बिहार पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा साल 2021, पढ़ें रिपोर्ट...

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Published : Dec 29, 2021, 6:03 AM IST

Bihar Police
Bihar Police ()

बीत रहा साल 2021 बिहार पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा. इस दौरान पुलिस को कानून-व्यवस्था के साथ ही अन्य कई मोर्चों पर लोहा लेना पड़ा. इसमें कोरोना संक्रमण तथा शराबबंदी सबसे महत्वपूर्ण है. बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarters) के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार के मुताबिक बिहार पुलिस ने चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में बेहतरीन कार्य किया. पढ़ें विशेष रिपोर्ट.

पटना: साल 2021 अब समाप्ति की ओर है. साल 2021 बिहार पुलिस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है. साल 2021 के शुरुआती एक-दो महीनों को छोड़ दिया जाए तो कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) ने विकराल रूप ले लिया था. इस दौरान आम लोगों की सेवा में तत्पर कई पुलिसकर्मियों को जान भी गंवानी पड़ी. कोरोना की दूसरी लहर में पुलिस कर्मियों द्वारा मास्क चेकिंग, एंबुलेंस और ऑक्सीजन की कालाबाजारी ना हो, इस को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने अहम भूमिका निभाई.

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इसके साथ-साथ बिहार पुलिस का जो महत्वपूर्ण काम है, प्रोफेशनल पुलिसिंग का उसको भी ध्यान में रखा गया है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार के मुताबिक साल 2021 में प्रोफेशनल पुलिसिंग के तहत एक और जहां अपराधी ज्यादा पकड़े गए, वहीं, अपराध का दर भी काफी कम रहा. यहां तक की बिहार पुलिस द्वारा पिछले साल की तुलना में साल 2021 में ज्यादातर अपराधियों को सजा दिलवाई गई है. महिलाओं के विरुद्ध अपराध की घटनाओं को भी काफी कमी आई है.

देखें विशेष रिपोर्ट

आपको बता दें कि साल 2020 में जहां 1417 अपराधियों को दोषसिद्ध करवाया गया था. वहीं, साल 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 2305 हो गया है यानी कि 2305 अपराधियों को दोषसिद्धि करवाया गया है. बिहार में मध निषेध कानून (Alcohol Prohibition Law in Bihar) लागू होने से साल 2020 की तुलना में 2021 में महिलाओं के विरुद्ध अपराध में कमी आई है. साल 2020 में जहां 3438 गंभीर महिलाओं के प्रति मामला दर्ज हुआ था. वहीं, साल 2021 में 1264 मामले दर्ज हुए हैं.

साल 2021 में लगभग 3 महीने चलने वाला पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण निष्पक्ष और भयमुक्त करवाने हेतु बिहार पुलिस ने अहम भूमिका निभाई. विधि व्यवस्था बनाए रखने में बिहार पुलिस का अहम रोल रहा है जो कि बिहार पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुई. महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ते हुए बिहार पुलिस से देश का पहला ऐसा राज्य पुलिस बल है जहां पर सबसे अधिक महिलाएं पुलिस बल में हैं. साल 2021 में बिहार पुलिस की पहली महिला बटालियन को सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर में महिला कमांडो की ट्रेनिंग दिलाई गयी. जल्द ही इन महिला कमांडो को केंद्र की तर्ज पर वीआईपी सुरक्षा में तैनात किया जाएगा.

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यही नहीं, साल 2021 में बिहार पुलिस में अब ज्यादातर महिलाओं के पुलिस बल में होने से उन्हें ड्यूटी में किसी तरह की समस्या नहीं होती. इस वजह से महिला पुलिस कर्मियों के बच्चों की देखभाल हेतु बीएमपी में क्रेच भी खोला गया है. उसके साथ-साथ भी एमपी में पुलिस पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के लिए ट्रेनिंग के साथ-साथ उन्हें स्वस्थ रखने हेतु जिम की भी व्यवस्था की गई है.

पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि बिहार की आबादी के मद्देनजर बिहार अन्य राज्यों की तुलना में अपराध के मामले में 25वें स्थान पर है. वहीं, हत्या के मामले में 11वें, लूट में 13वें, और महिला अपराध में 29 वें स्थान पर है. कुल मिलाकर बिहार में अपराध का ग्राफ कम हुआ है. पुलिस मुख्यालय का मानना है कि लॉ एंड ऑर्डर पूर्णता कंट्रोल में है.

इस वजह से आम जनता सुकून महसूस कर रही हैं. हालांकि इसके बावजूद हत्या करने वाले, हत्या का प्रयास करने वाले यह गंभीर मामलों में फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु ऑपरेशन प्रहार चलाया जा रहा है. इसके तहत लगातार अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जा रही है. महज 5 दिन के अंदर में 505 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है.

मद्य निषेध कानून के तहत मद्य विषय विभाग के सहयोग से बिहार पुलिस द्वारा लगातार शराब माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाकर गिरफ्तारी की जा रही है. शराब माफियाओं को पकड़ने हेतु पुलिस मुख्यालय स्तर से सभी जिलों में एंटी लिकर टास्क फोर्स का गठन किया गया है. इसका परिणाम अच्छा मिल रहा है. पुलिस मुख्यालय से मिल रही जानकारी के अनुसार साल 2021 के अक्टूबर माह तक के कुल 3872645 लीटर शराब को जब्त किया गया है.

मद्य निषेध कानून के तहत अक्टूबर माह तक के आंकड़े के मुताबिक तीन लाख से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. 700 से ज्यादा पुलिसकर्मी और उत्पाद विभाग के कर्मियों को शराब कारोबारियों से मिलीभगत के कारण बर्खास्त किया गया है. हालांकि साल 2021 में मद्य निषेध कानून लागू होने के बावजूद लगभग 100 से ज्यादा लोगों की जहरीली शराब पीने से असमय मौत भी हुई है.

शराबबंदी को सख्ती से लागू करवाने हेतु मॉनिटरिंग करने के लिए बिहार पुलिस मुख्यालय के 12 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी लगाया गया है. बिहार पुलिस द्वारा जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत बालू के अवैध खनन में संलिप्त 2 आईपीएस, चार डीएसपी समेत 41 से अधिकारियों को निलंबित करते हुए आय से अधिक संपत्ति मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. आय से अधिक संपत्ति के मामले में बिहार सरकार के अधीन निगरानी अन्वेषण ब्यूरो विशेष निगरानी यूनिट और आर्थिक अपराध इकाई द्वारा लगातार बिहार सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. अब तक 20 से अधिक अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है. यह आगे जारी रहेगी.

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