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IMA का अल्टीमेटम: 'NMCH अधीक्षक का निलंबन वापस हो, नहीं तो करेंगे हड़ताल'

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Published : Oct 15, 2022, 7:19 PM IST

Updated : Oct 15, 2022, 8:34 PM IST

नालंदा मेंडिकल कॉलेज अस्पताल (Nalanda Medical College Hospital) अधीक्षक के निलंबन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एनएमसीएच अधीक्षक बिनोद सिंह को सस्पेंड किए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. आइएमए ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर के एनएमसीएच के पूर्व अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह के निलंबन को तत्काल हटाने की मांग की है.

NMCH अधीक्षक के सस्पेंसन मामला
NMCH अधीक्षक के सस्पेंसन मामला

पटना: राजधानी पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक बिनोद सिंह के सस्पेंड (Binod Kumar Singh Suspended Case) करने पर आईएमए ने कड़ी नाराजगी जाहिर (IMA Displeasure Over Suspended Of NMCH Superintendent) की है. आईएमए ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को पत्र लिखकर के एनएमसीएच के पूर्व अधीक्षक डॉ बिनोद कुमार सिंह के निलंबन को तत्काल निरस्त करने की मांग की है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. आईएमए बिहार के अध्यक्ष डॉक्टर डी एस सिंह का कहना है कि इस पूरे व्यवस्था के लिए विभाग के प्रधान सचिव और सरकार जिम्मेदार है.

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NMCH अक्षीक्षक निलंबन मामला तूल पकड़ा : एनएमसीएच के अधीक्षक विनोद कुमार सिंह के निलंबन को लेकर बिहार आईएमए ने शनिवार को एक आपात बैठक आयोजित की. जिसकी अध्यक्षता बिहार आईएमए के अध्यक्ष डॉ डीएस सिंह ने किया. इस मौके पर बिहार आईएमए के तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे और आईएमए बिहार की ओर से बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा गया जिसमें बिहार आईएमए ने नीतीश कुमार से आग्रह किया कि वह प्राध्यापक डॉ विनोद कुमार सिंह के निलंबन को अविलंब निरस्त करें और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में स्थाई अधीक्षक और प्राचार्य की तैनाती करें.

बिनोद सिंह के निलंबन से IMA नाराज : आईएमए के नेशनल वाइस प्रेसिडेंट इलेक्ट डॉक्टर सच्चिदानंद सिंह ने कहा कि डॉ बिनोद कुमार सिंह को निलंबित किए जाने का फैसला सरकार का दुर्भाग्यपूर्ण है. आईएमए इसकी निंदा करता है. आज सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में जो भी कुव्यवस्था है, उसके लिए सरकार और विभाग के अधीक्षक जिम्मेदार हैं. प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में कार्यकारी व्यवस्था के तहत अधीक्षक और प्राचार्य हैं, जो अपने विभाग के कार्य के साथ-साथ अधीक्षक और प्राचार्य का अतिरिक्त पद संभाल रहे हैं.

'एक दवा भी खरीदना होता है तो उसके लिए अधीक्षक को अधिकार नहीं है. सब कुछ बीएमएसआईसीएल एजेंसी द्वारा होता है. अस्पताल के अधीक्षक दवा में कमी की बात को लगातार सरकार को लिखते रहते हैं. ऐसे में अस्पतालों में यदि दवा की कमी है, कुव्यवस्था है तो इसके लिए सरकार जिम्मेवार है. सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में क्षमता से अधिक मरीज आते हैं और सभी का इलाज होता है. ऐसे में लाजमी है कि बेड फुल हो जाएगा तो जमीन पर मरीजों का इलाज होगा. उनकी सरकार से मांग है कि बिनोद कुमार सिंह का निलंबन तत्काल निरस्त हो.' - डॉक्टर सच्चिदानंद सिंह, आईएमए के नेशनल वाइस प्रेसिडेंट इलेक्ट


बिहार IMA अध्यक्ष ने भी जताई कड़ी नाराजगी : आईएमए बिहार के अध्यक्ष डॉक्टर डीएस सिंह ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए प्राध्यापक डॉ बिनोद कुमार सिंह को निलंबित की है जो दुर्भाग्यपूर्ण है. यह पक्षपात पूर्ण रवैया है. मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में भी डॉक्टरों की काफी कमी है और अन्य मेडिकल वर्कर्स की भी कमी है. सफाई का जिम्मा एजेंसी के भरोसे है. सफाई का जिम्मा एजेंसी के भरोसे होने से होता यह है, कि अस्पताल की अधीक्षकों की सफाईकर्मी नहीं सुनते. क्योंकि वह अपने सिर्फ ठेकेदार को ही सुनते हैं. ऐसे में सफाई के लिए अधीक्षक को दोषी ठहराना गलत है.

