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गंगा के कटाव में ये गांव अब होगा विलीन, पलायन कर रहे हैं ग्रामीण

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Published : Sep 6, 2022, 7:24 PM IST

Updated : Sep 6, 2022, 10:31 PM IST

गंगा के कटाव में ये गांव अब होगा विलीन, पलायन कर रहे हैं ग्रामीण
गंगा के कटाव में ये गांव अब होगा विलीन, पलायन कर रहे हैं ग्रामीण

आरा में गंगा के जलस्तर में काफी कमी देखी जा रही है. अब बाढ़ का खतरा कम हो गया है लेकिन गंगा के तटवर्ती इलाके के लोगों के बीच अब कटाव की एक नई समस्या विकराल रूप धारण कर खड़ी चुकी है. आरा सदर प्रखंड के मणिराय के टोला सहित आसपास के कई गांवों की उपजाऊ जमीन हर घंटे कटाव से गंगा के पानी में विलीन होती जा रही है.

भोजपुर (आरा): आरा में गंगा के कटाव से हालात ऐसे हैं कि कटाव स्थल से महज दस मीटर की दूरी पर गांव के कई रिहायशी पक्के के मकान भी अब जमींदोज (erosion of village in Ganga in Arrah) होने के कगार पर है. जिससे अब इस गांव के लोग गांव छोड़कर पलायन (Villagers migrating from the erosion of Ganga in Arrah) करने को मजबूर हो गए हैं. तेजी से कटाव होने की सूचना के बाद मौके का जायजा लेने के लिए बिहार बाढ़ संग्रहात्मक बल के अध्यक्ष और उनकी पूरी टीम गंगा किनारे पहुंच स्थिति का मुआयना करने में लगी हुई है. साथ ही कटाव से बचाव के लिए अपने स्तर से हरसंभव उपाय करने में जुटी हुई है.

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गांव में कटाव का दृश्य है भयावह : जब ईटीवी भारत की टीम ने भीषण कटाव की स्थिति जानने के लिए गंगा किनारे बसे गांव का जायजा लिया तो दृश्य काफी भयावह नजर आया और वहां बसे बेबस लोग कैमरे पर अपनी समस्याओं की झड़ी लगा दी. दहशत में जी रहे ग्रामीणों की मानें तो ये समस्या उनके लिए आज कोई नई नहीं है. हर साल उन्हें बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है और जब बाढ़ खत्म होता है तो कटाव से लोगों की बहुत सारी उपजाऊ जमीन गंगा में विलीन हो जाती है.जिससे उनके सामने भुखमरी के साथ-साथ जानमाल का बड़ा खतरा मंडराता है. इस बार कटाव की स्थिति इतनी भयावह है कि कटाव स्थल से गांव के कई पक्के का मकान महज अब कुछ ही दूरी पर है. जिससे लोग आशंकित हैं कि कहीं कटाव में उनका बना बनाया आशियाना गंगा में विलीन ना हो जाएं.

घर छोड़कर जाएं तो कहां जाएं : कुछ ग्रामीणों का कहना है कि सरकार और सिस्टम कटाव को लेकर गंभीर नहीं है. हर साल कटाव की समस्या से ग्रामीण परेशान रहते हैं और सरकारी स्तर से सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. सरकारी अधिकारी मुआयना के नाम पर सिर्फ आश्वासन देकर अपना कोरम पूरा कर जाते हैं. गांव के एक बुजुर्ग ने बताया कि वो इस कटाव के विकराल रूप को देखते हुए पूरे परिवार के साथ कई रातों से जाग रहे हैं क्योंकि उनका घर कटाव के एकदम मुहाने पर है. अपनी लाचारी व्यक्त करते हुए बुजुर्ग ने कहा कि आखिर अब हम पूरा परिवार लेकर कहां जाएं. हमारे घर के सिवा अब कोई आशियाना नहीं बचा है, जहां हम अपने परिवार का सिर छुपा पाएं. तेजी से कटाव की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे बिहार बाढ़ संग्रहात्मक बल के अध्यक्ष व मुख्य अभियंता परिक्षेत्र पटना किशोर कुमार ने कहा कि उनकी पूरी टीम हालात पर नजर बनाई हुई है, साथ ही कटाव से बचाव के उपाय भी किए जा रहे हैं. बहरहाल बाढ़ के बाद कटाव का दंश झेल रहे हैं गंगा किनारे के लोगों के बीच एक- एक पल कई वर्ष काटने के बराबर है. उन्हें बस यही चिंता सता रही है कि कहीं गंगा के इस तेजी से कटाव की जद में वो और उनका परिवार ना आ जाएं.

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Last Updated :Sep 6, 2022, 10:31 PM IST
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