UP Assembly Election 2022 : बिहार में गठबंधन लेकिन अन्य राज्यों में बीजेपी को सहयोगियों से परहेज क्यों?

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Published : Jan 12, 2022, 8:09 PM IST

बीजेपी को सहयोगियों से परहेज

उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. बिहार में एनडीए के सहयोगी दल बीजेपी से उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन पार्टी ने सहयोगी दलों को स्पष्ट संकेत दे दिया है कि उसे राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन से परहेज (BJP Avoiding Allies) है. पढ़ें खास रिपोर्ट...

पटना: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) के लिए जेडीयू, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी ताल ठोक रहे हैं. सभी दल बीजेपी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं, लेकिन किसी को बीजेपी भाव नहीं दे रही है. जबकि ये तीनों पार्टियां बिहार में बीजेपी की सहयोगी है. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ती है लेकिन उन क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन सिर्फ उसी राज्य में होता है.

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सैद्धांतिक रूप से बीजेपी क्षेत्रीय दलों के साथ कुछ राज्य के बाहर गठबंधन करने से परहेज करती है. मिसाल के तौर पर जेडीयू लंबे समय से इस चाहत में है कि बीजेपी बिहार से बाहर हमारे साथ गठबंधन करे लेकिन जेडीयू को अब तक इसमें कामयाबी हासिल नहीं हुई है. अपवाद स्वरूप पिछले दिल्ली विधानसभा चुनाव में जेडीयू को गठबंधन में 3 सीटें हैं और अकाली दल को एक सीट दी गई थी, लेकिन गठबंधन को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली.

देखें रिपोर्ट

आखिर बीजेपी को सहयोगियों से परहेज (BJP Avoiding Allies) क्यों है? असल में भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि बिहार के क्षेत्रीय दलों के साथ हमारा गठबंधन सिर्फ बिहार में है. बिहार से बाहर गठबंधन का कोई औचित्य नहीं है और पार्टी को इसका चुनावी फायदा भी नहीं मिलना है.

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इस बारे में बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शंंभू ने कहते हैं कि बिहार में हमारा गठबंधन यहां के क्षेत्रीय दलों के साथ है लेकिन यह गठबंधन बिहार तक ही सीमित है. हमारी पार्टी क्षेत्रीय दलों के साथ संबंधित राज्यों तक ही गठबंधन सीमित रखती है. क्षेत्रीय दलों का अस्तित्व भी क्षेत्रीय होता है, लिहाजा दूसरे राज्यों में गठबंधन का कोई औचित्य नहीं है.

"बिहार में हमारा गठबंधन यहां के क्षेत्रीय दलों के साथ है लेकिन यह गठबंधन बिहार तक ही सीमित है. हमारी पार्टी क्षेत्रीय दलों के साथ संबंधित राज्यों तक ही गठबंधन सीमित रखती है. क्षेत्रीय दलों का अस्तित्व भी क्षेत्रीय होता है, लिहाजा दूसरे राज्यों में गठबंधन का कोई औचित्य नहीं है"- सिद्धार्थ शंंभू, उपाध्यक्ष, बिहार बीजेपी

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वहीं, जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा का कहना है कि हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बदौलत राज्यों के चुनाव में जाने के लिए तैयार हैं. यूपी के प्रदेश नेतृत्व के साथ हमारी बातचीत चल रही है. गठबंधन पर अंतिम फैसला ले लिया जाएगा.

हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बदौलत राज्यों के चुनाव में जाने के लिए तैयार हैं. यूपी के प्रदेश नेतृत्व के साथ हमारी बातचीत चल रही है. गठबंधन पर अंतिम फैसला ले लिया जाएगा"- अभिषेक झा, प्रवक्ता, जेडीयू

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बीजेपी को सहयोगियों से परहेज पर आरजेडी ने तंज कसा है. प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जेडीयू कटोरा लेकर बीजेपी से यूपी में सीट मांग रहा है लेकिन बीजेपी उसे घास डालने को तैयार नहीं है. वे कहते हैं कि बिहार की तीन नंबर की पार्टी को भा बीजेपी क्यों यूपी में भाव देगी.

"जेडीयू कटोरा लेकर बीजेपी से यूपी में सीट मांग रहा है लेकिन बीजेपी उसे घास डालने को तैयार नहीं है. वे कहते हैं कि बिहार की तीन नंबर की पार्टी को भा बीजेपी क्यों यूपी में भाव देगी"- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी

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इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र प्रियदर्शी का कहना है कि छोटे दल जरूर राष्ट्रीय दल के सहारे अपना विस्तार सकते हैं, लेकिन राष्ट्रीय दलों को यह पता है कि भविष्य में वह हमारे लिए प्रेशर ग्रुप की तरह हो जाएंगे. लिहाजा बीजेपी जैसी पार्टी बिहार के क्षेत्रीय दलों को दूसरे राज्यों में साथ रखने से परहेज करती है.

"छोटे दल जरूर राष्ट्रीय दल के सहारे अपना विस्तार सकते हैं, लेकिन राष्ट्रीय दलों को यह पता है कि भविष्य में वह हमारे लिए प्रेशर ग्रुप की तरह हो जाएंगे. लिहाजा बीजेपी जैसी पार्टी बिहार के क्षेत्रीय दलों को दूसरे राज्यों में साथ रखने से परहेज करती है"- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, राजनीतिक विश्लेषक

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