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औरंगाबादः कुष्ठ रोगियों के लिए चलाया जा रहा कुष्ठ निवारण अभियान

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Published : Jan 19, 2020, 3:12 AM IST

सीएस ने बताया कि अभियान चलाकर जिले में 398 कुष्ठ रोगियों की पहचान की गई है. जिनका इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि स्लम एरिया में मरीजों की संख्या अधिक है. हालांकि लोगों में जागरूकता आ रही है और लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं.

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औरंगाबादः जिले में कुष्ठ रोगियों की संख्या घटाने के लिए कुष्ठ निवारण अभियान शुरू किया गया है. जहां 398 रोगियों की पहचान कर उनका इलाज किया गया. कुष्ठ निवारण अभियान के तहत सदर अस्पताल परिसर में स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया. स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित मेले का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. अकरम अली ने फीता काटकर किया. स्वास्थ्य मेले में कुष्ठ रोगियों की जांच कर दवा, सेल्फ कीट, बैशाखी आदि बांटे गए और बचाव के तौर-तरीके बताए गए.

कुष्ठ लाइलाज नहीं
सीएस ने कहा कि कुष्ठ रोग रोगाणुओं से होने वाली साधारण बीमारी है, जो चमड़े और तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है. चमड़े के सूनापन वह किसी तरह के दाग धब्बे दिखे, तो तुरंत क्षेत्रीय आशा एएनएम से संपर्क करें. इसके लिए हर पीएचसी में जांच और दवा की मुफ्त व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि एमडीटी दवा के माध्यम से कुष्ठ रोग को मिटाया जा सकता है.

कुष्ठ रोगियों के लिए चलाया जा रहा कुष्ठ निवारण अभियान

398 रोगी चिन्हित किए गए
सीएस ने बताया कि अभियान चलाकर जिले में 398 कुष्ठ रोगियों की पहचान की गई है, जिनका इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि स्लम एरिया में मरीजों की संख्या अधिक है. हालांकि लोगों में जागरूकता आ रही है और लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं.

Intro:संक्षिप्त- औरंगाबाद जिले में कुष्ठ रोगियों की संख्या घटाने के लिए कुष्ठ निवारण अभियान शुरू किया गया है। जहाँ पहचान कर 398 रोगियों का इलाज शुरू किया गया है।

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औरंगाबाद- कुष्ठ ना ही लाइलाज बीमारी है और ना ही पूर्व जन्म का पाप, यह बीमारी भी अन्य बीमारियों की ही तरह है और दवा खाने से पूरी तरह ठीक हो सकता है। औरंगाबाद जिले में एक अभियान चलाकर कुष्ठ रोगियों की पहचान की जा रही है और उनका इलाज किया जा रहा है।Body:कुष्ठ निवारण अभियान के तहत सदर अस्पताल परिसर में स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित मेले का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ अकरम अली ने फीता काटकर किया। स्वास्थ्य मेले में कुष्ठ रोगियों की जांच कर दवा, सेल्फ कीट, बैशाखी आदि वितरण किया गया और बचाव के तौर-तरीके बताए गए।

कुष्ठ लाइलाज नहीं

सीएस ने कहा कि कुष्ठ रोग रोगाणुओं से होने वाली साधारण बीमारी है जो चमड़े व तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है। चमड़े के सूनापन वह किसी तरह के दाग धब्बे दिखाने के लिए तुरंत क्षेत्रीय आशा एएनएम से संपर्क करें । इसके लिए हर पीएचसी में जांच व दवा की मुफ्त व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि एमडीटी दवा के माध्यम से कुष्ठ मिटाया है सकता है।

कुष्ठ रोगियों के लिए है कई योजनाएं

कुष्ठ रोगियों के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं की जानकारी देते हुए सिविल सर्जन अकरम अली ने बताया कि गम्भीर मरीजों को
सरकार दिव्यांग पेंशन के रूप में देती है । इसके अलावा अन्य योजनाओं का लाभ सबसे पहले कुष्ठ रोगियों को ही मिलता है।

398 रोगी चिन्हित किए गए

सीएस ने बताया कि अभियान चलाकर जिले में 398 कुष्ठ रोगियों की पहचान की गई है। जिन का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि स्लम एरिया में मरीजों की संख्या अधिक है हालांकि लोगों में जागरूकता आ रही है और लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं।Conclusion:पहले कुष्ठ रोग को भगवान का श्राप मानकर मरीजों का इलाज नहीं कराया जाता था जिस कारण यह बीमारी लगातार फैलती गई। अब लोग जागरूक हो रहे हैं। बीमारी छिपाने के बजाए इलाज कराना जरूरी है।

विसुअल- रेडी टू अपलोड
बाइट- डॉ अकरम अली, सिविल सर्जन, औरंगाबाद
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