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आरसीपी सिंह जायेंगे राज्यसभा? ललन ने खड़े किये हाथ, सीएम हाउस में माथापच्ची

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Published : May 29, 2022, 6:04 PM IST

Updated : May 29, 2022, 6:21 PM IST

केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (Union Minister RCP Singh) की राज्यसभा उम्मीदवारी को जारी ऊहापोह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. जेडीयू में लगातार बैठकों का दौर चल रहा है लेकिन सस्पेंस बदस्तूर जारी है. आज भी सीएम हाउस में बैठक हो रही है. इस पर सबकी नजर टिकी है. पढ़ें पूरी खबर.

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पटना: बिहार की राजनीति में फिलहाल केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का राज्यसभा टिकट सबसे हॉट टॉपिक (Suspense on RCP Singh Rajya Sabha candidature) बना हुआ. पिछले कई दिनों से सियासी गलियारों इसी मसले पर लगाताचर चर्चा हो रही है. कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं लेकिन जेडीयू ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. जेडीयू नेतृत्व की रणनीति राज बनी हुई है. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कुछ दिन पहले मीडिया से बातचीत में कहा था कि सही समय निर्णय लिया जायेगा और आपको सूचना दी जायेगी. वही पार्टी के अन्य नेता भी खुलकर कुछ नहीं बो रहे हैं. वे सीएम नीतीश के पाले में गेंद डाल देते हैं. अभी भी उहापोह की स्थिति बनी हुई है. इसी बीच पटना में आज सीएम हाउस में एक अहम बैठक हो रही है. इस पर सबकी नजर है.

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सीएम के पाले गेंद: सीएम हाउस में बैठक से पहले जेडीयू मुख्यालय में एक बैठक हुई जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद थे. यहां निकलकर वे सीएम हाउस में होने वाली बैठक के लिए रवाना हो गये. उससे पहले आरसीपी सिंह की राज्यसभा उम्मीदवारी से संबंधित मीडिया कर्मियों के सवाल पर उन्होंने पल्ला झाड़ने वाला जवाब दिया. ललन सिंह ने कहा कि फिलहाल इस बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है. इस पर फैसला सीएम नीतीश कुमार फैसला लेंगे. अब देखना है कि सीएम हाउस में रही बैठक में आरसीपी सिंह पर क्या निर्णय होता है. अब देखना है कि जेडीयू आरसीपी को एक बार उच्च सदन के सदस्य बन पाते या नहीं.

जेडीयू खेमे में नाराजगी: आरसीपी सिंह का राजनीतिक भविष्य अधर में है. नीतीश कुमार ने अब तक राज्यसभा चुनाव को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. दरअसल, जदयू खेमे में इस बात को लेकर नाराजगी है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल पार्टी को समानुपातिक प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. नीतीश कुमार की इच्छा के विरुद्ध आरसीपी सिंह ने भाजपा के सांकेतिक प्रतिनिधित्व को स्वीकार कर लिया था. इसी बात से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाराजगी है. जेडीयू के प्रत्याशी की घोषणा में विलंब का सबसे बड़ा कारण भी यही है.

ललन सिंह वर्सेस आरसीपी सिंह : आरसीपी सिंह पिछले 28 सालों से नीतीश कुमार के साथ हैं तो वहीं ललन सिंह उनसे भी पहले से नीतीश कुमार से जुड़े हुए हैं. हालांकि बीच में ललन सिंह जरूर विद्रोही हो गए थे. इसके बावजूद ललन सिंह की नीतीश कुमार से नजदीकियां को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. केंद्र में जब से आरसीपी सिंह मंत्री बने हैं, तब से ललन सिंह उनसे नाराज हैं. उत्तर प्रदेश चुनाव से लेकर पार्टी के कई कार्यक्रमों को लेकर भी विरोधाभास दोनों नेताओं का सामने आ चुका है.

ललन सिंह, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष

'चिंता मत करिये, देर सबेर क्या होता है, जब होगा तब बता दिया जायेगा. हम आपको सब बता दें, हमको खुद ही नहीं मालूम. जब हमको खुद ही नहीं मालूम तो आपको क्या बता दें.'- ललन सिंह, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष.

"पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है. जेडीयू के सर्वमान्य नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं और एनडीए के घटक दल भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में विश्वास और आस्था रखते हैं. उन्हीं के नेतृत्व में सरकार चल रही है. लिहाजा कहीं कोई दिक्कत नहीं है."- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जेडीयू

"देखिए जेडीयू बड़ी पार्टी रही है और हमेशा 2-3 राज्यसभा कैंडिडेट को भेजने की क्षमता रही है लेकिन इस बार हमारी केवल एक ही उम्मीदवार को भेजने की कैपेसिटी है. इसके कारण विचार-विमर्श हो रहा है लेकिन फैसला नीतीश कुमार को ही करना है. हम लोग इसके पार्ट नहीं हैं."- अशोक चौधरी, मंत्री, जेडीयू

नीतीश की शर्तें: इस बीच सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर आरसीपी सिंह के सामने एक शर्त रखी है. अब यह आरसीपी सिंह पर है कि वे इसे स्वीकार करें या न करें. बताया जाता है कि नीतीश कुमार के शर्त के मुताबिक आरसीपी सिंह यदि मोदी कैबिनेट का हिस्सा नहीं रहते हैं, तभी उन्हें राज्यसभा के लिए दोबारा नामित (Rajya Sabha ticket to Union Minister RCP Singh) किया जाएगा. इस रणनीतिक कदम से नीतीश कुमार मोदी की कैबिनेट में जदयू का आनुपातिक प्रतिनिधित्व मांगेंगे. इस तरह नीतीश एक तीर से दो निशाना लगायेंगे. एक तो वह आरसीपी को अपनी शर्तों पर रखेंगे और दूसरी तरफ बीजेपी को यह संदेश भी जाएगा कि नीतीश अपना 'शो' चलाना चाहते हैं. वे सांसद की संख्या के आधार पर मोदी मंत्रिमंडल में अपनी दावेदारी चाहते हैं.

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Last Updated : May 29, 2022, 6:21 PM IST
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