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सुल्तानगंज से जल उठाकर बाबाधाम के लिए रवाना हुईं कृष्णा बम, उनके दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

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Published : Jul 25, 2022, 11:05 PM IST

सुल्तानगंज से जल उठाते हुए कृष्णा बम
सुल्तानगंज से जल उठाते हुए कृष्णा बम

बिहार में कांवरिया पथ (Kawaria in Shravani Mela) पर कृष्णा बम लगातार सालों से डाक बम से जा रही हैं. सोमवार को एक बार फिर से वे सुल्तानगंज से जल उठाकर देवघर के लिए रवाना हुईं. पढ़ें पूरी खबर...

बांका: भगवान शिव की अनन्य भक्त मुजफ्फरपुर की कृष्णा बम (Krishna Bam journey as dak bam) ने सोमवार को भागलपुर के सुलतानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा तट से जल उठाकर देवघर के लिए रवाना हुईं. 70 वर्षीय कृष्णा बम 15 से 17 घण्टे में 105 किलोमीटर की दूरी तय कर बैधनाथ धाम जा रही हैं. कृष्णा बम की एक झलक पाने को श्रद्धालु लालायित दिख रहे हैं. कृष्णा बम के निकलते ही उनके दर्शन के लिए कांवरिया पथ पर श्रद्धालुओं की भारी-भीड़ जमा हो गई. भागलपुर जिला व पुलिस प्रशासन की ओर से उनके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है.

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देवघर के लिए रवाना हुईं कृष्णा बम: कृष्णा बम जब देवघर के लिए निकली तो उनका चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गई, लेकिन पुलिस की चौतरफा व्यवस्था के आगे किसी की नहीं चली. महिला और पुलिस के जवानों ने उन्हें घेरे में ले लिया. दो महिला जवान उन्हें कंधे के सहारे ले जा रही थी. जबकि, आधा दर्जन महिला पुलिस जवान उनके इर्द गिर्द थे. मुंगेर जिला सीमा तक तारापुर डीएसपी खुद साथ आए. इसके बाद अस्थाई थानाध्यक्ष धौरी के बुद्धदेव पासवान, एएसआइ मृत्युंजय सिंह ने सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाल ली.

कांवड़िया पथ में सुरक्षा के कड़े इंतजाम: शिवलोक के बाद थानाध्यक्ष विनोद कुमार और जिलेबिया मोड़ से डीएसपी सुशील कुमार, एसआई विष्णुदेव कुमार, जिलेबिया पहाड़ पर एसएसबी बेलहर के सहायक कमांडेंट अंजन सरकार और जवानों ने उनकी सुरक्षा की कमान संभाली. इसके बाद बांका जिले में प्रवेश करते ही बेलहर एसडीपीओ प्रेमचंद सिंह के नेतृत्व में सुईया थानाध्यक्ष मनीष कुमार, कटोरिया, चांदन थानाध्यक्ष के अलावे जिला नियंत्रण कक्ष अबरखा के पुलिस अधिकारी और जवान सुरक्षा व्यवस्था में लगे रहे. हालांकि, उम्र अधिक होने कारण उनकी यात्रा काफी सरल नहीं थी. लेकिन बुलंद हौसलों के कारण वे बाबाधाम की ओर बढ़ रहे थे.

सालों से लगातार जा रही हैं डाक बम: बताया जाता है कि गंगाधाम से जल लेकर यात्रा शुरू करने के कुछ ही देर बाद उनकी तबियत बिगड़ गयी. लेकिन उनकी यात्रा जारी रही. ज्ञात हो कि पेशे से शिक्षिका रहीं कृष्णा बम भोलेनाथ के बड़े साधक हैं. जो महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी हैं. जिस समय एक भी महिला श्रद्धालु डाक बम नहीं जाते थे. उस समय वे प्रत्येक रविवार को मार्ग से गुजरकर सोमवार को जल अर्पण करते थे. उनके दर्शन के लिए बड़ी संख्या में कांवरिया श्रद्धालु भी इंतजार करते हैं. इस बार रविवार छोड़ सोमवार को मार्ग से गुजरने का फैसला लिया. रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनके दर्शन के बगैर ही लौट गए थे. सोमवार को उनके आने की सूचना मिलते ही भीड़ उमड़ पड़ी.

