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चुनावी मैदान में उतरे दिवंगत नेता सदानंद सिंह के चचेरे भाई, मुखिया पद के लिए अजमा रहे अपनी किस्मत

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Published : Oct 5, 2021, 8:05 AM IST

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पंचायत चुनाव में इस बार दिवंगत कांग्रेस नेता सदानंद सिंह के चचेरे भाई अपनी किस्मत अजमाने चुनावी मैदान में उतरे हैं. उन्होंने कहा कि मुखिया बनने के बाद मैं पंचायत भवन में जनता के लिए उपलब्ध रहूंगा. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

भागलपुर: बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) में इस बार दिवंगत कांग्रेस नेता सदानंद सिंह के भाई संजीव सिंह उर्फ बादल सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. संजीव सिंह भागलपुर जिले के सनहौला प्रखंड के सबसे छोटे अरार पंचायत ( Arar Panchayat In Bhagalpur ) से चुनाव लड़ रहे हैं. बता दें कि पिछले 3 बार से अरार पंचायत में दिवंगत नेता सदानंद सिंह के रिश्तेदार ही चुनाव जीत रहे हैं.

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सनहौला प्रखंड का सबसे छोटा अरार पंचायत में सिर्फ 8 वार्ड हैं. यहां मतदाता की संख्या कुल 4,893 हैं. यह पंचायत दिवंगत नेता सदानंद सिंह के पैतृक घर धुआवै से काफी नजदीक है. इस बार दिवंगत कांग्रेस नेता सदानंद सिंह के भाई भी अपनी किस्मत अजमाने चुनावी मैदान में उतरे हैं. इन्हें टक्कर देने के लिए दिवंगत नेता सदानंद सिंह के ही करीबी रहे जय प्रकाश सिंह भी चुनाव लड़ रहे हैं.

देखें रिपोर्ट.

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वहीं, सदानंद बिंद और दया सिंधु मिश्र भी चुनाव लड़ रहे हैं. बीते तीन चुनाव में दया सिंधु झा दूसरे स्थान पर रहे हैं. इसलिए इस बार के पंचायत चुनाव में कड़ी टक्कर होने की आशंका जताई जा रही है. वहीं, स्थानीय निवासी मोहम्मद अजीज अनवर ने कहा कि पंचायत में काम हुआ है लेकिन बहुत काम अभी बाकी भी है. इसलिए इस बार मुखिया प्रत्याशी से उम्मीद करते हैं कि मुखिया बनने पर गांव की समस्या का समाधान निकाले.

हरिवंश यादव ने बताया कि अरार पंचायत में छूटे हुए कार्यों को करना चाहिए. इसके लिए उन्होंने कहा कि वर्तमान मुखिया यमुना देवी के पुत्र संजीव सिंह पर पूरा भरोसा है. इसके साथ ही हिजबुल रहमान ने कहा कि एक साल तो कोरोना के कारण विकास कार्य नहीं हो सका. मुखिया ऐसे व्यक्ति को बनाएंगे जो सभी वर्ग को साथ लेकर पंचायत का विकास करे.

'पंचायत में बहुत काम हुआ है और कुछ अधूरा भी है. कोरोना के कारण पंचायत में कोई नई योजना नहीं आ सकी है. लेकिन अब चुनाव का समय आ गया है. जिससे हमलोग प्रयास कर रहे हैं कि इस बार ऐसे मुखिया बने जो पंचायत के लोगों को साथ-साथ लेकर चले. साथ ही सरकारी सुविधा उपलब्ध करायी जाए. पंचायत में विकास कार्य हो जिससे अरार पंचायत जिले में टॉप पर रहे.' -हिज्बुल रहमान, स्थानीय


'अरार छोटा पंचायत होने के नाते पंचायत में गली-गली में सड़क और नाली का निर्माण हुआ है. हमारे पंचायत में करीब-करीब सभी मुख्य सड़क का निर्माण हो गया है. जहां भी गली में छूटा हुआ सड़क है, उसे अब बनाना है. पंचायत में 350 से अधिक लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है. यदि मैं मुखिया बनता हूं, तो पंचायत भवन में सुबह 10:00 बजे से शाम के 3:00 बजे तक जनता के लिए उपलब्ध रहूंगा. पंचायत मुख्य रास्ते पर एक भव्य प्रवेश द्वार बनाया जाएगा. जिससे कि लोगों को लगेगा कि अरार पंचायत में वह प्रवेश कर रहे हैं. मेरा सपना है कि अरार एक आदर्श पंचायत बने.' -संजीव सिंह उर्फ बादल सिंह, मुखिया प्रत्याशी

बता दें कि अरार पंचायत में तीन बार से सदानंद सिंह के परिवार के मुखिया रहे हैं. 2007 में विपिन सिंह मुखिया बने इसके बाद 2011 से लेकर अबतक सदानंद सिंह की चाची यमुना देवी मुखिया रहीं. इस बार फिर दिवंगत नेता सदानंद सिंह के चचेरे भाई संजीव सिंह उर्फ बादल सिंह मुखिया प्रत्याशी हैं. जबकि इनके भाई विपिन धुआवै पंचायत के निवर्तमान मुखिया भी हैं और इस बार भी चुनाव लड़ रहे हैं.

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