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अररिया: बाढ़ में डूब गई लाखों की फसल, मुआवजे के आस में किसान

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Published : Aug 9, 2019, 12:00 AM IST

बाढ़ से बर्बाद हुई फसल

बारिश से पिछले महीने आई बाढ़ से हजारों एकड़ में लगा फसल बर्बाद हो गया. किसानों के चेहरे मायूसी साफ झलक रही है. कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि किसानों की सुध लेने नही दिखाई दे रहे.

अररिया: जिले में लगातार हो रही बारिश ने न सिर्फ आम जन- जीवन को बल्कि फसलों को भी बेहद नुकसान पहुंचाया है. इस बार आई बाढ़ में कुल 27 हजार हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हो गई है. जिसकी कीमत 34 हजार करोड़ रुपए बताई जा रही है.

विभाग ने किसानों को दिया भरोसा
कृषि विभाग ने किसानों के नुकसान हुए फसल का मुआवजा देने के लिए सरकार से सिफारिश की है. उन्होंने कहा किसानों के खाते में पैसे भेजे जाएंगे. किसान बताते हैं कि हम हर बार बीज लगाते हैं, लेकिन बाढ़ की वजह से फसल बर्बाद हो जाती है.

बाढ़ से बर्बाद हुई फसल
बाढ़ से बर्बाद हुई फसल

खेती के लिए लगा चुके 25 से 35 हजार रुपये
किसान ने बताया कि फसलों की बुआई में अब तक 25 से 35 हजार रुपये लगा चुके हैं. लेकिन 2017 में आई बाढ़ ने हमारी पूरी फसल बर्बाद कर दी थी. किसानों का आरोप है कि सरकार से अब तक उन्हें कोई मदद नहीं मिली है.

बाढ़ से बर्बाद हुई फसल

अधिकारी नहीं ले रहे सुध
जिले में दो मंत्री आए लेकिन उन्होंने भी बाढ़ ग्रस्त इलाके का दौरा नहीं किया. किसान जब बर्बाद हुई फसल की शिकायत लेकर कृषि पदाधिकारी से मिलने गए, तो कृषि पदाधिकारी ने कहा वहां बाढ़ ही नहीं आई. ऐसे में किसानों के पच्चीस से तीस हजार रुपये बर्बाद हो गये. 6 हजार के मुआवजे का ऐलान भी हुआ. जिसमें कुछ लोगों को मिला तो कुछ आज भी आस में हैं.

Intro:पिछले महीने आए बाढ़ से हज़ारों एकड़ में लगा फ़सल हुआ बर्बाद, किसानों के चेहरे मायूसी साफ़ देखी गई। कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि किसानों की समस्या सुनने या देखने नहीं गया। लोगों ने बर्बाद हुए फ़सल की शिकायत लेकर कृषि पदाधिकारी से मिलने गए तो कृषि पदाधिकारी ने कहा वहां बाढ़ नहीं आया है। किसानों ने बताया कि नुकसान पच्चीस हजार से तीस हजार तक का हुआ है और मुआवजा छः हज़ार उस पर से भी किसी को मिला किसी को नहीं मिला है।


Body:अररिया में आए बाढ़ ने किसानों को भारी तबाही पहुंचाया है। इस बार आए बाढ़ में कुल 27 हज़ार हेक्टेयर में लगा फ़सल बर्बाद हुआ है। जिसकी क़ीमत 34 हज़ार करोड़ रुपए के क़रीब आंका गया है। जिसे कृषि विभाग ने किसानों के नुकसान हुए फ़सल का मुआवजा सरकार के दुवारा उनके खाते में भेजा जाएगा। किसान बताते हैं कि दो बार बीच खेत में लगाए और दोनों बार आए बाढ़ ने फ़सल को बर्बाद कर दिया। यह तीसरे बार लगा रहे हैं और इस बार कितना होगा जिसका कोई अंदाज़ा नहीं है। अब 25 से 35 हज़ार रुपए खेती के लिए लगा चुके हैं। लोगों ने यह भी बताया कि 2017 में आए बाढ़ का मदद अब तक नहीं मिला है। इस बार भी मिलता है या नहीं कोई पता नहीं। पेट चलाने के लिए तीसरी बार धान का बीज ख़रीद कर लाए हैं उसे लगा रहे हैं। बाढ़ के बाद ज़िले में दो मंत्री आए मगर उन्होंने यह भी ज़हमत उठाना सही नहीं समझा के ज़िला मुख्यालय में जो बाढ़ ग्रस्त इलाक़ा है वहां जाकर दुख दर्द सुने पर ऐसा नहीं और एसी में बैठकर ही सिर्फ़ बाढ़ जानकारी साझा किया। जिसका जायज़ा लेने Etv के ज़िला संवाददाता ने ज़िला मुख्यालय के हड़याबाडा और बसंतपुर पंचायत का लिया। हालांकि अधिकारी ने बताया कि बाढ़ में किसान का जो भी नुकसान हुआ है उसे मुआवजा के तौर पर उनके खाते में भेज दिया जाएगा।


Conclusion:संबंधित विसुअल वॉइस ओवर के साथ
बाइट किसान
बाइट अधिकारी शम्भू कुमार
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