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बेगूसराय में खेती के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग, हुआ डेमो

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Published : Dec 25, 2021, 11:11 PM IST

बेगूसराय में खेती के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग होगा. केंद्रीय पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह की उपस्थिति में इसका डेमो किया गया. पढ़ें पूरी खबर.

ड्रोन टेक्नॉलजी
ड्रोन टेक्नॉलजी

बेगूसरायः बिहार में खेती के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग (Demo in Begusrai for Drone Technology in Agriculture ) होगा. स्वयं सहायता समूह से जुड़ी जीविका दीदी की मदद से ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग खेती के लिए किया जायेगा. बैंगलुरु की एक कंपनी के सहयोग से शनिवार को बेगूसराय में ड्रोन टेक्नॉलजी का डेमो किया गया. इस मौके पर केंद्रीय केंद्रीय पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह (Central Minister of Panchayati Raj Giriraj Singh) उपस्थित थे.

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जीविका दीदी दीदी करेंगी ड्रोन को संचालित करेंगी. इसके लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जायेगी. बेगूसराय में शनिवार को वनद्वार कोठी में केंद्रीय मंत्री स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह ने खेती के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग के बारे में जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज तकनीक का जमाना है. देश के प्रधानमंत्री ने एक तरफ प्राकृतिक खेती पर जोर दे रहे हैं वहीं दूसरी तरफ इनोवेशन पर. ड्रोन का उपयोग सर्जिकल स्ट्राइक, दवा पहुंचाने आदि में हो चुका है. अब वक्त आ गया है कि खेती के लिए ड्रोन टेक्नॉलजी का उपयोग किया जाये.

ड्रोन टेक्नॉलजी का उपयोग

खेती के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग काफी लाभदायक होगा. इसकी मदद से फलदार पेड़ों में छिड़काव, खेतों पर नजर रखने आदि में मदद मिलेगी. ड्रोन का उपयोग बेगूसराय में पहली बार किया जा रहा है. गिरिराज सिंह ने इस मौके पर कहा कि मुझे खुशी है कि 60 से 70 दशक के इर्द गिर्द हरित क्रांति आयी थी. बिहार में इसका केंद्र बेगूसराय, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर रहा था.

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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि रविवार को जीविका दीदियों को छोटे ड्रोन की मदद से ट्रेनिंग दिलवाया जाएगा. ड्रोन का दुनिया में तकरीबन तीन लाख करोड़ का मार्केट है, लेकिन भारत के अंदर में 5 प्रतिशत ही इसका शेयर है. आने वाले दिनों में ये रोजगार का अवसर देगा. आने वाले दिनों में दवा, खाद और बीज छिड़काव में ड्रोन का उपयोग होगा. इससे पैसे के साथ-साथ स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभ होगा.

उन्होंने आगे कहा कि गांव के किसान पहले कंप्यूटर नहीं चलाते थे. आज यह गांव-गांव तक पहुच गया है. देश में दो करोड़ महिलाएं खेती कर रही हैं और बेगूसराय में भी लगभग एक लाख से ऊपर महिलाएं कृषि से जुड़ी हुई हैं. हम उसके माध्यम से उससे जुड़ेंगे. उन्होंने आगे कहा कि गांव के लोगों को तब विश्वास होगा कि हरित खाद भी डीएपी, यूरिया को रिप्लेस कर सकता है. मौके पर नगर बिधायक कुंदन कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.

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