बारिश में डूबी किसानों की 'किस्मत', खेतों में लगी धान की फसल बर्बाद

author img

By

Published : Oct 25, 2021, 8:42 AM IST

फसल बर्बाद

बिहार के विभिन्न जिलों में पिछले एक सप्ताह से हो रही बारिश ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. बक्सर के किसानों के मुताबिक बारिश के कारण धान की फसल को नुकसान हुआ है. धान की फसल तेज हवा और बारिश के कारण खेतों में ही गिर गए हैं. इसके साथ ही खेतों में पानी भी जमा हो गया है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

बक्सर: बिहार के कई जिलों में किसानों (Farmers Of Buxar) की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. बक्सर में पिछले सप्ताह सोमवार और मंगलवार को हुई बारिश (Heavy Rain In Buxar) ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. तेज हवाओं के साथ दो दिनों तक लगातार हुई बारिश ने खेतों में लगी धान की फसल (Paddy Crop Ruined) को गिरा दिया है. आलम यह है कि फसल के साथ किसानों की परिश्रम पर भी पानी फिर गया है. किसान फसलों को बर्बाद होता देख अपने भाग्य को कोसने लगे हैं.

इसे भी पढ़ें: रबी महाभियान 2021-22: 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर बुआई की तैयारी में जुटे किसान

बक्‍सर में राजपुर प्रखंड, सेमरी प्रखंड और बक्सर प्रखंड के जगदीशपुर में सबसे ज्‍यादा बारिश ने तांडव मचाया है. बारिश के कारण खेतों में खड़ी फसल खराब हो गए और सड़ गए. खेतों में खड़े धान के पौधे तेज हवा और बारिश के कारण खेतों में ही गिर गए हैं. बारिश के कारण खेतों में पानी जमा हो गया है. किसानों को इस बात की चिंता सताने लगी है कि बच्चों की पढ़ाई और दवाई की व्यवस्था कैसे करेंगे. वहीं इस बारे में डीएम ने कहा कि जहां-जहां फसल बर्बादी हुई है, वहां प्रशासन की टीम भेजी जाएगी.

'विभागीय स्तर से जांच की मांग की गई है. इसके साथ ही कृषि पदाधिकारी को भी इस समस्या से अवगत कराया गया है. बारिश के कारण किसानों की जो भी क्षति हुई है, जांच के लिए संबंधित विभागों से कहा गया है. इसके साथ ही टीम को भेजकर भी जांच करायी जाएगी.' -अमन समीर, जिलाधिकारी

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: बक्सरः कृषि वैज्ञानिकों ने भी स्वीकारा, 'बीमार' है धान की फसल

समय से पहले जब मानसून ने दस्तक दी थी, तो किसानों के खुशी का ठिकाना नहीं था. अच्छी फसल होने की उम्मीद में रोहिणी नक्षत्र में ही अधिकांश किसानों ने धान का बिचड़ा डाल दिया था और जुलाई महीने में ही खेतों में रोपनी का काम सम्पन्न हो गया. जून माह से लेकर अक्टूबर माह तक एक हजार मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई.

किसान उम्मीदों की पंख लगाकर अपनी फसलों की कटनी करने की तैयारी में थे कि झुलसा, गलका, मधुवा, लीफ ब्लाईट नामक बीमारी ने किसानों के उम्मीदों पर ग्रहण लगा दिया. कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से अभी इस बीमारी से किसानों को निजात दिलाने का प्रयास ही किया जा रहा था. इसी बीच बीते सोमवार और मंगलवार को हुई आफत की बारिश ने किसानों के धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है.


'सोमवार और मंगलवार को 33 मिली मीटर से अधिक बारिश हुई है. तेज आंधी के कारण फसल खेतों में ही गिर गई है. जिसका उपज पर अधिक प्रभाव पड़ेगा. फसल रंग, पुआल के अलावा रबी फसल की बुआई में भी बिलम्ब होगा. कम अवधि के प्रजाति के जो धान की फसल थी, किसान उसकी कटनी की तैयारी में थे. लेकिन अब फसल गिर जाने के कारण खेतो से फसल को निकालने में लागत भी बढ़ जाएगी.' -डॉ. देवकरण सिंह, कृषि वैज्ञानिक

कृषि विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया गया है कि क्षेत्र में भ्रमण कर बारिश से हुए फसलों के नुकसान का सर्वे करें. इसके साथ ही जल्द से जल्द विभाग को उसका रिपोर्ट भेजें. जिससे किसानों को मदद किया जा सके. कृषि विभाग एवं कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक किसानों के बीच जाकर उनको इस परेशानी से निकालने में सहयोग करेंगे.

गौरतलब है कि बक्सर जिले के 2 लाख 9 हजार किसानों के माध्यम से 11 प्रखण्ड में 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान फसल की बुआई की गई थी. किसान धान की कटनी और रबी फसल की बुआई की तैयारी में थे. इसी बीच तेज आंधी के साथ हुए आफत की बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. अब किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि सरकार मदद नहीं की तो, उनके बच्चों की पढ़ाई एवं दवाई का पैसा कहां से आएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.