जातीय जनगणना: सर्वदलीय बैठक के लिए सभी दलों को भेजा जाने लगा आमंत्रण पत्र, देखें लेटर में क्या है?

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Published : May 29, 2022, 4:14 PM IST

विजय चौधरी

बिहार में जातीय जनगणना कराने को लेकर 1 जून को सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting On caste census) होगी. इस संबंध में सरकार की ओर सभी दलों को आधिकारिक रूप से पत्र भेजा जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

पटना: बिहार में सरकार अपने संसाधन से जातीय जनगणना कराएगी. प्रदेश में जातीय जनगणना (Caste Census In Bihar) कराने को लेकर एक जून को सर्वदलीय बैठक (Meeting To Discuss Caste Based Census) होगी. संसदीय कार्य सह शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Education Minister Vijay Kumar Choudhary on Caste Census) ने कहा है कि 1 जून को चार बजे मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में यह बैठक 4:00 बजे निर्धारित की गयी है. इसमें विभिन्न दलों के नेता शामिल होंगे. इस संबंध में सभी दलों के नेताओं की सुविधा को ध्यान में रखकर तिथि तय किया गया है. संसदीय कार्य सह शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया की राज्य में जातीय जनगणना (Caste Census) कराने को लेकर एक जून को सर्वदलीय बैठक के संबंध में सभी दलों को आधिकारिक आमंत्रण पत्र भेजा जा रहा है.

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"विधान सभा में सभी दल के नेता को आमंत्रण भेजा गया है और यह पहले भी परंपरा रही है. अब उन्हें तय करना है कि खुद आते हैं या अपने स्थान पर किसी को भेजते हैं. जातीय जनगणना कैसे हो इसको लेकर ही सभी दल के नेताओं को ससमय बैठक में उपस्थित होने का आग्रह किया गया है. विजय चौधरी ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि उस दिन बिहार में जातीय जनगणना कराने को लेकर ठोस निर्णय होगा. जातीय जनगणना को लेकर सभी दल सहमत हैं. विधानसभा में संयोग से मेरे विधानसभा अध्यक्ष रहते दो-दो बार सर्वसम्मति प्रस्ताव भी पास कराया गया है.नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित सभी दल के विधानसभा में जो नेता है उन्हें ही आमंत्रण भेजा गया है." -विजय चौधरी, संसदीय कार्य मंत्री

जातीय जनगणना
जातीय जनगणना

बता दें कि इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा था कि अभी सभी दलों की सहमति नहीं आई है. सबकी सहमति आने के बाद ही सर्वदलीय बैठक होगी. हमलोग शुरू से ही जातीय जनगणना कराना चाहते हैं. इस बार सभी पार्टियों की बैठक करके और निर्णय लेकर कैबिनेट के माध्यम से इसको स्वीकृत किया जायेगा और इस पर काम शुरू किया जायेगा. यही इसका तरीका है.

केंद्र नहीं करायेगी जातीय जणगणनाः यहां उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि सरकार जातीय जनगणना नहीं कराने जा रही है. वहीं राज्यों को ये छूट मिली है कि अगर वो चाहें तो अपने खर्चे पर सूबे में जातीय जनगणना करा सकते हैं. वहीं बिहार में लगभग सभी दल एकमत हैं कि प्रदेश में जातीय जनगणना होनी चाहिए. भाजपा ने इसे लेकर केंद्र के फैसले के साथ खुद को खड़ा रखा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हाल में ही इस मुद्दे पर मुलाकात की थी. सीएम लगातार जातीय जनगणना के पक्ष में बयान देते रहे हैं.

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