सरकारी रोक के बावजूद खेतों में जलाई जा रही है पराली, गांव-गांव जाकर जगारुकता फैलाने का नहीं है कोई असर

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Published : May 3, 2022, 10:46 PM IST

खेतों में जलाई जा रही है पराली

पटना के ग्रामीण इलाकों में रोक के बावजूद खेतों में इन दिनों पराली (Stubble is being Burnt in Fields in Patna) जलाया जा रहा है. हालांकि खेतों में पराली जलाने से न केवल मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर हो रही है. बल्कि आबोहवा भी खराब हो रहा है. जिससे लोगों की सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ने लगा है. पढ़ें पूरी खबर..

पटना: राजधानी पटना से सटे ग्रामीण इलाकों में इन दिनों गेहूं की कटाई खेतों में हो चुकी है. गेहूं के फसल कटने के बाद जो अवशेष बचते हैं उसे पराली कहते हैं. उस पराली को लगातार किसानों द्वारा जलाया (Farmers are Burning Stubble in Patna) जा रहा है. एक तरफ सरकार पराली प्रबंधन को लेकर लगातार गांव-गांव में जागरुकता फैला रही है. कई कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा इस पर पंचायत स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन कर किसानों के बीच उन्हें जागरूक किया जा रहा है. इसके बावजूद किसान पराली जला रहे हैं.

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पराली जलाने पर नहीं लग रही रोक: किसान सरकारी आदेशों की अवहेलना करते हुए खेतों में पराली जला रहे हैं. ऐसे में धनरूआ प्रखंड में कई जगह पर किसान पराली जला रहे हैं. कई किसानों पर कारवाई भी शुरू हो चुकी है. वहीं, धनरूआ में ई किसान भवन के पीछे खेत में पराली जलाने के दौरान दूसरे के खेत में लगी हुई फसल भी आग से जलकर खाक हो गई. ऐसे में लगातार पराली जलाने के कारण अगल-बगल के किसान भी प्रभावित हो रहे हैं.

रोक के बावजूद किसान जला रहे हैं पराली: पराली जलाने के दौरान अगल-बगल के किसानों के गेहूं की फसल में भी आग लग जा रही है. जिससे लोगों को भारी नुकसान पहुंच रहा है. मिली जानकारी के अनुसार, मसौढ़ी एवं धनरूआ और प्रखंड में लगातार खेतों में पराली जलायी जा रही है. रोक के बावजूद किसान मानने को तैयार नहीं है. हालांकि कृषि विभाग द्वारा लगातार गांव-गांव में जागरुकता कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है. पराली प्रबंधन करने और खेतों में पराली को नष्ट करने के बाजारों में उपलब्ध दवाओं के बारे में भी बताया जा रहा है. जिस केमिकल का छिड़काव आसानी से किया जा सकता है.

'खेतों में पराली नहीं जलाने को लेकर कृषि विभाग प्रयास कर रहा है. सभी पंचायतों में किसान सलाहकार के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. एक टीम बनाकर पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. धनरूआ में अब तक 2 किसानों पर कार्रवाई की जा चुकी है.' - राजेश कुमार, कृषि पदाधिकारी धनरूआ

'पराली प्रबंधन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. लगातार किसानों के बीच जागरूक कार्यक्रम चलाया जा रहा है. पराली प्रबंधन के लिए बाजारों में कई तरह की दवाएं उपलब्ध हैं, जिसके छिड़काव से पराली को आसानी से नष्ट किया जा सकता है. अगर इस समय नहीं रोका गया तो खेतों में मिट्टी की गुणवत्ता खत्म हो जाएगी.' - मृणाल वर्मा, कृषि वैज्ञानिक पटना

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