बेगूसरायः महापर्व छठ को लेकर बाजार में छठ की सामग्रियों की कीमत में उछाल देखने को मिल रही है. खासकर बाहरी राज्यों से मंगवाए जाने वाले सोनपेटा और आंध्रा के नारियल बाजार में काफी महंगे बिक रहे हैं. व्यवसायी बाजार में बढ़े नारियल और फलों के दाम को लेकर नए मोटर व्हीकल एक्ट को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. उनका कहना है कि टैक्स के बोझ और ओवरलोडिंग बंद होने के कारण नारियल और बाहरी फल अधिक दामों पर बेचे जा रहे हैं.
यहां से संचालित होती है नारियल मंडी
जिला मुख्यालय से 4 किलोमीटर दूर दुर्गा मंदिर चौक पर बिहार की सबसे बड़ी नारियल की मंडी वर्षों से संचालित हो रही है. छठ को लेकर सैकड़ों ट्रक नारियल यहां दूसरे राज्यों से मंगवाये जाते हैं. यहीं से बेगूसराय, खगड़िया, समस्तीपुर, मुंगेर सहित आसपास के जिलों में नारियल की सप्लाई की जाती है. जिले के फुटकर दुकानदार भी यहीं से माल खरीदकर लोगों को नारियल उपलब्ध करवाते हैं.
बाहरी राज्य के नारियल काफी महंगे
राज्य में इस बार नारियल की कीमत में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई है. बाजार में बिक रहे नारियल की कीमत 50 से 60 रुपये जोड़ा है. तो वहीं, दक्षिण भारत से मंगाया गया नारियल खास करके आंध्रा और सोनपेटा के इलाके से जो नारियल मंगवाए गए हैं. उसकी कीमत में काफी इजाफा देखने को मिल रहा है. यह नारियल बाजार में 70 से 100 रुपये जोड़ा बेचा जा रहा है.
नई परिवहन नीति ने बढ़ाई महंगाई
शहर के बड़े नारियल व्यापारियों का मानना है कि सरकार की नई परिवहन नीति लागू होने के बाद टैक्स का बोझ तो बढ़ा ही है. इसके साथ ही ओवरलोडिंग भी पूरी तरह से बंद हो गई है. जिस वजह से नारियल की कीमत में पिछले वर्ष की तुलना में डेढ़ से दो गुना ज्यादा तेजी आई है. वहीं बीते दिनों ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के कारण भी नारियल की किल्लत हुई. जिस वजह से बाजार में नारियल ऊंचे दामों पर बिक रहा है.