साल 2021 में तू-तू, मैं-मैं से शुरू हुई बिहार की सियासत गाली गलौज तक आ पहुंची, कई दलों के दामन हुए दागदार

author img

By

Published : Dec 30, 2021, 6:02 AM IST

बिहार के राजनेताओं के विवादित बयान

बिहार राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन की धरती है. बिहार ने देश को बदलाव के गुर सिखाए हाल के कुछ दिनों में बिहार की राजनीति का क्षरण हुआ है. नेताओं ने मर्यादा की सभी सीमाओं को लांघ दिया है. साल 2021 में बिहार की राजनीति (Politics of Bihar) नेताओं के अमर्यादित आचरण से शर्मसार हुई है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

पटना: बिहार जयप्रकाश की धरती है और जेपी ने बिहार की धरती से ही आंदोलन को राष्ट्रव्यापी स्वरूप दिया था. बिहार में ज्यादातर नेता जेपी आंदोलन के गर्भ से निकले हैं, इन्हीं नेताओं के कंधों पर जेपी ने बिहार के भविष्य की जिम्मेदारी छोड़ी थी. जिस सुचिता की राजनीति जेपी ने अपने शिष्यों को सिखाया था, आज वो बीते दिनों की बात हो गई और नेता अपने अमर्यादित आचरण के लिए जाने जा रहे हैं. साल 2021 में नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप गाली गलौज (Controversial Statements of Bihar Politicians) तक पहुंच गए और लोकतंत्र को शर्मिंदगी झेलना पड़ी है.

ये भी पढ़ें- नीतीश कुमार ने फिर दिलायी 'लालू राज' की याद, कहा- भूल गए.. शाम के बाद लोग घर से नहीं निकलते थे

बिहार के नेता राजनीति की मर्यादा कब लांघ देंगे, यह किसी को पता नहीं है. एक दूसरे के ऊपर पॉलिटिकल बयानबाजी और कटाक्ष के अलावा नेताओं की ओर से व्यक्तिगत टिप्पणी की जाती रही है, लेकिन अब उनकी पहचान और अमर्यादित बयान बन चुके हैं. तकरीबन सभी पार्टियों में राजनीति की मर्यादा भूलने वाले नेताओं की कमी नहीं हैं. बिहार के राजनेताओं के विवादित बयान चाहे वो आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप हो, उनकी पार्टी के विधायक भाई वीरेंद्र हो, बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर हो या फिर जेडीयू के गोपाल मंडल साल 2021 में सुर्खियों में रहे हैं.

बिहार के राजनेताओं के विवादित बयान

आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पशुपालन घोटाला मामले में जेल से बाहर आए और इस बार उपचुनाव में दो-दो हाथ के लिए मैदान-ए-जंग में कूद पड़े. चुनाव प्रचार से पहले ही लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस के बिहार प्रभारी के लिए भकचोंधर शब्द कह दिए, जिससे बिहार की राजनीति में बवाल खड़ा हो गया.

ये भी पढ़ें- लालू की रिहाई, तेजप्रताप-जगदानंद की लड़ाई और तेजस्वी की शादी से RJD के लिए यादगार रहा साल 2021

लालू प्रसाद यादव का विवादित बयान (Controversial statement of Lalu Yadav) तब आया जब कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर उनसे सवाल किया था जिस पर उन्होंने कहा कि ''गठबंधन क्या होता है? यह हारने के लिए नहीं होता. कांग्रेस की जमानत जब्त हो जाती है. उसे हारने के लिए सीट नहीं दे देते. लालू से जब पूछा गया कि भक्तचरण ने आरजेडी पर बीजेपी के लिए काम करने का आरोप लगाया है तो उन्होंने कहा कि भक्तचरण दास भकचोंधर हैं, उन्हें कुछ नहीं आता. उनके इसी बयान पर कांग्रेस की भौंहे तन गई और राजनीति के पुराने सहयोगी दलों के रिश्तों में दरार आ गई.

बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुभान अल्लाह. लालू के बड़े लाल तेज प्रताप यादव की बयानबाजी भी इस साल सुर्खियां बनी. तेज प्रताप यादव ने अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की तुलना हिटलर से कर दी और कहा कि पार्टी किसी के बाप की नहीं है.

  • रुकऽअ हम आऽवतानी बिहार तऽ गर्दा उड़ाऽव तानी तोहार..!

    बुढ़-बुजुर्ग बाड़ऽअ, तनिक औक़ात में रहल सिखऽ। पाजामा से बाहर आऽवल के कौनो ज़रूरत नईखे..!

    — Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) December 11, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं, तेज प्रताप ने अपने मामा साधु यादव को भी देख लेने की धमकी दे डाली थी. तेजस्वी यादव की शादी पर बयान को लेकर साधु यादव पर भड़के तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Reply to Sadhu Yadav) ने तल्ख लहजे में कहा कि रुकिए मुझे बिहार आने दीजिए आपका गर्दा उड़ा दूंगा. तेजप्रताप ने भोजपुरी अंदाज में अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था कि ''रुकऽअ हम आऽवतानी बिहार तऽ गर्दा उड़ाऽव तानी तोहार..! बुढ़-बुजुर्ग बाड़ऽअ, तनिक औक़ात में रहल सिखऽ। पाजामा से बाहर आऽवल के कौनो ज़रूरत नईखे..!''

ये भी पढ़ें- 'जो पंडित मांस-मदिरा का सेवन कर पूजा कराने जाते हैं, उसको एक नहीं हजार बार @$#&#.. कहेंगे'

बात यहीं खत्म नहीं हुई आरजेडी के सीनियर लीडर और विधायक भाई वीरेंद्र और बीजेपी विधायक संजय सरावगी के बीच गाली गलौज की नौबत तक आ गई थी. बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने भाई वीरेंद्र को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया और दोनों ने एक दूसरे पर जमकर गालियों की बौछार की. दोनों नेताओं ने एक दूसरे को जब गालियों से नवाजा तो विधानसभा अध्यक्ष को मध्यस्थता करनी पड़ी थी.

बीजेपी खेमे में भी बयानवीर नेताओं की कमी नहीं है. बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, विधायक हरिभूषण ठाकुर के बयानों से भी पार्टी को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी. बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने अपनी ही पार्टी के सीनियर लीडर और उप नेता नवल किशोर यादव को लेकर टिप्पणी की, जिसके चलते पार्टी की ओर से उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया.

अमर्यादित बयानों के चलते सुर्खियां बटोरने वाले नेताओं की सूची में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का नाम भी शुमार हो गया. जीतनराम मांझी ने ब्राह्मणों को लेकर अभद्र टिप्पणी ही नहीं की, बल्कि गाली गलौज की भाषा का इस्तेमाल किया. हालांकि बाद में उन्होंने माफी भी मांग ली.

मांझी ने एक वीडियो में सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि "आप लोग माफ कीजिएगा. हम सबलोग को कहते हैं कि आजकल हमारे गरीब तबके के लोगों में धर्म की प्रासंगिकता ज्यादा आ रही है. सत्य नारायण पूजा का हमलोग नाम भी नहीं जानते थे. लेकिन हर जगह हमलोग के टोला में सत्य नारायण स्वामी की पूजा हो रही है. इतना भी लाज नहीं लगता है हमलोगों का कि पंडित @$#&#@ कहता है कि नहीं खाएंगे बाबू आप लोग पैसे दे दीजिए."

ये भी पढ़ें- 'बिहार BJP को नेतृत्वविहीन' बताने वाले बयान पर ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू पर कसा शिकंजा, मिला शोकॉज

जेडीयू विधायक गोपाल मंडल भी विवादित बयान के चलते सुर्खियों में रहे गोपाल मंडल ने उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और कहा था कि उपमुख्यमंत्री वसूली करने भागलपुर आते हैं, बाद में गोपाल मंडल ने माफी भी मांगी गोपाल मंडल ने अपने ही पार्टी के सांसद अजय मंडल पर शराब बिकवा ने तक का आरोप लगा दिया था.

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.