BPSC में 'राज' चलाने लगा था रंजीत! खुलासा जान आप हो जाएंगे हैरान

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Published : Jul 15, 2022, 5:23 PM IST

Updated : Jul 15, 2022, 5:41 PM IST

BPSC में अंधेरगर्दी मचा रखा था DSP

बीपीएससी प्रश्न पत्र लीक मामले (BPSC Question Paper Leak Case) में रोज कई खुलासे हो रहे हैं जो काफी चौंकाने वाले हैं. इस घोटाले में गया का बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा था, जिसका मास्टरमाइंड डीएसपी रंजीत रजक (Mastermind DSP Ranjit Rajak) था. उसके कारनामों की फेहरिस्त लंबी-चौड़ी है. अपने रिश्तेदारों के अलावा कई रसूखदार लोगों के परिजनों को रंजीत रजक ने नौकरी दिलाई थी. क्या है पूरा मामला, पढ़े पूरी रिपोर्ट...

पटना: बीपीएससी घोटाला मामले में डीएसपी रंजीत रजक गिरफ्तार (DSP Ranjit Rajak Arrested In BPSC Scam) किया जा चुका है. वह फिलहाल जेल की हवा खा रहा है. आर्थिक अपराध इकाई की ओर से गृह विभाग को सूचना दे दी गई है और रंजीत रजक के निलंबन की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है. रंजीत रजक बीपीएससी घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. आर्थिक अपराध इकाई की जांच में परत दर परत नए खुलासे हो रहे हैं. डीएसपी रंजीत रजक के कई कारनामे का खुलासा हुआ है. रंजीत रजक अपने परिवार के कई लोगों को ऑफिसर की नौकरी दिलवा चुका था. इसके अलावा पैसे लेकर कई रसूखदार लोगों के बच्चों को बीपीएससी में पास करवा चुका था.

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BPSC घोटाला में डीएसपी रंजीत रजक गिरफ्तार : BPSC घोटाला में गिरफ्तार डीएसपी रंजीत रजक के पत्नी के अकाउंट में 14 लाख रुपए हैं और उसके पास 850 ग्राम सोना के अलावा 1 किलो चांदी भी है. रंजीत रजक के पास 68 लाख की ज्वेलरी है. पति-पत्नी दोनों के पास मिला कर लगभग डेढ़ किलो सोना और डेढ़ किलो चांदी है. रंजीत रजक के मां के नाम 650 ग्राम सोना और 1 किलो से ज्यादा चांदी है. वो पिछले एक दशक से बीपीएससी मैं नौकरी दिलाने के धंधे में संलिप्त था. दरअसल रंजीत रजक की मिलीभगत बीपीएससी के सेक्शन ऑफिसर और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के साथ थी. जिसके जरिए वह स्ट्रांग रूम से ओएमआर सीट और मेंस की कॉपी बाहर निकलवाता था और फिर कॉपी भरकर स्ट्रांग रूम में जमा करवा देता था.

BPSC के अधिकारियों से थी रंजीत की मिलीभगत : रंजीत रजक एसएससी में भी नौकरी दिलवाने का काम करता था. एसएससी से ओएमआर शीट निकलवाने के आरोप में 23 /2012 मामला दर्ज किया गया था. 2014 में चार्जशीट दाखिल हुआ था. जांच के दौरान यह भी तथ्य सामने आया था कि रंजीत के गिरोह के सदस्य स्ट्रांग रूम की डुप्लीकेट चाबी बनवाकर रखते थे. 19 अक्टूबर 2012 को छापेमारी हुई थी और एसटीएफ ने रंजीत के यहां से ओएमआर शीट बरामद किया था. आर्थिक अपराध इकाई बीपीएससी के पदाधिकारियों की संलिप्तता की जांच कर रही है. फिलहाल जांच के दायरे में बीपीएससी के तीन पदाधिकारी है. सेक्शन ऑफिसर रंजीत राणा, चतुर्थवर्गीय कर्मचारी रोशन कुमार और मनोज कुमार से आर्थिक अपराध इकाई पूछताछ करने की योजना बना रही है.

स्ट्रांग रूम से OMR शीट और कॉपी निकलवाता था DSP रंजीत : रंजीत रजक बीपीएससी का मास्टरमाइंड माना जाता था और चुटकी में किसी को ऑफिसर बनवाने का ठेका लेता था. रंजीत रजक खुद दो बार बीपीएससी में उत्तीर्ण हो चुका है. पहली बार रंजीत रजक 53वीं से 55 वीं में बीएसपी बना था और फिर उसके बाद 56 वीं से 59 वीं बैच में एसडीएम भी बन गया. उसके कई परिजन बीपीएससी परीक्षा के जरिए सरकारी नौकरी में है. कई रसूखदार लोगों के बच्चों को भी रंजीत बीपीएससी की परीक्षा पास करवा चुका है.

