ETV Bharat / state

पानी के बीच पालने पर नवजात शिशु, नहीं मिल रही कोई सरकारी मदद

author img

By

Published : Aug 18, 2021, 10:39 PM IST

Updated : Aug 19, 2021, 8:08 AM IST

नवजात शिशु
नवजात शिशु

भागलपुर में बाढ़ से कई प्रखंडों में हाहाकार मचा है. जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों को सभी प्रकार की मदद पहुंचाने का दावा कर रहा है. लेकिन घर पर पानी के बीच रह रहे नवजात के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है.

भागलपुर: बिहार इन दिनों बाढ़ से बेहाल है. प्रदेश सरकार (State Government) बाढ़ से प्रभावित परिवारों (Flood Affected Family) को सभी प्रकार से राहत पहुंचाने का दावा कर रही है. राहत केंद्र और सामुदायिक रसोई की व्यवस्था सरकारी दावे पर खरी भी उतर रही है. लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था की बात की जाये तो सरकार द्वारा जो नवजात शिशु को लेकर दावे किए गये हैं, वो पूरी तरह से खोखले साबित हो रहे हैं. ताजा मामला सबौर प्रखंड के राजंदीपुर पंचायत के लालूचक का है. जहां श्याम मंडल एक महीने के बेटे का कोई भी हाल लेने वाला नहीं है. बच्चे को जो दवाइयां और टीके लगने चाहिए वह नहीं लग पा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात, आधा दर्जन गांवों का सड़क संपर्क टूटा, जनजीवन अस्त-व्यस्त

श्याम मंडल की पत्नी गुड़िया को काफी कष्ट है और नवजात राकेश को सर्दी खांसी है. गांव में न सरकारी डॉक्टर और न ही कोई अफसर आता है और न ही कोई सरकारी मुलाजिम. श्याम मंडल के घर एक में डेढ़ फीट से अधिक पानी भरा है. जबकि घर के बाहर सड़क पर करीब 3 फीट पानी है. ऐसे में घर से बाहर निकलना मुश्किल है. परिजन नवजात को घर के अंदर मजबूरन पानी में चौकी पर पालने में सुला रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

श्याम मंडल ने बताया कि एक महीने पहले उसकी पत्नी गुड़िया देवी ने सबौर सरकारी अस्पताल में पुत्र को जन्म दिया. उस समय गांव में पानी कम था. जिससे बच्चे को अस्पताल से घर लेकर आ गये. लेकिन अब पानी काफी बढ़ गया है. छोटा बच्चा और प्रसूता पत्नी के कारण कहीं नहीं जा सकते हैं . जब भी बच्चा बीमार पड़ता है, उसे सर्दी खांसी होती है तो काफी दिक्कत होती है. नाव को बुक करना पड़ता है. कोई भी सरकारी डॉक्टर या सरकारी अफसर हालचाल जानने के लिए नहीं आते. यदि गांव में डॉक्टर आते तो हमारे बच्चे का सही देखरेख हो पाताघर छोड़ कर हम लोग नहीं जा सकते. घर में बहुत सारा सामान है और पूरा परिवार है, जिससे शिविर में नहीं रह सकते. घर के छत पर ही हम लोग सुरक्षित तरीके से रह रहे हैं. यहां पर यदि सरकारी व्यवस्था मिल जाए तो ठीक होता.

ये भी पढ़ें- नाव पर सवार होकर पिया संग आई दुल्हन, पानी में डूबे घर की छत पर काटने पड़ेंगे दिन

जिला प्रशासन का कहना है कि जिले में गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों का सर्वे किया गया है . स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह सर्वे कराया गया है . बाढ़ के दौरान इन लोगों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जा रही है. महामारी और अन्य बीमारियों के रोकथाम के लिए दवाई वितरण और छिड़काव किया जा रहा. आशा कार्यकर्ता, एएनएम द्वारा प्रत्येक सप्ताह सर्वे कराकर रिपोर्ट लिया जा रहा है . जिले में गर्भवती माताओं, नवजात शिशुओं और गंभीर रोगों से ग्रसित मरीजों का सूची बनायी गयी है. बाढ़ राहत शिविर में रह रहे गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के लिए विशेष सुविधा है. नवजात शिशुओं के लिए आवश्यक टीका की व्यवस्था और बच्चों की दूध की व्यवस्था की गई है. बाढ़ में फंसे और अपने गांव में ही रह रहे गर्भवती और नवजात शिशुओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.

Last Updated :Aug 19, 2021, 8:08 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.