ETV Bharat / city

डॉ. राजेंद्र प्रसाद के स्मारकों की दुर्दशा पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई, केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब

author img

By

Published : Jan 22, 2022, 2:06 PM IST

Patna High Court News
Patna High Court News

पटना हाईकोर्ट में विकास कुमार की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की. भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद की जन्मस्थली जीरादेई और वहां उनके स्मारकों की दुर्दशा के मामलें पर केंद्र और राज्य सरकार से मामले में जवाब तलब किया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

पटनाः भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद (First President Rajendra Prasad) की जन्मस्थली जीरादेई और उनके स्मारकों की दुर्दशा पर एक बार फिर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई (Hearing In Patna High Court) हुई. सुनवाई के दौरान जज ने सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. साथ ही कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार (आर्केलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) व अन्य सभी सम्बंधित पक्षों को अंतिम मोहलत देते हुए 28 जनवरी 2022 तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया .

इसे भी पढ़ें : UP Election 2022 : JDU ने जारी की 26 उम्मीदवारों की सूची, पढ़ें किसे कहां से मिला टिकट

विकास कुमार की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच ने अधिवक्ता विकास कुमार की जनहित पर सुनवाई की. इससे पहले कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से जवाब दायर किया गया था. इसमें कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 10 जनवरी 2022 को एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी. इसमें सम्बंधित विभाग के अपर प्रधान सचिव सहित अन्य वरीय अधिकारी बैठक में मौजूद थे. इनमें पटना और सीवान के डी एम भी उपस्थित थे.

कोर्ट में बताया गया कि, इस बैठक में कई तरह के जीरादेई में विकास कार्य के साथ पटना में स्थित बांसघाट स्थित डा. राजेंद्र प्रसाद की समाधि स्थल और सदाकत आश्रम की स्थिति सुधारे जाने पर विचार तथा निर्णय लिया गया था. मीटिंग में जीरादेई गांव से दो किलोमीटर दूर रेलवे क्रासिंग के ऊपर फ्लाईओवर निर्माण पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया. साथ ही राजेंद्र बाबू के पैतृक घर और उसके आस पास के क्षेत्र के विकास और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कार्रवाई करने का निर्णय हुआ.

ये भी पढ़ें: UP Assembly Election 2022 : बिहार में गठबंधन लेकिन अन्य राज्यों में बीजेपी को सहयोगियों से परहेज क्यों?


हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में केंद्र और राज्य सरकार को इस सम्बन्ध में निश्चित रूप से हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था. लेकिन आर्किओलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने आज भी कोर्ट में हलफनामा दायर नहीं किया. कोर्ट ने फिर जवाब देने के लिए 28 जनवरी,2022 तक का अंतिम रूप से मोहलत दिया. हाईकोर्ट ने इससे पहले अधिवक्ता निर्विकार की अध्यक्षता में वकीलों की तीन सदस्यीय कमिटी गठित की थी. कोर्ट ने इस समिति को इन स्मारकों के हालात का जायजा लेकर कोर्ट को रिपोर्ट करने का आदेश दिया था.

वकीलों की कमिटी ने जीरादेई के डॉ राजेंद्र प्रसाद की पुश्तैनी घर का जर्जर हालत, वहां बुनियादी सुविधाओं की कमी और विकास में पीछे रह जाने की बात अपनी रिपोर्ट में बताई. साथ ही पटना के बांसघाट स्थित उनके समाधि स्थल पर गन्दगी और रखरखाव की स्थिति भी असंतोषजनक पाया. वहां काफी गन्दगी पायी गई और सफाई व्यवस्था, रोशनी आदि की खासी कमी थी. साथ ही पटना के सदाकत आश्रम की हालत को भी वकीलों की कमिटी ने गम्भीरता से लिया था. अधिवक्ता विकास कुमार ने कहा कि इन स्मृतियों और स्मारकों को सुरक्षित रखने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए. केंद्र और राज्य सरकार की लगातार उपेक्षा के कारण स्थिति बिगड़ रही है. इस जनहित याचिका पर अगली सुनवाई 28 जनवरी 2022 को की जाएगी.

इसे भी पढ़ें : ...तो बिना होमवर्क के लाया गया शराबबंदी कानून! जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.