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एनआईए का खुलासा, पीएफआई को कवर देने के लिए कई अन्य शाखाएं कर रही थी काम

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Published : Jul 29, 2022, 11:04 PM IST

PFI flag
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एनआईए की ओर से फुलवारी शरीफ के बाद तेलंगाना मे PFI के सदस्यों की गिरफ्तारी और पूछताछ में कई खुलासे हो रहे हैं. जांच एजेंसियों की ओर से खुलासे में जानकारी मिली है PFI को सपोर्ट करने के लिए कई अलग-अलग विंग काम कर रहा था. पढ़ें पूरी खबर..

पटनाः राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ के बाद तेलंगाना मे PFI के सदस्यों की गिरफ्तारी और उनके पास से बरामद हुए कागजातों और डिजिटल सबूतों के आधार पर यह सबसे बड़ा खुलासा है की पीएफआई के टारगेट पर केरला, तेलंगाना के बाद उत्तर प्रदेश झारखण्ड और बिहार के है नौजवान (NIA Update IN Phulwari Sharif Terror Module) है. दरअसल राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA की जांच में कई चौका देने वाला खुलासा हुआ है.जांच एजेंसियों ने PFI मिशन हिंदुस्तान को D CODE किया है. हाल ही में देशभर के अलग-अलग राज्यों से पकड़े गए PFI के सक्रिय सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद कई चौकाने वाले खुलासे सामने आये हैं.

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जांच एजेंसियों को धोखा देने के लिए नई शाखाएंः जांच एजेंसिंयों के मुताबिक भारतीय जांच एजेंसियों को धोखा देने के लिये PFI ने अन्य कई शाखाएं शुरू की है. सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया- पोलिटिकल विंग, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया- स्टूडेंट विंग, नेशनल वोमेन ऑफ इंडिया- वुमन विंग, आल इंडिया इमाम्स कॉउन्सिल-रिलीजियस विंग, आल इंडिया लीगल कांउन्सिल- एडवोकेट्स विंग्स, रेहाब इंडिया फाउंडेशन-सोशल एक्टिविटीज विंग, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन- ह्यूमन राइट्स विंग, सोशल डेमोक्रेटिक ट्रेड यूनियन-ट्रेड यूनियन, एचआरडीएफ HRDF की शुरुआत किया गया है. एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, इन तमाम अलग अलग विंग के जरिये PFI जांच एजेंसियों की आंखों में धूल झोंक कर अपने देश विरोधी मंसूबों को अंजाम देने में जुटी हुई है.

सोशल वर्क के नाम पर धन संग्रहः आपको बता दें कि इन तमाम शाखाओं का मकसद है. जांच एजेंसियों की नजरों से बचकर हिंदुस्तान के तमाम शहरों में आतंक के अपने एजेंडे को बढ़ाना है. रिपोर्ट के मुताबिक PFI सोशल वर्क के नाम पर धन जुटाता है और उसका इस्तेमाल समाज विरोधी और देश विरोधी प्रचार के लिए करता है. साथ ही PFI अपने कट्टरपंथी विचारों को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों कॉलेजों मदरसों और मुस्लिम बहुल मोहल्लों में नौजवानों के ब्रेनवॉश कर रिक्रूटमेंट में जुटा हुआ है.

हिंसा और आंतक की ट्रेनिंगः दअरसल इस रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि PFI अपनी मीटिंग में मौजूद सदस्यों को न सिर्फ कट्टरपंथ बल्कि उन्हें किस तरह हिंसा फैलाना है, इस बात की ट्रेनिंग भी देता है. मसलन PFI से जुड़े सदस्यों को मार्शल आर्ट और कुंगफू, कराटे की ट्रेनिंग, पत्थरबाजी की ट्रेनिंग (कश्मीर मॉडल) पत्थर फेंकने से लेकर घर की छत पर पत्थर जमा कर रखने तक की ट्रेनिंग दी जाती है.

UAPA के केस में बंद आरोपियों की मददः शांतिपूर्ण विरोध को हिंसक बनाने की ट्रेनिंग (CAA प्रोटेस्ट मॉडल) कैसे पहले भीड़ को इक्क्ठा करना है. फिर उन्हें भड़काकर दंगे के लिए उकसाना है. ताकि जान-माल की ज्यादा से ज्यादा हानि हो, साउथ इंडिया में 200 से अधिक आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. मकसद इन्हें गैर मुस्लिमों के खिलाफ दंगों के दौरन ह्यूमन मिसाइल के तौर पर इस्तेमाल करना है. PFI का मकसद गरीबों, भिखारियों, प्रताड़ित मुस्लिम युवाओं को निशाना बनाना और उनके दिमाग में हिंदू विरोधी एजेंडा डालकर उनका ब्रेनवॉश करना है. PFI का मकसद कैडर को न केवल ट्रेंड करना बल्कि प्रशिक्षण के दौरान उन्हें कट्टरपंथी बनाने के लिए घर्म के संघर्ष से उनके संघर्ष की तुलना की जाती है. PFI अलग-अलग तरीके से जमा फंड का इस्तेमाल UAPA के केस में बंद आरोपियों की मदद के लिए भी किया जाता था.

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