पटना: बिहार में पिछले 2 सप्ताह के अंदर विदेश यात्रा करने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. हाल में विदेश यात्रा कर लौटे लोगों की कोरोना जांच कराना फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है. इस बीच कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant of Corona Virus) का खतरा बढ़ता जा रहा है. ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट किया है और हालिया दिनों में विदेश यात्रा करने वाले यात्रियों की सूची भेजी है.
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1 सप्ताह के अंदर दो बार राज्यों को ऐसे यात्रियों की सूची सौंपी है, जिन्होंने हाल के दिनों में विदेश यात्रा की है. पहली बार में प्रदेश के 117 लोगों की सूची सौंपी गई, वहीं दूसरी बार में 289 लोगों की सूची सौंपी गई. अब इन सभी की कोरोना जांच करा पाना स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के लिए चुनौती का विषय बन गया है, क्योंकि जिन लोगों का नाम इस सूची में है, उनमें से कई लोग ऐसे हैं कि पासपोर्ट पर दिए निर्धारित पते पर नहीं मिल रहे हैं. कई लोग काम की वजह से शहर और राज्य से बाहर चले गए हैं.
पटना जिला सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी ने बताया कि पहली बार में गृह मंत्रालय की तरफ से जो सूची सौंपी गई, उसमें 117 लोगों का नाम था. जिसमें 22 पटना के रहने वाले थे. इनमें से कई लोगों का मेडिकल टीम भेजकर कोविड टेस्ट कराया गया और कई लोगों का टेस्ट नहीं हो पाया, क्योंकि वह पटना से बाहर थे. जो पटना में नहीं मिले उन्हें ट्रेस किया जा रहा है और मोबाइल नंबर से संपर्क कर आरटीपीसीआर जांच कराने की अपील की जा रही है.
सिविल सर्जन ने बताया कि एक बार फिर से गृह मंत्रालय की तरफ से 289 लोगों की सूची प्रदेश को मिली है. इस सूची को कम्प्यूटर पर अपलोड कर पटना जिला के लोगों की सूची अलग की जा रही है और फिर उसके बाद पटना जिले के लोगों की सूची से जिले के किस एरिया में विदेश यात्रा वाले अधिक लोग हैं, इसकी सूची तैयार की जा रही है. सूची तैयार होने के बाद स्थान के आधार पर जांच टीम जाएगी. इसकी सूचना लोगों को पूर्व से दी जाएगी और जांच टीम सभी का सैंपल कलेक्ट करेगी. सूची में शामिल लोगों में से कोई भी व्यक्ति जांच से ना छूटे, यह स्वास्थ्य विभाग का प्रयास होगा.
सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी ने बताया कि गृह मंत्रालय की तरफ से जो दूसरी लिस्ट आई है, इसमें अगर कोई जांच के दौरान अपने घर पर नहीं मिलता है तो उनका पता लगाया जाएगा कि वह कहां हैं. अगर शहर से बाहर हैं और अभी पटना आने में सक्षम नहीं हैं तो वहीं पर उनका आरटीपीसीआर जांच कराने की अपील की जा रही है. साथ ही वहां के संबंधित पदाधिकारी को भी उनकी सूचना दी जाएगी. उनसे अपील की जाएगी कि जांच रिपोर्ट आने तक अधिक लोगों के संपर्क में ना रहें और खुद को आइसोलेट करें.
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सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि पहली लिस्ट में से 22 लोगों में से जिन लोगों की आरटीपीसीआर जांच कराई गई, उनमें सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. अगर पॉजिटिव कोई मिलता है तो उस आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. व्यक्ति में अगर कोई लक्षण नहीं है तो उसे घर पर होम आइसोलेट किया जाएगा और शरीर में लक्षण है तो मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इलाज के लिए भेजा जाएगा. इसके साथ ही जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी, उसके सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए आगे लैब में भेजा जाएगा ताकि नए वेरिएंट की जानकारी मिल सके. सिविल सर्जन ने बताया कि इंग्लैंड से यात्रा कर लौटे एक व्यक्ति के सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था, जहां रिपोर्ट नेगेटिव मिली.
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