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'बदले जाएं मुजफ्फरपुर और सुल्तानगंज के नाम', नीतीश के मंत्री ने दिया ये सुझाव

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Published : Jul 19, 2022, 2:13 PM IST

नीतीश सरकार में बीजेपी कोटे से राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत राय (Minister Ram Surat Rai) ने बिहार के सुल्तानगंज और मुजफ्फरपुर शहर का नाम बदलने के सुझाव (change the name of Muzaffarpur and Sultanganj) दिए है. नाम बदलने के पीछे उन्होंने तर्क भी दिया. पढ़ें पूरी खबर

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत राय
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत राय

पटना: बिहार में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रमुख घटक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब बिहार में भी उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की तर्ज पर कुछ शहरों का नाम बदलना चाहती है. हालांकि इस मामले को लेकर राजग के अन्य घटक दलों ने अबतक चुप्पी साध रखी है. बिहार सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता राम सूरत राय ने सुझाव दिया कि मुजफ्फरपुर शहर का नामकरण (Muzaffarpur will be renamed) बाबा गरीबनाथ धाम के नाम पर किया जाए, जो राज्य में भगवान शिव को समर्पित सर्वाधिक प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है.

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मुजफ्फरपुर और सुल्तानगंज का नाम बदलने की मांग : बीजेपी नेता रामसूरत राय ( BJP Leader Ram Surat Rai) ने भागलपुर जिले के सुल्तानगंज का भी नाम बदलकर अजगैबीनाथ शिव मंदिर के नाम पर रखे जाने का सुझाव दिया है. औराई विधानसभा क्षेत्र के विधायक राय ने कहा कि गरीबनाथ मंदिर की महिमा देश से लेकर विदेशों में भी जानी जाती है. उन्होंने कहा कि सुल्तानगंज का नाम बदलकर अजगैबीनाथ शिव मंदिर के नाम पर रखा जाना चाहिए. भागलपुर जिले में गंगा के किनारे स्थित सुल्तानगंज वह स्थान है, जहां उत्तरवाहिनी गंगा से कांवड़िये तीर्थयात्री पवित्र जल उठाकर करीब 105 किलोमीटर पैदल यात्रा कर झारखंड के देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम पहुंचते हैं और बाबा का जलाभिषेक करते हैं.

बता दें कि इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता राकेश सिन्हा ने बिहार सरकार से बख्तियारपुर का नाम बदलकर शीलभद्र याजी नगर करने की मांग की है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बाद राकेश सिन्हा भाजपा के दूसरे प्रमुख नेता हैं, जिन्होंने बख्तियारपुर का नाम बदलने पर जोर दिया है. उन्होंने बताया है कि बख्तियारपुर के रहने वाले शीलभद्र याजी की स्वतंत्रता संग्राम में बड़ी भूमिका थी. आजाद हिंद फौज में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बाद वे दूसरे नंबर के सहयोगी थे. बख्तियार खिलजी हमलावर था. हमारी विरासत का विनाश करने वाला था. उसने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय का पुस्तकालय जलाते हुए आठ हजार छात्रों और दो हजार शिक्षकों की हत्या कर दी थी. उन्होंने तो यहां तक कहा कि स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में बिहार सरकार को इसका नाम बदलकर शीलभद्र याजी नगर जरूर करना चाहिए.

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