'अस्पताल में सरकार ने हेल्थ मैनेजर और सुपरवाइजर का भी पद क्रिएट किया है. ऐसे में जिम्मेदारी इन लोगों की भी है. डॉक्टर सिर्फ इलाज की व्यवस्था देख सकता है. और कार्यकारी प्रभार के बदौलत प्रदेश भर के तमाम मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य और अधीक्षक हैं, जिन्हें अपने विभाग के साथ-साथ प्राचार्य और अधीक्षक का अतिरिक्त पदभार संभालना पड़ता है. ऐसे में कार्य का अत्यधिक बोझ होता है. अस्पतालों की कुव्यवस्था सुधारनी है तो सरकार अविलंब रिक्त पदों पर बहाली करे. चिकित्सकों और अन्य मेडिकल स्टाफ की रिक्तियों को भरे और परमानेंट अधीक्षक और प्राचार्य की अस्पतालों में नियुक्ति करें.' - डॉक्टर डीएस सिंह, आईएमए बिहार के अध्यक्ष

डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने NMCH अधीक्षक को किया था सस्पेंड : आईएमए बिहार के अध्यक्ष डॉक्टर डीएस सिंह ने कहा कि एक डॉक्टर अस्पताल में घूम-घूम कर शौचालय का साफ-सफाई चेक करें, यह गलत है. इसके लिए अलग से स्टाफ हैं और शौचालय गंदा है, इसके लिए अधीक्षक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. इलाज में कहीं कोई कमी हो, कोताही हो तो इसके लिए डॉक्टर जवाबदेह हो सकता है. अगर अस्पताल में सरकार की एजेंसी दवा उपलब्ध नहीं करा पाएगी तो डॉक्टर बाहर की दवा लिखेंगे. सरकार अपनी गलतियों को छुपाने के लिए डॉक्टरों पर दोषारोपण कर रही है. अगर सरकार को एक्शन लेना है तो अपने विभाग के प्रधान सचिव पर लें. स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव ही सभी एक्शन लेते हैं. मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में कौन अधीक्षक होंगे, कौन प्राचार्य होंगे और कौन कार्यकारी व्यवस्था पर होंगे या फिर स्थाई व्यवस्था पर होंगे.

NMCH अधीक्षक सस्पेंड: गौरतलब है कि रात में बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव राजधानी पटना में डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देख नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का दौरा किया था. अस्पताल पहुंचते ही मरीज के परिजनों ने अस्पताल की व्यवस्था स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव को बताई. जिसके बाद तेजस्वी यादव अस्पताल परिसर का निरीक्षण किया तो अस्पताल प्रशासन की कई विफलता नजर आई. इस कारण स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल के अधीक्षक डॉ बिनोद कुमार सिंह को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया था.

बर्खास्त NMCH अधीक्षक ने दी सफाई : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक के सस्पेंड मामले (Binod Kumar Singh Suspended Case) में बर्खास्त एनएमसीएच अधीक्षक डॉ बिनोद कुमार सिंह ने अपनी बात रखी (NMCH Superintendent Clarified About His Suspension) है. उन्होंने कहा कि 24 घंटा मेहनत करने का फल सरकार अगर मुझे अवार्ड में सस्पेंड देती है, तो नहीं चाहिए, मुझे बिहार सरकार की नौकरी. जहां न मिले सम्मान, उस जगह नौकरी नही करेंगे. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि जिन कारणों से हमें अधीक्षक पद से निलंबित किया गया है, उसका जिम्मेदार मैं, नहीं वल्कि सरकार है.

Last Updated :Oct 15, 2022, 8:34 PM IST
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