कौन हैं कृष्णा बम?: 70 वर्षीय कृष्णा बम भागलपुर की रहने वाली हैं. वर्ष 2013 में प्रधानाध्यापिका के पद से सेवानिवृत्त हुईं. सावन के प्रत्येक सोमवार को कृष्णा बम सुल्तानगंज की उत्तरवाहिनी गंगा से जल उठाकर देवघर तक का सफर 12 से 14 घंटे में पूरा कर बाबा के दरबार में पहुंचकर जलाभिषेक करती हैं. कोरोना काल में पिछले दो सालों से जलाभिषेक नहीं कर पाने के कारण इस बार का उनका सफर काफी खास रहने वाला है. पिछले कई वर्षों से मिल रहे देवघर प्रशासन की सुरक्षा को 2019 से प्रशासन ने बंद कर दिया है. इसी बात से नाराज होकर उन्होंने इस साल सिर्फ एक बार 25 जुलाई के सोमवारी को बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक करने का मन बनाया है.

कृष्णा बम के दर्शन के लिए उमड़ती है भीड़: कृष्णा बम का दर्शन कर उनके पैर छूने के लिए लोग लालायित रहते हैं. खासकर सुलतानगंज, मासूमगंज, असरगंज, तारापुर, रामपुर, कटोरिया, सुइया, दर्शनियां, गोडिय़ारी, दुम्मा से लेकर देवघर तक यही नजारा होता है. सुलतानगंज से लेकर रामपुर तक तो उन्हें देखने के लिए भारी भीड़ होती है और कांवरिया पथ के दोनों ओर कांवरियों व स्थानीय लोगों की लंबी लाइन लग जाती है.

क्या होते हैं डाक बम: डाक बम ऐसे कांवड़िए होते हैं, जो एक बार यात्रा शुरू करने के बाद शिव का अभिषेक करने तक कहीं आराम नहीं करते. यात्रा में विराम लेने पर माना जाता है कि डाक बम का गंगाजल अपवित्र हो जाता है और उनकी संकल्प और यात्रा खंडित हो जाती है. सुल्तानगंज से देवघर की दूरी करीब 105 किलोमीटर है. कृष्णा बम अपने पैरों से इस दूरी को कई सालों तक सावन के हर सोमवार को नापती रहीं हैं.

साइकिल से 11 बार वैष्णो देवी की कर चुकीं हैं यात्रा: वहीं, मुजफ्फरपुर निवासी कृष्णा बम लगातार 38 वर्षो तक प्रत्येक सोमवार को डाक कांवड़ चढ़ाने का संकल्प लेकर लगातार आगे बढ़ रहीं थीं. इस दौरान उनकी प्रसिद्धि एक देवी के रुप में कांवरिया पथ पर हो चुका था. विगत 27 मार्च 2006 को उसने सुल्तानगंज से बाबा धाम की दूरी दंड देकर भी पूरा किया था. बता दें, कृष्णा बम मुजफ्फरपुर से साइकिल पर सवार होकर 11 बार वैष्णो देवी और एक बार कामाख्या देवी की यात्रा भी पूरी कर चुकीं हैं.

कोरोना काल में लगा था यात्रा पर विराम: कोरोना काल ने कई लोगों की जिंदगी पिछले दो सालों में बदल कर रख दी थी. मंदिरों को बंद करने के फैसले तक सरकार को लेने पड़े थे ताकि संक्रमण ना फैले. ऐसे में कृष्णा बम की यात्रा पर भी विराम लग गया था. इस बार सावन के प्रत्येक सोमवार को किसी भी परिस्थिति में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ के दर्शन करने वाली कृष्णा की यात्रा पूरी होगी. हालांकि सिर्फ 25 जुलाई को वे शंकर भगवान का जलाभिषेक करेंगी.

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