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IGIMS पहुंचे प्रत्यय अमृत, कहा- सभी प्राइवेट हॉस्पिटल को ऑपरेशन से पहले देनी होगी सूचना, OT की होगी जांच

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Published : Dec 3, 2021, 5:24 PM IST

आईजीआईएमएस पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत
आईजीआईएमएस पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत

मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड के बाद अब सरकार की तरफ से पीड़ितों के मुफ्त इलाज करने का निर्देश आईजीआईएमएस को दे दिया गया है. इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. इसकी तैयारी का जायजा लेने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत आईजीआईएमएस पहुंचे. पढ़ें रिपोर्ट...

पटनाः मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड ( Muzaffarpur Cataract Case ) के सभी पीड़ितों का इलाज आईजीआईएमएस ( IGIMS Patna ) में करवाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसका जायजा लेने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ( Pratyaya Amrit in IGIMS ) भी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने एम्स के निदेशक और आईजीआईएमएस के अधीक्षक मनीष मंडल भी मौजूद थे.

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'यह घटना दुखद है. हम लोगों ने फ्री में ऐसे मरीजों के इलाज की व्यवस्था आईजीआईएमएस में की है. आज 9 मरीज पहुंच रहे हैं. धीरे-धीरे सभी मरीजों को यहां पर बुलाकर इलाज करवाया जाएगा इसकी तैयारी देखने आईजीएमएस पहुंच था. जैसा कि आप लोगों को पता है, प्राइवेट अस्पताल पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. आज हमने जिले के सभी सिविल सर्जन को स्पष्ट आदेश दिया है कि कहीं भी कोई प्राइवेट अस्पताल अगर इस तरह का ऑपरेशन का कैंप लगाता है, तो उसकी जांच की जाए. उनका ऑपरेशन थिएटर की भी जांच की जाए.' -प्रत्यय अमृत, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग

आईजीआईएमएस पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि जिस तरह का निर्देश हमने सिविल सर्जनों को दिया है, कहीं ना कहीं अब अगर कहीं भी इस तरह का ऑपरेशन होता है तो उस पर सिविल सर्जन और जिला स्वास्थ्य समिति नजर भी रखेंगे. बता दें कि प्रत्यय अमृत ने आईजीआईएमएस के ओटी का निरीक्षण किया. इलाज करने वाले डॉक्टरों से भी उन्होंने मुलाकात की.

बता दें कि इस मामले में एसकेएमसीएच में 21 मरीज भर्ती (21 patients admitted in SKMCH) हैं. जिसमें 11 ऐसे मरीज हैं जिनकी आंखें निकाली गई हैं. वहीं, 10 मरीज ऐसे हैं जिनके संक्रमण का इलाज चल रहा है. इलाज के बाद कल कई लोगों की संक्रमित आंखों को निकाला जा सकता है. अब तक कुल 15 लोगों की आंखों को निकाला (Removed Eyes of 15 People) गया है, जिसमें 4 आई हॉस्पिटल और 11 एसकेएमसीएच में भर्ती हैं, जो कि सरकारी आंकड़ा है. वहीं आज भी एसकेएमसीएच अस्पताल में भर्ती कई मरीजों का ऑपरेशन कर आंखे निकाली जा सकती है.

वहीं, इस मुद्दे पर जमकर सियासत भी हो रही है. विपक्ष ने नीतीश सरकार से उन डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग की है. जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने पूरी घटना की निंदा की और सरकार पर निशाना है. वहीं पप्पू यादव आज (Pappu Yadav Visit Muzaffarpur) मुजफ्फरपुर का दौरा कर पीड़ित परिवार के परिजनों से आज मुलाकात करेंगे.
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मुजफ्फरपुर जिले के जोरन छपरा स्थित (Cataract Operation Camp in Muzaffarpur) आई हॉस्पिटल में बीते 22 नवंबर को हुए एक साथ 65 लोगों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद सभी लोगों की आंखों में अचानक संक्रमण होने लगा और एक-एक कर अब तक 15 लोगों की आंखें हमेशा के लिए निकाली जा चुकी है. वहीं, अभी करीब एक दर्जन लोग जिन्हें आंखों में संक्रमण है वे अभी एसकेएमसीएच में भर्ती कराए गए हैं. प्रशासन की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अब तक 15 लोगों की ऑपरेशन कर आंख निकाली गया है, जिसमें चार मरीजों की आंख आई हॉस्पिटल के द्वारा निकाला गया था. वहीं, 11 मरीजों का आंख एसकेएमसीएच में निकाला गया है.

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सभी ऑपरेशन कराने वाले बिहार के विभिन्न जिले के साथ यूपी के रहनेवाले थे. जिसमें मुजफ्फरपुर के 26, पूर्वी चंपारण-16, पश्चिमी चंपारण-07, वैशाली-07, शिवहर-02 समस्तीपुर-05, खगड़िया-01 और यूपी के कुशीनगर एक मरीज ने मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया था. इस पूरे प्रकरण के बाद पटना से स्वास्थ्य विभाग द्वारा डॉक्टर हरीश चंद्र ओझा के नेतृत्व में जांच टीम भेजी गई जो आई हॉस्पिटल का भी जांच पड़ताल की. वहीं, एसकेएमसीएच में भर्ती 21 मरीजों और उनके परिजनों से भी बातचीत की.

बता दें कि मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड (Muzaffarpur Cataract Case) में सीएस के बयान पर ब्रह्मपुरा थाने में आई हॉस्पिटल प्रशासन के खिलाफ केस दर्ज (Case filed against Muzaffarpur eye hospital) किया गया है. आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन होने के बाद संक्रमण के चलते 15 लोगों ने हमेशा के लिए अपनी आंखें गंवा दी थी. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन पर बड़ी लापरवाही बरतने का आरोप लगा है.

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