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Bihar Panchayat Election : भोजपुर में पूर्व राजद विधायक की पत्नी हारी, भाजपा की भी भद पिटी

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Published : Dec 11, 2021, 8:26 PM IST

बिहार पंचायत चुनाव में 10वें चरण के नतीजे (10th Phase Result) भी सामने आ गए हैं. इन नतीजों में ना पूर्व विधायक के रिश्तेदारों की चली और ना ही भाजपा लहर की. राजद सपोर्टर को भी जनता ने नकार दिया. भोजपुर में एक-दो को छोड़कर सभी पिछले मुखिया को जनता ने दुबारा कुर्सी पर बैठने का मौका नहीं दिया. पढ़ें रिपोर्ट...

भोजपुर में पंचायत चुनाव
भोजपुर में पंचायत चुनाव

भोजपुर: बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) में 10वें चरण के नतीजे चौंकानेवाले रहे. भोजपुर के अन्य प्रखंडों की तरह बड़हरा प्रखंड में भी बदलाव की सुनामी बही. बड़े-बड़े चुनावी दावों की हवा निकल गई. दो-तीन बार से जीत रहे प्रतिनिधि चारों खाने चित हो गए. कुल 22 पंचायत में से 21 में पुराने मुखिया हार गये. सिर्फ नथमलपुर में निवर्तमान मुखिया जीतीं. शुक्रवार को आरा के हितनारायण क्षत्रिय प्लस टू उच्च विद्यालय में मतदान हुई. इस चुनाव में भी आरा, संदेश, अगिआंव, चरपोखरी, पीरो, जगदीशपुर, गड़हनी, सहार, तरारी और उदवंतनगर, बिहिया, कोईलवर की तरह ही बदलाव की सुनामी चली. भ्रष्टाचार की चर्चाओं व अधिकांश भोजपुर पंचायत प्रतिनिधि के खराब कार्यकाल की वजह से मतदाताओं ने उन्हें हरा दिया.

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जिला परिषद के लिए क्षेत्र संख्या- 26 से 10 प्रत्याशी मैदान में थे. विमला देवी ने सबसे ज्यादा 14,528 वोट लाकर चुनाव जीता. दूसरे स्थान पर निशा देवी को 13,222 वोट मिले. तीसरे स्थान पर कलावती देवी (वन) 2782, चौथे स्थान पर कलावती देवी (टू) 2135, पांचवे स्थान पर प्रियंका देवी 1737, छठे स्थान पर बिन्दु देवी 1707, सातवें स्थान पर गीता देवी 1573, आठवें स्थान पर 1134, नौवें स्थान पर शीला देवी 881 और दसवें स्थान पर शोभा देवी को 716 वोट मिला.

जिप क्षेत्र 27 में से 6 प्रत्याशी मैदान में थे. उर्मिला देवी सबसे ज्यादा वोट प्राप्त कर क्षेत्र संख्या 27 से चुनाव जीतीं, 9063 वोट मिले. दूसरे स्थान पर लालती देवी को 7,673 वोट मिले. तीसरे स्थान पर रूबी देवी 7486, चौथे स्थान पर अनिता प्रसाद 7001, पांचवें स्थान पर शांति देवी 6340 और छठें स्थान पर सोनी देवी को 2728 वोट मिले.

जिप क्षेत्र 28 से 18 प्रत्याशी थे. पूजा सिंह भारद्वाज सबसे ज्यादा 4158 वोट लाकर जीतीं. दूसरे स्थान पर वीरेंद्र बहादुर सिंह को 3851, तीसरे स्थान पर पूर्व विधायक सरोज यादव की पत्नी शोशीला देवी को 3607 वोट, चौथे स्थान पर उदय नाथ सिंह को 2963, पांचवें स्थान पर अमित कुमार तिवारी को 2923, छठे अमीरूल हक को 2698, सातवें स्थान पर कृष्णा यादव को 2532, आठवें स्थान पर प्रमोद कुमार सिंह को 1779, नौवें स्थान पर मधुरंजन कुमार सिंह 1739, दसवें संगीता कुमारी को 1525, 11वें पर अनिल कुमार सिंह को 1381 और 12वें पर विजय कुमार सिंह को 1351 वोट मिले.

