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बक्सर : 8 करोड़ 23 लाख की ठगी का आरोपी अयोध्या से गिरफ्तार, लोगों ने पुलिस पर बरसाए फूल

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Published : Oct 21, 2022, 7:36 AM IST

बक्सर में 8 करोड़ 23 लाख की ठगी (8 crore 23 Lakh fraud In Buxar) करने वाले आरोपी को अयोध्या से गिरफ्तार कर लिया गया है. मामला साल 2018 का जब दर्जनों लोग यूपी के एक शख्स द्वारा ठगी के शिकार हुए थे.

ठगी का आरोपी 5 साल बाद अयोध्या से गिरफ्तार
ठगी का आरोपी 5 साल बाद अयोध्या से गिरफ्तार

बक्सरः बिहार के बक्सर में फर्जी कंपनी बनाकर लोगों से 8 करोड़ 23 लाख रुपये की ठगी करने वाले यूपी के दो आरोपियों को नगर थाने की पुलिस ने 5 साल बाद गिरफ्तार (Buxar Fraud Accused arrested from Ayodhya) कर लिया है. दोनों आरोपियों को यूपी के अयोध्या से पकड़ा गया है, हालांकि फर्जीवाड़े के एक अन्य आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापेमारी जारी है. इस गिरफ्तारी के बाद ठगी के शिकार हुए लोगों ने गिरफ्तार करने वाले पुलिस जवानों को फूल-माला और अंग वस्त्र देकर उनके प्रति आभार प्रकट किया.



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2018 में ठगी के शिकार हुए थे दर्जनों लोगः पुलिस के अनुसार बुधनपुरवा मोहल्ले निवासी राजाराम सिंह के पास वर्ष 2018 में यूपी के अयोध्या के पंचकोशी मार्ग निवासी ठाकुर प्रसाद सिंह के पुत्र संजय सिंह ने संपर्क किया. आरोपी ने कहा कि वह वीजीआई मार्ट नामक कंपनी में रुपये निवेश कर अधिक लाभ कमा सकते हैं. उसने यह बताया कि यह कंपनी मार्ट, ट्रेडिंग, गोल्ड तथा प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट कर लाभ कमाती है. आरोपी ने कंपनी के अन्य सहयोगी लखनऊ के हरीनाम सिंह यादव, सीतापुर निवासी शरद कुमार , और लखीमपुर पटेलनगर के सुनील कुमार से भी मुलाकात कराई. इसके बाद विभिन्न फर्जी कंपनियों के बैंक खातों में तकरीबन 8.23 करोड़ रुपये का निवेश करा लिया.

पुलिस जवानों को फूल-माला और अंग वस्त्र देते लोग
पुलिस जवानों को फूल-माला और अंग वस्त्र देते लोग

कई लोगों ने किया था निवेशः मामले में नगर थानाध्यक्ष ने बताया कि राजाराम ने अपने जानने वालों अनिल राय, राकेश कुमार मिश्रा, सुजीत कुमार राय, दिनेश जायसवाल, राजू केशरी, मुकेश कुमार चौरसिया, शशांक चौबे, दीपक चौबे, हिमांशु चौबे, राजीव सिंह, मनोज सिंह, राजू सिंह, धीरज, मो. अकबर अली, डॉ अजीतेश्वर सिंह, श्रीमन्नारायण दूबे एवं अन्य लोगों से कंपनी में रुपये निवेश कराए थे, जिसके बाद सिंडिकेट के एम्बेसडर होटल के पास एक शॉपिंग मॉल भी खोला गया था.

लाभांश नहीं मिलने पर भेजा गया कानूनी नोटिसः बाद में कंपनी द्वारा तय समय पर रुपये और लाभांश नहीं दिए गए जिसके बाद पीड़ितों द्वारा अभियुक्तों को कानूनी नोटिस भेजी गई. नोटिस का जबाब नहीं मिलने पर पीड़ितों ने नगर थाने में वर्ष 2020 में प्राथमिकी दर्ज कराई. उसके बाद पुलिस ने एक टीम का गठन किया और आरोपित संजय सिंह और सुनील कुमार को अयोध्या से गिरफ्तार कर लिया. इस मामले का एक अन्य आरोपी हरीनाम सिंह पूर्व में यूपी में फर्जीवाड़े के मामले में गिरफ्तार होकर रायबरेली जेल में सजा भुगत रहा है.

आरोपियों की गिरफ्तारी से बेहद खुश हैं पीड़ित: ठगी के शिकार हुए लोगों में शामिल मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने जो कार्रवाई की है वह सुकून पहुंचाने वाली है. कार्रवाई के लिए नगर थानाध्यक्ष कि जितनी तारीफ की जाए वह कम है. वहीं, पीड़ितों द्वारा बुधवार को नगर थाने में पहुंचकर गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम को फूल-मालाओं से लाद दिया. थानाध्यक्ष ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी करने गई टीम में एसआई रजनीश कुमार, सिपाही हरेन्द्र कुमार और महिला सिपाही लवली शामिल थीं.

"पुलिस ने जो कार्रवाई की है वह सुकून पहुंचाने वाली है. कार्रवाई के लिए नगर थानाध्यक्ष कि जितनी तारीफ की जाए वह कम है, 2018 में हमलोगों ने इस कंपनी में निवेश किया था, जो फर्जी निकली. बाद में एफआईआर दर्ज कराई और अब आरोपी पकड़ा गया, जिससे हमलोगों को काफी खुशी है"- मनोज कुमार सिंह, पीड़ित

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