्ष चिंतन में लगा हुआ है। बिहार के 40 संसदीय क्षेत्र में 39 सीटों पर एनडीए ने जीत दर्ज की है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी एनडीए 32 सीटों पर जीत दर्ज की थी । लेकिन इस बार विपक्ष के लिए चुनाव परिणाम बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। बिहार में कुल 243 विधानसभा है । इस बार के चुनाव में मात्र 19 विधानसभा क्षेत्रों में महागठबंधन या अन्य दल एनडीए को पछाड़ने में सफल रह पाई है । इस आंकड़े से विपक्षी दलों खासकर राजद की परेशानी बढ़ती दिख रही है।
किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में तो 5 विधानसभा में 2 विधानसभा क्षेत्र में एआईएमएम के प्रत्याशी ने एनडीए को पछाड़ा है।


Body:किशनगंज संसदीय क्षेत्र...
1. किशनगंज विधानसभा में 8043 वोटो से पीछे।
2. अमौर विधानसभा में 25527 वोटो से पीछे।
3. बायसी विधानसभा में 12682 वोटो से पीछे।
4.बहादुरगंज विधानसभा में 15139 वोटो से पीछे ।
5. कोचाधामन विधानसभा में 29563 वोटो से पीछे।

जहानाबाद संसदीय क्षेत्र...
1. जहानाबाद विधानसभा में 1918 वोटों से पीछे ।
2. घोषी विधानसभा में 5032 वोटों से पीछे ।
3. मखदुमपुर विधानसभा में 6184 वोटों से पीछे।

पाटलिपुत्रा संसदीय क्षेत्र...
1. मसौढ़ी विधानसभा में 9640 वोटों से पीछे ।
2. पालीगंज विधानसभा में 3070 वोटों से पीछे।

औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र....
1. गरुवा विधानसभा में 530 वोटों से पीछे ।
2. रफीगंज विधानसभा में 5030 वोटों से पीछे।



Conclusion:अररिया संसदीय क्षेत्र...
1.अररिया विधानसभा में 30193 वोटों से पीछे ।
2.जोकीहाट विधानसभा 54420 वोटों से पीछे।

काराकाट संसदीय क्षेत्र..
1. गोह विधानसभा में 4250 वोटों से पीछे।

हाजीपुर संसदीय क्षेत्र...
1. राघोपुर विधानसभा में 242 वोटों से पीछे।

आरा संसदीय क्षेत्र...
1. अगियावं विधानसभा में 5743 वोटों से पीछे।

कटिहार संसदीय क्षेत्र....
1. बलरामपुर विधानसभा में 53919 वोटों से पीछे।

मुंगेर संसदीय क्षेत्र...
1. मोकामा विधानसभा में 869 वोटों से पीछे।

गौरतलब है कि इस आंकड़े को देखने के बाद विपक्ष के तमाम दलों के बड़े नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी होनी लाजिमी है। इस बार के चुनाव में रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा 2 सीटों पर चुनाव लड़ रहे थे यानी 12 विधानसभा क्षेत्रों में उन्हें बढ़त मिलने के बाद ही चुनाव में जीत दर्ज हो पाती । लेकिन वह काराकाट के सिर्फ वह विधानसभा में बढ़त पाने में कामयाब हो पाए।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी और सन ऑफ मल्लाह कहे जाने वाले मुकेश साहनी को एक भी विधानसभा क्षेत्र से बढ़त हासिल नहीं कर पाए।
एनडीए 243 में से 224 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल कर उत्साहित है । लेकिन यह परिणाम गठबंधन के तमाम नेताओं के लिए चिंतन का विषय बना हुआ है ।क्योंकि अगले साल विधानसभा का चुनाव होना है। लोकसभा परिणाम का असर अगर विधानसभा में भी दिखा तो विपक्ष के नाम पर चंद ही प्रतिनिधि संसद में पहुंच पाएंगे।
Last Updated : May 27, 2019, 6:28 PM IST
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