13वें पर लक्ष्मीना देवी को 1335, 14वें पर राकेश कुमार को 1309, 15वें पर देवेन्द्र सिंह को 821 वोट मिले. 16वें स्थान पर शिव वचन महतो को 687, 17वें स्थान पर संजीत कुमार पाठक को 564 और 18वें स्थान पर रणवीर सिंह को 356 वोट मिले.

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पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होने के बावजूद भाजपा के कुछ सपोर्टर व कार्यकर्ता प्रत्याशी थे. इस वजह से भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी. बड़हरा पूर्वी जिला परिषद क्षेत्र से भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता मधुरंजन सिंह उर्फ किरण सिंह की करारी हार हुई. वे चौथे नंबर पर खिसक गए. उनकी भाभी मीना कुंवर 2006 में इस सीट से जिला पार्षद थीं.

वर्ष 2011 के चुनाव में करारी हार के बाद वे अभी भाजपा में सक्रिय हैं. इधर, भाजपा अति पिछड़ा मोर्चा के जिलाध्यक्ष हरे राम चंद्रवंशी की पत्नी खुशबू देवी विशुनपुर पंचायत समिति में चुनाव हार गई. इसके पहले चुनाव में हरेराम हारे थे. सरैया मंडल भाजपा अध्यक्ष आनंद गोपाल पंडित की मुखिया पत्नी रेखा पंडित हार गईं. हालांकि बलुआ पंचायत से भाजयुमो के पूर्व जिला प्रवक्ता राहुल पांडेय जीतकर मुखिया बने.

बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद विधायक का पद गंवा चुके पूर्व राजद विधायक सरोज यादव की पत्नी शोशीला देवी चुनाव हार गईं. सरोज की पत्नी बड़हरा पूर्वी जिला परिषद क्षेत्र से निवर्तमान पार्षद और इस चुनाव में भी प्रत्याशी थीं. उनको कुछ समय से क्षेत्र में सक्रिय नई प्रत्याशी पूजा सिंह भारद्वाज ने हरा दिया. शोशीला देवी मुकाबले में भी नहीं रहीं, तीसरे स्थान पर रहीं.

पंचायत चुनाव में जनबल के आगे धनबल नतमस्तक हो गया. बड़े-बड़े राजनीतिक दलों की पृष्ठभूमि से जुड़े नेताओं के दावे हवा-हवाई हो गए. पूर्व राजद विधायक की पत्नी सह निवर्तमान जिला पार्षद चुनाव हारीं. भाजपा के प्रदेश नेता, जिला और मंडल स्तरीय नेताओं के परिजन चुनाव हारे. यही हाल राजद का रहा. राजद नेता के पुत्र चुनाव हार गए. ठेकेदार हारे. कईयों की पूंजी डूब गई.

पंचायत चुनाव के बहाने पर्दे के पीछे से एमएलसी चुनाव की रणनीति भी फेल हो गई. शुक्रवार को बड़हरा प्रखंड मतदान मतगणना के चुनावी परिणाम फिल्मी पटकथा की तरह रहे. ग्राम सरकार बनाने के लिए बड़हरा प्रखंड के मतदाताओं ने तीनों जिला परिषद सीट व 22 पंचायत में 21 नए मुखियों पर भरोसा कर जिताया. यही हाल पंचायत समिति, सरपंच, वार्ड सदस्य व पंच पद का रहा. पांच साल तक सत्ता में रहने के बावजूद खराब कार्यकाल होने के कारण अधिकांश प्रतिनिधियों को जनता ने नकार दिया.

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