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बक्सर के सनातन संस्कृति समागम के समापन में बोले फागू चौहान- 'राम का आदर्श हर काल में प्रासंगिक'

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Published : Nov 15, 2022, 10:48 PM IST

Updated : Nov 15, 2022, 11:10 PM IST

सनातन संस्कृति समागम का समापन समारोह
सनातन संस्कृति समागम का समापन समारोह

बक्सर में सनातन संस्कृति समागम (Sanatan sanskrtik Samagam In Buxar) को संकल्प पर्व के रूप में मनाया गया और इसके साथ ही सनातन संस्कृति समागम का समापन समारोह से धूमधाम से संपन्न हो गया. इस मौके पर समारोह में शामिल हुए मुख्य अतिथि राज्यपाल फागू चौहान (Bihar Governor Fagu Chauhan) ने कहा कि राम का आदर्श हर काल में प्रासंगिक है.

बक्सर: बिहार के बक्सर में आयोजित सनातन संस्कृति समागम का समापन (Completion Of Sanatan Sanskriti Samagam In Buxar) हो गया. श्री राम कर्म भूमि न्यास के तत्वावधान और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के संयोजन तथा जीयर स्वामी के सानिध्य व मार्गदर्शन एवं पद्म भूषण रामभद्राचार्य जी के संरक्षण में आयोजित सनातन संस्कृति समागम का समापन समारोह संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया. इस दौरान बिहार के राज्यपाल फागू चौहान मुख्य अतिथी के रूप में सम्मिलित हुए. केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे (Union Minister Ashwini Kumar Choubey) ने अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर उन्हें सम्मानित किया. इस मौके पर महामहिम राज्यपाल ने कहा कि मैं सभी संतों एवं बक्सर की पवित्र भूमि को प्रणाम करता हूं. भगवान राम ने आदर्श के रूप में जो सुशासन स्थापित किया उसे हम राम राज्य कहते हैं.

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'राजा राम के राज्य में कोई भी भूखा नही रहता. मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम के द्वारा स्थापित राज्य की हमारी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए राम द्वारा स्थापित नीतियां सभी कालों में प्रासंगिक हैं. मानवता और संस्कृति के कल्याण, राष्ट्र के निर्माण के लिए सदा प्रयत्नशील संतों का सानिध्य और सरंक्षण आवश्यक है. भगवान राम के जीवन में ऐसे कई तत्व हैं, जिनसे मानव अस्तित्व और समाज के संकट का समाधान सम्भव है.' - फागू चौहान, राज्यपाल, बिहार

'राम का आदर्श हर काल में प्रासंगिक' : केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने भावुक होते कहा कि यह यज्ञ बक्सरवासियों का है. सब मिलकर साथ चलें, सबका एक ही स्वर हो- मुझमें राम की सोच हो. अगर ऐसा नहीं होता तो 2013 के केदारनाथ त्रासदी में मैं और मेरी तीन पीढियां समाप्त हो जाती. मैंने बाबा से प्रार्थना की. बाबा मुझे ले चलो लेकिन मेरे परिवार को रहने दो, मेरा खानदान चला जाएगा तो मेरे खानदान से आपको जल कौन चढ़ाएगा. भगवान ने मुझे पुनर्जीवन दिया. मैं पैरोल पर आया हूं. कुछ काम अधूरे हैं जो काम पूरा करने हैं. मेरी प्रार्थना है कि मेरी एक-एक सांस लोगों की सेवा में बीते.

'यह सनातन संस्कृति समागम बाबा का और सभी संतो का आशीर्वाद है जिसमे देश-विदेश के प्रतिनिधि और साधु-संतो का हमे आशीर्वाद प्राप्त हुआ. हम लोग जनता के लिए हैं. ऊपर तो स्वयं भगवान बैठे हैं.
मैं आप सभी सन्तों और बक्सरवासियों के आशीर्वाद से गौरवान्वित हूं, अभिभूत हूं. मैं आप लोगों का प्यार जीवन भर नहीं भुला सकता. मेरे खून की एक-एक बून्द आपके लिए समर्पित होगा. भगवान राम के कर्मभूमि और शिक्षास्थली बक्सर में श्री राम की पराक्रमी प्रतिमा के साथ अवश्य ही एक सांस्कृतिक केंद्र और महामुनि विश्वामित्र के नाम पर वैदिक ज्योतिर्विज्ञान विश्वविद्यालय और गौशाला स्थापित होगी.' - अश्विनी चौबे, केंद्रीय मंत्री

सनातन संस्कृति समागम समारोह का समापन : केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि यह समागम प्रकृति और संस्कृति का संगम है. हमने गंगा तट पर एक करोड़ वृक्ष लगाने का संकल्प लिया है. मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि आप सभी शुभवसर पर स्मृति के रूप में एक पेड़ अवश्य लगाएं. एक पेड़ 10 पुत्रों के समान होता है. मंच पर जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य जी, जगद्गुरु अनंताचार्य जी, पूज्य जीयर स्वामी जी, पूर्व सभापति बिहार विधानपरिषद अवधेश नारायण सिंह, उत्तराखंड विधायक राजेश शुक्ला, विधायक संजय तिवारी, विधायक विश्वनाथ राम, न्यासी अरुण मिश्रा, रामबालक सिंहकार्यक्रम के संयोजक राजेश कुमार सिंह उर्फ राघवजी भी उपस्थित थे.

बक्सर में सनातन संस्कृति समागम : गौरतलब है कि बिहार में महर्षि विश्वामित्र की तपोभूमि और भगवान राम की कर्मभूमि बक्सर के अहिल्या धाम अहिरौली में सनातन संस्कृति समागम के तहत अंतर्राष्ट्रीय संत सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयं संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत भी शामिल हुए. इस अंतर्राष्ट्रीय संत सम्मेलन में POK और अक्साई चिन का मुद्दा (PoK issue raised in Sanatan Sanskriti Samagam) भी खूब उठा. संतों ने कहा कि हमें हमारी भूमि हर हाल में चाहिए. इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता.

Last Updated :Nov 15, 2022, 11:10 PM IST
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