रंजीत के खिलाफ Eou जांच कर रही है: रंजीत रजक अपने सगे भाई को बीपीएससी की परीक्षा पास करवा चुका है. उसके भाई का नाम प्रकाश कुमार रजक है जो फिलहाल एसडीएम है. रंजीत रजक का एक और भाई राजीव कुमार है जो 63 वीं परीक्षा में उत्तीर्ण हो चुका है और फिलहाल श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी है. अनिल रजक डीएसपी है और रंजीत रजक के करीबी रिश्तेदार है. इसके अलावा कुमारी अनामिका जो कि बीपीएससी में पदस्थापित पदाधिकारी रंजीत राणा की पत्नी हैं वो भी जांच के दायरे में हैं. बिहार सरकार में सीनियर आईपीएस की भाई और बहन भी डीएसपी हैं. भाई को 56 वीं से 59वीं बैच में विदेश में नौकरी मिली थी. जबकि बहन को 63 वीं बैच में नौकरी मिली है. नौकरी पाने वाले तमाम अधिकारी जांच के दायरे में हैं. हालांकि फेहरिस्त और लंबी है. बीपीएससी में कई पदाधिकारी लंबे समय से एक ही जगह पर जमे हैं और उनके साथ रंजीत रजक की सांठगांठ है.

रंजीत रजक कई लोगों को बना चुका है ऑफिसर : रंजीत रजक सांठगांठ के बदौलत बड़े ही साफगोई से स्ट्रांग रूम में सेंधमारी करता था और किसी को भी आसानी से ऑफिसर बनवाने का ठेका ले लेता था.
पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने कहा है कि- 'घोटाले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और जो लोग भी बीपीएससी में लंबे समय से एक ही जगह पर जमे हैं. उन पर भी सरकार को विचार करने की जरूरत है. बीपीएससी को भ्रष्ट लोगों ने मठ बना दिया है और लोग मठाधीश बन कर बैठे हैं.

'डीएसपी रंजीत रजक को गिरफ्तार किया गया है. जांच में तथ्य सामने आए हैं, हमारी एजेंसी निष्पक्ष तरीके से जांच कर रही है. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.' - एसके सिंघल, बिहार डीजीपी

मुख्य आरोपी शक्ति कुमार के हथियार का लाइसेंस रद्द : इससे पहले बीपीएससी प्रश्नपत्र लीक मामले (BPSC Paper Leak Case) में मुख्य सरगना शक्ति कुमार (Accused Shakti Kumar Arms License Canceled) का शस्त्र लाइसेंस रद्द कर दिया गया था. साथ ही साथ शस्त्र लाइसेंस जारी करने में पूर्व डीएम के साथ सांठगांठ होने की बात भी सामने आई थी. गया के वर्तमान जिला पदाधिकारी के हवाले से दी गई जानकारी में भी शस्त्र लाइसेंस और पूर्व डीएम के साथ बीपीएससी पेपर लीक मामले के मुख्य सरगना शक्ति कुमार के साथ सांठगांठ की बात कही गई थी. वर्तमान डीएम ने कहा था कि इस तरह से पेपर लीक का मुख्य सूत्रधार शक्ति कुमार और तत्कालीन डीएम की सांठगांठ की पोल खुल गई है. शक्ति कुमार को 21 दिसम्बर 2021 को शस्त्र लाइसेंस निर्गत किया गया था. डीएम ने अपने अवलोकन में यह भी पाया कि शक्ति ने फॉर्म A-1 में व्यवसाय को लेकर जो जानकारी दी थी, वह भी अधूरी थी.

कुर्की जब्ती के मिले आदेशः बीपीएससी घोटाले में आर्थिक अपराध इकाई द्वारा अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. इनमें से सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति जेडीयू नेता शक्ति कुमार को भी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि इनसे पूछताछ के दौरान कई तरह के और खुलासे हो सकते हैं. ईओयू को इस पूरे मामले में अभियुक्त आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव, प्रयागराज के कपिल देव सरोज और केशव झा की तलाश है. जिनके खिलाफ कुर्की जब्ती का आदेश जारी किया गया है. आर्थिक अपराध इकाई जल्द ही इन चारों फरार अभियुक्तों के घरों की कुर्की जब्ती करेगी.

वायरल प्रश्न की परीक्षार्थियों ने की थी पुष्टि : गौरतलब है कि बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्न पत्र परीक्षा आरंभ होने से करीब 15 मिनट पहले वायरल (67th BPSC Exam Paper Leak) हो गए थे. वायरल प्रश्न की पुष्टि परीक्षा समाप्त होते ही परीक्षार्थियों ने कर दी थी. इसकी जानकारी सीएमओ को ई-मेल से दी गई थी. मामले को लेकर आयोग ने जांच कमेटी गठित की. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. अब इसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई द्वारा की जा रही है. जिसमें कई छात्रों, अधिकारियों और नेताओं के नाम सामने आए हैं.

Last Updated :Jul 15, 2022, 5:41 PM IST
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