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'भोजपुरी के शेक्सपियर' की मनायी गयी जयंती, कलाकारों ने दी प्रस्तुति

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Published : Dec 18, 2019, 6:05 PM IST

Updated : Dec 18, 2019, 11:48 PM IST

भोजपुर में भिखारी ठाकुर के जयंती के अवस पर कार्यक्रम की शुरुआत उनके प्रतिमा पर पुष्पांजलि और दीप प्रज्वलित कर किया गया. कई कलाकारों ने अपनी कार्यक्रम की प्रस्तुति भी दी.

भोजपुर
भोजपुर

भोजपुर: जिले में भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर की जयंती मनाई गई. भिखारी ठाकुर सामाजिक शोध संस्था की तरफ से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यकम के मुख्य अथिति के वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और अमेरिका से आई भोजपुरी लोक गायिका स्वस्ति पांडे थी.

आरा के सरदार पटेल बस पड़ाव में भिखारी ठाकुर की जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम की शुरुआत भिखारी ठाकुर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि और दीप प्रज्वलित कर किया गया. कई कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति भी दी. मुख्य रूप से लोक गायिका स्वस्ति पांडे के गीतों को लोगों ने काफी सराहा.

लोक गायिका स्वस्ति पांडे का बयान

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पूरे प्रदेश में मनाया गयी जयंती
बता दें कि भिखारी ठाकुर का जन्म 18 दिसंबर 1887 को छपरा के कुतुब दियारा गांव में हुआ था. भिखारी ठाकुर ने भोजपुरी संस्कृति को नया जीवन दिया था. पूरे देश में भिखारी ठाकुर के नाट्य संगीत को पसंद किया जाता है. वहीं, पूरे प्रदेश में भिखारी ठाकुर की जयंती मनाई गई.

Intro:भिखारी ठाकुर पर परिचर्चा

भोजपुर।

भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर की जयंती पर भिखारी ठाकुर सामाजिक शोध संस्था द्वारा परिचर्चा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.कार्यक्रम आरा के सरदार पटेल बस पड़ाव पर किया गया. कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया जिसमें वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और अमेरिका से आई भोजपुरी लोक गायिका स्वस्ति पांडे ने किया.


Body:इसके बाद सभी लोगों ने भिखारी ठाकुर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किया. स्वस्ति भोजपुरी लोकगीतों की जानी-मानी गायिका हैं और अमेरिका में म्यूजिक स्कूल चलाती है स्वस्ति के गीत स्वस्ति म्यूजिक भोजपुरी यूट्यूब चैनल पर काफी पसंद किए जाते हैं. भिखारी ठाकुर का जन्म 18 दिसंबर 1887 को छपरा के कुतुब दियारा गांव में हुआ था भिखारी ठाकुर ने भोजपुरी संस्कृति को नया जीवन दिया था यही वजह है कि उनकी कला को प्रत्यक्ष देखने वाली पीढ़ी आज भी उनके संसर्ग और खांटीपन पर गर्व महसूस करती आ रही है.




Conclusion:आवश्यकता है सरकार को पहल करने की ताकि जिस तरह से भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर को लोग भूलते जा रहे हैं उन्हें लोग सम्मान दे सके और उन्हें याद करते रहे.

बाइट-स्वस्ति पांडे( लोक गायिका)
Last Updated : Dec 18, 2019, 11:48 PM IST
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