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संतान की दीर्घायु के लिए माताएं कर रही हैं जीवित्पुत्रिका व्रत

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Published : Sep 22, 2019, 7:17 PM IST

शहर की सड़क हो या गंगानदी घाट. हर जगह संतान की सलामती का संकल्प लिए बक्सर ही नहीं, बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से माताएं बक्सर पहुंची हैं.

माताएं कर रही है जीवित्पुत्रिका व्रत

बक्सरः कल से प्रारंभ जीवित्पुत्रिका यानी जिउतिया व्रत का आज दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण दिन है. अश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी को जीवित्पुत्रिका व्रत होता है. प्रदोष काल व्यापिनी अष्टमी को जीमूतवाहन की पूजा होती है. इसी क्रम में बिहार के विभिन्न जिलों से सैकड़ों मां आज बक्सर के गंगा घाट पर स्नान करने पहुंची.

माताएं करती हैं जीवित्पुत्रिका व्रत
शहर की सड़क हो या गंगा नदी का घाट. हर जगह केवल मां ही मां हैं. मन में संतान की सलामती का संकल्प लिए बक्सर ही नहीं, बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से माताएं बक्सर पहुंची हैं. जहां गंगा स्नान के बाद माताएं जीवित्पुत्रिका की कथा सुन रही हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना भगवान से कर रही हैं.

संतान की दीर्घायु के लिए माताएं कर रही हैं जीवित्पुत्रिका व्रत

प्रशासन ने की हैं कई व्यवस्थाएं
वहीं जिउतिया पर्व को लेकर महिलाओं का बाढ़ अनुमंडल के सुप्रसिद्ध शिर्डी घाट, अलखनाथ घाट और उमानाथ घाट पर उमड़ पड़ी हैं. यहां महिलाएं गंगा स्नान कर जिउतिया व्रत की कथा सुनती हैं. श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन की तरफ से लाइट सहित अन्य व्यवस्था की गई है. जिउतिया पर्व बेटा और बेटी के सुख और समृद्धि के लिए की जाती है. बिहार का यह प्रसिद्ध पर्व है.

बेटों की दीर्घायु के लिए माताएं करती हैं व्रत
आज यानी 22 सितम्बर को 2.40 अपराह्न तक अष्टमी तिथि है. इसके बाद आज ही नवमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी. अगले दिन 23 सितंबर को 1.22 अपराह्न तक नवमी तिथि है. पंडित का कहना है कि हर एक माताएं अपनी संतान की दीर्घायु के लिए यह व्रत करती हैं. कल सुबह इसका पारण होगा. जो भारतीय संस्कृति का नियम है.

Intro:कल से प्रारंभ जीवित्पुत्रिका यानी जिउतिया व्रत का आज दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण दिन है ।अश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी को जीवित्पुत्रिका व्रत होता है ।प्रदोष काल व्यापिनी अष्टमी को जीमूतवाहन की पूजा होती है ।इसी क्रम में बिहार के विभिन्न जिलों से सैकड़ो मां आज बक्सर के गंगा घाटों पर स्नान और पूजा करने पहुँची ।


Body:आज बक्सर मां मय हो गया है ।शहर की सड़क हो गंगानदी घाट हर जगह केवल मां ही मां हैं । मन में संतान की सलामती का संकल्प लिए बक्सर ही नही बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से माताएं बक्सर पहुँची हैं । गंगा स्नान के बाद माताएं जीवित्पुत्रिका की कथा सुनी ।आज यानी 22 सितम्बर को 2.40 अपराह्न तक अष्टमी तिथि है । इसके बाद आज ही नवमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी ।अगले दिन23 सितंबर को 1.22 अपराह्न तक नवमी तिथि है ।ऐसे में कल पूर्वाहन में व्रतियों को पारण करना होगा ।
बाइट जिउतिया व्रती सासाराम से आई
बाइट कथा वाचक पंडित बक्सर


Conclusion:
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