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अररियाः नगर परिषद इलाके में कई जगह कूड़ों का अंबार, नाक पर रुमाल रखकर चलते हैं राहगीर

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Published : Aug 25, 2019, 9:43 AM IST

Updated : Aug 26, 2019, 12:33 PM IST

जिले में नगर परिषद क्षेत्र के कई जगहों पर कूड़ों का आंबार है. ऐसा ही नजारा नेपाल जाने वाली सड़क पर वॉर्ड नंबर 23 में काली मंदिर के पीछे देखने को मिलता है. इलाके के लोग कूड़ों की बदबू से परेशान हैं.

नगर परिषद

अररियाः सरकार इन दिनों स्वच्छ भारत अभियान पर जोड़ दे रही है. सरकारी कोष का एक बड़ा हिस्सा इससे जुड़ी योजनाओं के नाम कर दिया गया है. लोगों को जागरूक करने के लिए तरह-तरह के विज्ञापनों पर लाखों खर्च किए जा रहे हैं. लेकिन अररिया जिले में स्वच्छता को लेकर सरकार की तमाम कोशिशें ढाक के तीन पात साबित हो रहे हैं.

पूरी रिपोर्ट

नगर परिषद नहीं कराता सफाई
जिले में नगर परिषद क्षेत्र के कई जगहों पर कूड़ो का आंबार है. ऐसा ही नजारा नेपाल जाने वाली सड़क पर वार्ड नंबर 23 में काली मंदिर के पीछे देखने को मिलता है. इलाके के लोग कूड़ों की बदबू से परेशान हैं. सड़कों से आने-जाने वाले राहगीर नाक पर रूमाल रखकर चलते हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि नगर परिषद की ओर से कूड़ा का कोई व्यवस्था नहीं की गई है. वर्षों से लोग सड़क किनारे ही कूड़ा फेंक रहे है. नगर परिषद इस जगह की सफाई भी नहीं कराती है.

अररिया
सड़क किनारे पसरा कूड़ा


नगर परिषद का ढुलमुल रवैया
जिला से नेपाल जाने वाली सड़क पर काली मंदिर के पीछे कूड़ों से लोग परेशान हैं. इलाके में बिमारी फैलने का डर बना रहता है. बरसात में तो स्थिति और नारकीय हो जाती है. नगर परिषद के पास कूड़ो के निस्तारण के लिए अपनी कोई जगह नहीं है. नगर परिषद के प्रबंधक शेखर कुमार ने बताया कि कूड़ा डंपिंग के लिए जमीन अधिग्रहण किया गया है लेकिन उस पर अतिक्रमण हुआ पड़ा है.

Intro:नगर परिषद क्षेत्र का कई इलाक़ा व स्टेट हाईवे बना कूड़ा डम्पिंग ज़ोन, आने जाने वाले लोगों और स्कूली बच्चों को सताने लगा बीमारी फ़ैलने का खौफ़। हज़ारों की संख्या में लोग हर रोज़ इस रास्ते से सफ़र करते हैं। वर्षों से कूड़ा व मरे हुए जानवर को इसी जगह पर लाकर फेंके जाते हैं। यह इलाक़ा ज़िला मुख्यालय से महज़ आधे किलोमीटर के फासले पर काली मंदिर के पीछे का है। यह रास्ता पड़ोसी मुल्क़ नेपाल के लिए भी जाता है।


Body:अररिया नगर परिषद की अपनी ज़मीन नहीं होने से शहर के कई मुख्य मार्ग, वार्ड बना कूड़ा डम्पिंग ज़ोन। एक ओर जहां सरकार स्वक्ष भारत व स्वस्थ भारत बनाने के लिए करोड़ो रूपए खर्च कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ़ यह फ़ैले हुए कचरे को देख कर लगता है सरकार के योजनाओं का मज़ाक बनाया जा रहा है। ज़िला मुख्यालय का त्रिशूलया घाट काली मंदिर के पीछे वार्ड संख्या 23 का यह जगह देख कर ऐसा लग रहा है जैसे यह कचरा डंप करने की जगह है। जब इसकी रियलिटी चेक करने Etv के जिला संवाददाता पहुंचे तो राहगीर व स्कूली बच्चों ने अपनी परेशानियों से रूबरू करने लगे। इन लोगों ने बताया कि क़रीब दो साल से यही हाल है सूखे के वक़्त में इतना बदबू लग रहा है तो बरसात के वक़्त में लोग इस तरफ़ से कितने परेशानी से आते जाते होंगे। लोग इस तरफ़ से गुजरते वक़्त अपने नाक को रुमाल, मास्क या हाथ से ढक लेते हैं तब गुज़रते हैं ऐसे बहुत मुश्किल होता है। आम लोग और स्कूली बच्चों को बीमार पड़ने का खौफ़ सताने लगा है। हालांकि इस मसले पर नगर परिषद के प्रबंधक शेखर कुमार ने बताया कि कूड़ा डंपिंग के लिए ज़मीन अधिग्रहण कर लिया गया है पर वो अभी अतिक्रमण हुआ है जिसे हमने ज़िलापदधिकारी को पत्राचार कर उसे हटाने का अनुमति मंगा गया है। जैसे ही वह जगह हाथ लगेगा कूड़ा को कंपोस्ट बनाया जाएगा। फ़िलहाल जिस जगह पर गंदगी ज़्यादा फ़ैली है उसे ठीक कर दिया जाएगा।


Conclusion:संबंधित विसुअल वॉइस ओवर पैकेज के साथ
बाइट राहगीर,
बाइट स्टूडेंट
बाइट नगर परिषद प्रबंधक शेखर कुमार
पीटीसी
Last Updated : Aug 26, 2019, 12:33 PM IST
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