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मांझी के विवादित बयान पर बोली RJD- 'सफाई देने का कोई फायदा नहीं, ब्राह्मण समाज से मांगें माफी'

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Published : Dec 19, 2021, 3:46 PM IST

पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के जाति विशेष पर विवादित बयान देने के बाद बिहार में सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. उनके बयान पर राजद ने जीतन राम मांझी को माफी मांगने को कहा है. उन्होंने ब्राह्मण समाज से माफी मांगने को कहा है.

पूर्व सीएम जीतन राम मांझी
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी

पटना: बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी अपने विवादित बयान (Jitan Ram Manjhi Controversy) को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं. जीतन राम मांझी ने एक सभा में ब्राह्मणों को लेकर अपशब्द कह दिया. इसको लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है. पहले तो उनके बोल बिगड़े, बाद में उन्होंने सफाई में कहा कि हमने अपशब्द का इस्तेमाल अपने समाज के लोगों के लिए किया था. लेकिन अपशब्द तो अपशब्द है. उनके बयान पर राजद ने जीतन राम मांझी को माफी मांगने को कहा (RJD Asks Jitan Ram Manjhi to Apologize) है.

इसे भी पढ़ें- पंडित से इतनी नफरत क्यों? जीतनराम मांझी ने ब्राह्मणों को खुले मंच से दी गाली

'जीतन राम मांझी आदरणीय नेता हैं. बड़े नेता हैं. वे इस तरह का बयान अगर किसी जाति को लेकर देते हैं, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. जबसे मांझी जी भाजपा और आरएसएस वाले पार्टी के साथ मिले हैं, तबसे उनके बोल बिगड़ गए हैं. यही कारण है कि वे ब्राह्मणों को लेकर इस तरह की बयानबाजी भरी सभा में कर रहे हैं. जीतन राम मांझी को अपने बयान को लेकर माफी मांगनी चाहिए.' -मृत्युंजय तिवारी, राजद प्रवक्ता

मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हमारे नेता तेजस्वी यादव हमेशा कहते हैं कि ए टू जेड की राजनीति होनी चाहिए. निश्चित तौर पर समाज के सभी वर्ग सभी जाति और सभी धर्म के लोग बराबर हैं. किसी जाति विशेष को लेकर अगर कोई आदमी टिप्पणी करता है, तो वह अच्छा नहीं है. हमारा मानना है कि समाज के सभी जाति धर्म और वर्ग के लोग एक समान हैं. सबका आदर करना चाहिए लेकिन जीतन राम मांझी ने जिस तरह ब्राह्मणों को लेकर बयान दिया है, वह ठीक नहीं है. भले ही वे कुछ भी सफाई दें लेकिन हम कहना चाहते हैं कि उन्हें समाज के उस जाति से माफी मांगनी चाहिए, जिनके खिलाफ उन्होंने भरी सभा में इस तरह का बयान दिया है.

जीतन राम मांझी के विवादित बयान के लिए राजद ने माफी मांगने को कहा

जानकारी दें कि जीतन राम मांझी की चर्चा खुले मंच से ब्राह्मणों को गाली देने (Jitan Ram Manjhi Abused Brahmins) को लेकर है. मांझी ब्राह्मणों के लिए भद्दी गाली का इस्तेमाल करते हुए सनातनी आस्था को भी ठेस पहुंचाई है. हालांकि, बाद में इसके लिए उन्होंने माफी (Manjhi Apologizes After Abusing Brahmin) मांगी है.

दरअसल, मांझी एक वीडियो में सभा को संबोधित करते हुए कहते हैं कि "आप लोग माफ कीजिएगा. हम सबलोग को कहते हैं कि आजकल हमारे गरीब तबके के लोगों में धर्म की प्रासंगिकता ज्यादा आ रही है. सत्य नारायण पूजा का हमलोग नाम भी नहीं जानते थे. लेकिन हर जगह हमलोग के टोला में सत्य नारायण स्वामी की पूजा हो रही है. इतना भी लाज नहीं लगता है हमलोगों का कि पंडित @$#&#@ कहता है कि नहीं खाएंगे बाबू आप लोग पैसे दे दीजिए."

मांझी के इस बयान के बाद उनकी खूब किरकिरी होना शुरु हो गया. इसके बाद उन्होंने अपने बयान पर सफाई भी दी. उन्होंने कहा 'हम तो ये कहे अपने समाज के लोगों कि आज आस्था के नाम पर करोड़ों-करोड़ रुपया उड़ाया जाता है. लेकिन गरीब लोगों की भलाई नहीं हो रही है. जो शिड्यूल कास्ट के लोग हैं पहले पूजा-पाठ में उतना विश्वास नहीं करते थे. चाहे वो अपने देवताओं (तुलसीदास, मां शबरी) की पूजा करते थे. लेकिन अब तो आप लोगों के यहां पंडितजी भी आते हैं और आपलोगों को लाज-शर्म नहीं आता है कि वो कहते हैं कि बाबू हम खाएंगे नहीं, बाबू नगदे दे देना. फिर भी उनसे पूजा करवाते हैं.'

"हम अपने समाज के लिए 'हरामी' शब्द का इस्तेमाल किया था. पंडित जी के लिए नहीं किया था. अगर इसमें कहीं गलतफहमी हो गई हो तो हम इसके लिए माफी चाहते हैं. लेकिन हम अपने समाज के लिए कहा था कि ऐसे आप लोग हो गए हैं कि अपने देवता को छोड़कर दूसरे का पूजा कराते हैं. उसमें भी शर्म आना चाहिए कि आपके यहां जो नहीं खाने वाले हैं, उनसे आपलोग पूजा कराते हैं."- जीतनराम मांझी, पूर्व सीएम, बिहार

बता दें कि जीतनराम मांझी अपने विवाद बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. बीते दिनों उन्होंने भगवान राम को काल्पनिक बताते हुए नए विवाद को जन्म दिया था. उस दौरान उन्होंने कहा था कि राम तो काल्पनिक हैं. राम से कई गुणा बड़े रामायण के लेखक महर्षि वाल्मिकी थे.

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