इंग्लैंड के लोगों ने भी चखा आमों के शहंशाह जर्दालु का स्वाद, खत भेजकर की तारीफ

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Published : Jul 17, 2021, 8:36 AM IST

Updated : Jul 17, 2021, 12:22 PM IST

जर्दालु के स्वाद को इंग्लैंड के लोगों ने सराहा

बिहार के भागलपुर के प्रसिद्ध आम जर्दालु की महक अब इंग्लैंड तक पहुंच चुकी है. आम का स्वाद लेने के बाद इंगलैंड वासियों ने भारतीय उच्चायुक्त को खत लिखकर अगले साल बड़ी मात्रा में आम भेजने का अनुरोध किया है.

भागलपुर: बिहार के भागलपुर के प्रसिद्ध जर्दालु आमों (Jardalu Mango) की पहली कमर्शियल खेप इंगलैंड भेजी गई थी. आम को इंग्लैंड के लोगों ने स्वादिष्ट बताते हुए काफी सराहाना की है. भारतीय उच्चायुक्त को इंग्लैंड के लोगों ने जर्दालु आम (Jardalu Mango In England) के बारे में बताया कि यह काफी लजीज और रसीले हैं. वहीं इंगलैंड के लोगों ने आने वाले साल में बड़ी मात्रा में भागलपुरी जर्दालु आम की मांग की है.

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भारतीय उच्चायुक्त को भेजे खत में भागलपुर के आम बगीचे का भी जिक्र है. उच्चायुक्त विजय चंद्रा के नाम से यह चिट्ठी भेजी गयी है. बता दें कि कृषि और प्रसंस्करण खाद उत्पाद नियंत्रण विकास प्राधिकरण के माध्यम से जर्दालु आमों को बीते 14 जून को इंग्लैंड भेजा गया था. एक क्विंटल आम भेजे गए थे. किसान कृष्णनंदन के बगीचे से आम भेजे गये थे. आम को लंदन भेजने के लिए कृष्ण नंदन ने खुद पहल की थी. इन आमों का पूर्णतया जैविक विधि से उत्पाद हुआ है.

हालांकि किसान कृष्ण नंदन का एपेडा से रजिस्टर नहीं होने के कारण वैशाली के एक किसान के माध्यम से आम भेजा था. आम को लंदन भेजने से पहले 4 जून को जांच की गई थी. जांच में सर्टिफिकेट मिलने के बाद भागलपुर में पैकिंग की सुविधा नहीं होने के कारण आम को लखनऊ भेजा गया. वहां पैकिंग के बाद इंग्लैंड भेजा गया.

भागलपुर के जर्दालु आम बिहार सरकार, भारतीय उच्चायोग और इन्वेस्ट इंडिया के साथ भागीदारी में एपेडा से रसदार और सुगंधित आमों का निर्यात किया गया. जर्दालु आम को विदेश भेजने से पूर्व लकड़ा आमों की खेप को लंदन भेजा जा गया है.

'इस बार जर्दालु आम को इंगलैंड भेजकर देखना चाहते थे कि क्या प्रतिक्रिया आती है. उन्होंने कहा कि उनका खुद का एपेडा से रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण वैशाली के एक किसान के माध्यम से आम को भेजा. आम भेजने से पहले कोलकाता में जांच-पड़ताल करवाया. इसके बाद एक टीम ने बगीचे में आकर जांच पड़ताल की. सर्टिफिकेट मिलने के बाद आम को भेजा गया.' : - कृष्णा नंदन सिंह, आम किसान

'वैशाली का एक किसान पहले भी आम को इंग्लैंड भेज चुका था इसलिए उनसे संपर्क कर जर्दालु आम को इंग्लैंड भेजा है. उन्होंने कहा कि लंदन उच्चायुक्त का एक खत मिला है. जिसमें आम के बारे में लिखा है. उनके स्वाद के बारे में लिखा है. अगले साल अधिक आम लंदन मंगाने की बात कही गई है. हमारे गांव सिमरो का नाम अब लंदन में जाना जा रहा है. आम के कारण भागलपुर का भी नाम फलों के मामले में जाना जाएगा.' :- प्रभात कुमार सिंह, आत्मा के उप परियोजना निदेशक, भागलपुर

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बता दें कि भागलपुर जर्दालु आम उत्पादक संघ को जीआई टैग भी मिला है. इस आम की मांग हर तरफ है. किसानों की कोशिश है कि आम को इंग्लैंड, अमेरिका सहित दूसरे देशों को भेजा जाये. इसके लिए पिछले साल से ही आम किसान प्रयासरत हैं.

आम भेजने के लिए भागलपुर और पटना में जगह के लिए बात हुई थी, लेकिन कोरोना के कारण अधूरी रह गई. वहीं एपेडा से रजिस्ट्रेशन के लिए भी भागलपुर में कार्रवाई की जा रही है. रजिस्ट्रेशन के लिए भागलपुर में भी कई किसानों ने उद्यान पदाधिकारी से संपर्क किया है. रजिस्ट्रेशन के लिए जल्द ही कार्यालय खोले जाने की संभावना है.

जर्दालु आम बिहार की एक प्रसिद्ध किस्म है. ऐसा माना जाता है कि इसकी खेती बिहार के भागलपुर जिले में शुरू हुई. जिले एवं इसके आस-पास के क्षेत्रों में इसकी बागवानी बड़े पैमाने पर की जाती है. फल की गुणवत्ता के कारण यह किस्म भी पड़ोसी राज्यों में भी प्रसिद्ध है. इसके वृक्ष बड़े एवं वृक्षों के क्षेत्रफल का फैलाव सामान्य से थोड़ा अधिक होता है. पेड़ों में मंजर जनवरी के अंतिम सप्ताह में लगता है. जून के प्रथम सप्ताह में फल पकने लगते हैं. इसके फल काफी बड़े एवं स्वादिष्ट होते हैं.

जर्दालु आम के फलों का रंग पकने पर पीला-नांरगी होता है तथा गूदे में मनमोहक सुगंध होती है. फल में गूदा की मात्रा लगभग 67 प्रतिशत होती है. गूदा मुलायम, रेशारहित, लालीमा लिए पीला होता है. गुठली पतली होती है. गूदा हल्के लाल रंग का और मीठा होता है.

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Last Updated :Jul 17, 2021, 12:22 PM IST
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