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ये बिहार है! यहां जिंदा तो छोड़िए.... मुर्दों को भी दे दिया जाता है कोरोना का टीका

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Published : Nov 23, 2021, 10:11 AM IST

मुजफ्फरपुर में स्वास्थ्य विभाग का हैरतअंगेज कारनामा सामने आया है. एक वैसे व्यक्ति को कोरोना के टीके की दूसरी डोज देने की खबर सामने आयी है जिसकी 6 माह पहले ही मौत हो चुकी है. सिविल सर्जन ने इस मामले में जांच का आदेश दिया है.

Corona Vaccination
Corona Vaccination

मुजफ्फरपुर: बिहार में स्वास्थ्य विभाग (Bihar Health Bepartment) का हैरतअंगेज कारनामा बीच-बीच में सरकार के दावों की पोल खोल देता है. कभी कोरोना जांच (Corona Test) में भारी पैमाने पर धांधली की खबर सामने आती है तो कभी टीकाकरण (Corona Vaccination) को लेकर अनियमितता की. अब एक बार फिर कुछ इसी प्रकार का मामला सामने आया है जो कर्मचारियों की लापरवाही का जीता-जागता नमूना है.

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मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) के कांटी इलाके के एक आदमी की मौत के छह माह बाद उसके दूसरे डोज का मैसेज आया है. मैसेज आने के बाद घर वाले परेशान हैं. आखिर कौन सा भूत आकर कोरोना (Covid-19) का टीका लेकर चला गया. अब इसे लेकर कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत डाटा अपलोड पर सवाल उठ रहा है. इसकी शिकायत सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा (Civil Surgeon Dr. Vinay Kumar Sharma) के पास पहुंची है. उन्होंने कांटी पीएचसी प्रभारी से इस संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी है.

सीएस ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि जिस व्यक्ति की मौत हो गई है, टीकाकरण के लिए किस तरह से उसका आधार कार्ड जांच कर पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया. यह बहुत बड़ी लापरवाही है. वैसे सीएस ने माना कि टीका देने के लिए तो सरकारी कर्मी हैं लेकिन उससे संबंधित जांच के लिए कुछ स्वयंसेवक, जो मोबाइल चलाने में दक्ष हैं, उनकी भी सेवाएं ली जा रही हैं. आखिर किस स्तर से यह चूक हुई है, इसकी जांच होगी. सीएस ने कहा कि संबंधित परिवार की ओर से कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है.

स्वास्थ्य विभाग का हैरतअंगेज कारनामा

इसके बावजूद मीडियाकर्मियों के माध्यम से यह जानकारी आने के बाद वे अपने स्तर से छानबीन करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसी की मौत हो गयी है लेकिन उसका आधार कार्ड तो रहता ही है. अब जांच के बाद ही पता चलेगा कि आखिर हकीकत क्या है. सीएस ने बताया कि उनको जो जानकारी मिली है, उसके हिसाब से कांटी इलाके का एक आदमी कोरोना पीड़ित होने के बाद इलाजरत था. उसकी मौत एक निजी अस्पताल में हो गई थी. उसके बाद उसके आश्रित को सरकारी मुआवजा भी मिल गया.

उसके बाद अब उसके कोरोना टीका की दूसरी डोज लेने का मैसेज जा रहा है. ऐसे में कहा जा सकता है कि चाहे सरकार लाख दावे करे लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कामकाज को लेकर बीच-बीच में सवाल उठता ही रहता है. कभी-कभी भारी लापरवाही के मामले भी सामने आते हैं.

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