नए-नए तरीके इजाद कर लोगों से पैसे ठग रहे हैं साइबर अपराधी, जान लें इनसे कैसे बचें

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Published : Sep 3, 2021, 4:38 PM IST

साइबर अपराध के नए-नए तरीके

साइबर अपराधी मुद्रा लोन के तहत लोन स्वीकृत होने की सूचना लोगों को मैसेज के माध्यम से दे रहे हैं. इसके साथ ही लिंक भेज रहे हैं. इसके लिए उन लोगों ने डिजिटल एप तक लांच कर दिया है.

पटना: बिहार सहित पूरे देश में इन दिनों साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) के नए-नए तरीकों को इजाद कर अपराधी आम लोगों के खाते (accounts) से उनके रकम उड़ा रहे हैं. साइबर अपराधी (Cyber Criminals) मोबाइल हैक (Mobile Hack) कर भी लोगों के पैसे की निकासी कर रहे हैं और मुद्रा लोन (Mudra loan) के नाम पर भी खाते से रुपये उड़ाने का गोरखधंधा इन दिनों खूब किया जा रहा है.

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साइबर अपराधी मुद्रा लोन के तहत लोन स्वीकृत होने की सूचना लोगों को मैसेज के माध्यम से दे रहे हैं. इसके साथ ही लिंक भेज रहे हैं. इसके लिए उन लोगों ने डिजिटल एप तक लांच कर दिया है. अगर किसी व्यक्ति ने इस मैसेज को सच मानकर लिंक पर क्लिक कर दिया, तो उनके खाते में जमा राशि की निकासी हो जा रही है. मिल रही जानकारी के अनुसार साइबर अपराधी छोटे दुकानदार या व्यापारी को ज्यादा निशाना बना रहे हैं.

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राजधानी पटना के कंकड़बाग के पीसी कॉलोनी निवासी व्यवसाई निर्मल कुमार के खाते से जलसाजों ने मोबाइल हैक कर 38 हजार रुपये की निकासी कर ली. निर्मल कुमार ने बताया कि निकासी का मैसेज तक उनके मोबाइल पर नहीं आया और उन्होंने अपने खाते के संबंध में किसी से भी कोई जानकारी साझा नहीं की है.

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इस संबंध में निर्मल कुमार ने साइबर क्राइम सेल को शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने शिकायत में कहा कि जब अपना पासबुक अपडेट करवाया तो पता चला कि उनके खाते से 38 हजार की निकासी की गई है. ज्यादातर मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराने में लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और अगर मामला दर्ज भी हो जाए तो रकम की वापसी ज्यादातर मामलों में नहीं हो पाती है. कहीं ना कहीं साइबर अपराधियों के चाल में फंसकर प्रतिदिन आम लोग अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं.

कुछ दिन पहले भी राजधानी पटना के पीरबहोर थाना में एक मामला दर्ज करवाया गया है. दरअसल ओमान में सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहम्मद परवेज अख्तर के खाते से साइबर अपराधियों ने 5 लाख 86 हजार रुपये की निकासी विगत 16 अगस्त को कर ली थी. उन्होंने अपनी शिकायत में बैंक प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

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वह सुल्तानगंज थाना क्षेत्र के महेंद्रु अजीमाबाद कॉलोनी के रहने वाले हैं और स्टेट बैंक मुख्य शाखा महेंद्रु में उनका एनआरआई खाता है. बैंक के द्वारा उन्हें कॉल कर पैसे की निकासी की जा रही है, इसकी सूचना दी गई. जिसके बाद परवेज ने खाते को बंद करवा दिया. उनके खाते में लगभग ₹10 लाख रुपये जमा थे.

हालांकि इन मामलों में ना पुलिस मुख्यालय और ना ही आर्थिक अपराध इकाई जो कि साइबर फ्रॉड मामले की नोडल एजेंसी है, वह कुछ भी बोलने को तैयार है. आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारियों की मानें तो इन मामलों में कार्रवाई की जा रही है. उन्हें लिखित आवेदन प्राप्त हुआ है, जिसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है.

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साइबर एक्सपर्ट अभिनव सौरभ की मानें तो सरकार द्वारा आम जनता के लिए लाई जाने वाली योजनाओं का फायदा साइबर फ्रॉड उठाकर आम लोगों को ठगने का काम करते हैं. चाहे वह इनकम टैक्स रिटर्न भरने की बात हो या सरकार द्वारा जन धन योजना की बात हो या मुद्रा लोन से संबंधित.

'या यूं कहें तो नए-नए तरीकों को इजाद कर साइबर फ्रॉड आम लोगों को ठगने का काम करते हैं. कभी भी किसी भी व्यक्ति को अपनी निजी जानकारी सोशल साइट्स पर नहीं शेयर करना चाहिए और कभी भी साइबर फ्रॉड द्वारा उनके मोबाइल पर भेजे जा रहे लिंक पर क्लिक ना करें अन्यथा उन्हें पैसे गंवाने पड़ सकते हैं.' : अभिनव सौरभ, साइबर एक्सपर्ट

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अभिनव सौरभ ने कहा कि आम लोग अगर कभी साइबर फ्रॉड के झांसे में आते हैं तो उन्हें साइबर सेल का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है. वह ऑनलाइन माध्यम से भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. 155260 इस नंबर पर भी कॉल कर आम लोग अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकते हैं.

उन्होंने कहा कि हम लोगों को कभी भी भूल कर भी किसी को ओटीपी या पासवर्ड बताने की जरूरत नहीं है. अगर, कोई व्यक्ति बैंक का सहारा लेकर आप से कांटेक्ट करना चाहता है तो तुरंत उनके फोन को डिस्कनेक्ट कर दें. अन्यथा, वह आपके मोबाइल को रीमोटली एक्सेस कर, आपके पैसे का गबन कर सकता है.

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