ETV Bharat / state

बक्सर: तबेला बना उपस्वास्थ्य केंद्र, अनजान हैं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी

author img

By

Published : Jan 27, 2021, 3:24 PM IST

Updated : Jan 27, 2021, 4:05 PM IST

buxar health center
buxar health center

बक्सर का उपस्वास्थ्य केंद्र अधिकारियों की लापरवाही के कारण तबेला बन चुका है. ग्रामीणों ने बताया कि 3 वर्ष पहले बड़े ही भव्य तरीके से उप स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन हुआ था. लेकिन आज तक इस उपस्वास्थ्य केंद्र से किसी भी ग्रामीण को दवा नहीं मिल पाया.

बक्सर: भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग वेंटिलेटर पर अपना अंतिम सांस गिन रहा है. यही कारण है कि जिले के बड़े अस्पताल से लेकर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्र की हालात बद से बदतर हो गया है. लोगों ने स्वास्थ्य केंद्र को मवेशियों का तबेला बनाकर उसमें गाय-भैंस बांधना शुरू कर दिया है. जिससे स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी भी अनजान हैं.

मवेशियों का तबेला बना उप स्वास्थ्य केंद्र
जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर चौसा प्रखंड के बनारपुर पंचायत में 10 लाख 74 हजार की लागत से 3 साल पहले, उप स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया था. लेकिन यह उप स्वास्थ्य केंद्र अब मवेशियों का तबेला बन गया है. जहां पर स्थानीय लोगों के द्वारा गाय-भैंस बांधकर खिलाया जाता है. स्थानीय लोगों की मानें तो महीना में कभी-कभार, स्वास्थ्य विभाग के कर्मी इस उप स्वास्थ्य केंद्र पर आते हैं और 2-4 मिनट रुक कर चले जाते हैं. जिसके कारण यह उप स्वास्थ्य केंद्र पर असामाजिक तत्व के द्वारा गैर कानूनी काम किए जाते थे. जिसको देखते हुए आसपास के लोगों ने भैंस-गाय बांधकर खिलाना शुरू कर दिया. जिससे यह शराबियों का अड्डा न बन सके.

buxar health center
गायब रहते हैं स्वास्थ्यकर्मी

तीन वर्ष पहले हुआ था उद्घाटन
इस उपस्वास्थ्य केंद्र को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि 3 वर्ष पहले बड़े ही भव्य तरीके से उप स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन हुआ था. लेकिन आज तक इस उपस्वास्थ्य केंद्र से किसी भी ग्रामीण को दवा नहीं मिल पाया. यह उपस्वास्थ्य केंद्र कब खुलता है, कब बंद होता है, इसकी जानकारी तक नहीं होती है. केवल स्वास्थ्यकर्मी कभी कभार यहां आकर सेल्फी लेते हैं और अपने अधिकारियों को भेज देते हैं कि इस स्वास्थ्य उप केंद्र पर स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि बैंडेज पट्टी के लिए भी 14 किलोमीटर दूर बक्सर जाना पड़ता है. कितनी बार इसकी लिखित शिकायत बड़े अधिकारियों और केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे से की गयी. उसके बाद भी इसकी हालात में कोई सुधार नहीं हुआ.

buxar health center
तीन वर्ष पहले हुआ था उद्घाटन

अधिकारी को नहीं है खबर
इस उप स्वास्थ्य केंद्र के बदहाली को लेकर, जब जिला के प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार से पूछा गया तो, उन्होंने बताया कि इस तरह की सूचना स्वास्थ्य विभाग के किसी भी बड़े अधिकारी को नहीं है.

"आप के द्वारा यह सूचना दिया गया है. अगर इस तरह की स्थिति है तो, यह शर्मनाक है. जल्द ही इसकी जांच कराकर जो भी इसके जिम्मेवार होंगे, उनपर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही जिसके द्वारा भी वहां पर मवेशियों को बांधकर रखा जाता है. उनसे भी अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा"- डॉक्टर नरेश कुमार, प्रभारी सिविल सर्जन

देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: मुंगेर: BJP प्रवक्ता अजफर शम्सी को अपराधियों ने सिर और पेट में मारी गोली

अस्पतालों की हुई जांच
बता दें बक्सर जिला में सरकारी अस्पतालों की हाल बदहाल है. स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों के लापरवाही के कारण निजी अस्पताल का कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है. सिविल सर्जन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बक्सर जिला में 3 हजार से अधिक गैर कानूनी तरीके से निजी नर्सिंग होम चल रहा है. उसके बाद भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. एक माह पहले जब इस मामले को ईटीवी भारत के द्वारा उठाया गया था, तो जिला अधिकारी अमन समीर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगायी थी. जिसके बाद आनन-फानन में छह अस्पतालों की जांच की गई. जिस में यह पाया गया कि सभी अस्पताल बिना लाइसेंस के झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे चल रहा है. उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. क्योंकि इन अस्पतालों से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मोटी कमाई करते हैं और खुद भी उसमें जाकर इलाज करते हैं.

Last Updated :Jan 27, 2021, 4:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.