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बंगाल की तरह UP चुनाव प्रचार से भी नीतीश ने बनायी दूरी, अंतिम चरण में JDU नेता दिखा रहे दम

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Published : Feb 25, 2022, 8:32 AM IST

Updated : Feb 25, 2022, 9:49 AM IST

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने भाजपा से तालमेल की कोशिश की थी लेकिन बात नहीं बन पायी. उसके बाद जेडीयू ने अकेले प्रत्याशियों की घोषणा कर दी. चुनाव प्रचार के लिए जेडीयू के स्टार प्रचारकों की सूची जारी की गयी थी. उसमें सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का भी नाम शामिल था लेकिन उन्होंने चुनाव प्रचार से दूरी बना रखी है. आखिर इसका क्या कारण है, जानने के लिए पढ़ें यह विशेष रिपोर्ट.

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पटना: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh assembly elections) पर पूरे देश की नजर है. बिहार में सत्ताधारी एनडीए के महत्वपूर्ण घटक दल जदयू ने यूपी विधानसभा चुनाव में पहले बीजेपी से तालमेल की घोषणा की थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उसके बाद जदयू ने 51 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. 4 चरणों के लिए मतदान हो चुका है लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने चुनाव प्रचार से दूरी (Nitish Kumar made distance from UP assembly elections) बना रखी है.

शुरू में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी कोई हलचल नहीं दिखाई थी, हालांकि अब उन्होंने जरूर मोर्चा संभाला है. राजनीतिक विशेषज्ञ इसे नीतीश कुमार की सियासत की नजर से देख रहे हैं. उनका कहना है कि नीतीश कुमार खुद चुनाव प्रचार नहीं कर बीजेपी से संबंध खराब करने से बच रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर अपनी पार्टी को चुनाव में उतारकर दावेदारी भी नहीं छोड़ रहे हैं.

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उत्तर प्रदेश चुनाव में बीजेपी से तालमेल को लेकर नीतीश कुमार ने अपने सबसे खास और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (Union Minister RCP Singh) को जिम्मेदारी सौंपी थी. बीजेपी से तालमेल में सफलता नहीं मिली और इसके चलते जदयू के भीतर भी विवाद शुरू हो गया था. पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने बीजेपी के साथ तालमेल नहीं होने पर 200 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी. जब दोनों दलों में तालमेल नहीं हुआ तो तब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने 51 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. जदयू ने बीजेपी और अन्य दलों के कई बागियों को टिकट दिया है.

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इसमें सबसे दिलचस्प यह है कि बंगाल विधानसभा चुनाव की तरह नीतीश कुमार ने उत्तर प्रदेश में भी प्रचार से पूरी तरह से दूरी बना रखी है. जेडीयू बंगाल में बीजेपी से तालमेल करना चाहती थी लेकिन नहीं हो पाया था. पार्टी के कुछ नेता प्रचार में जरूर गए थे लेकिन नीतीश कुमार नहीं गए. अब यूपी में चार चरण का मतदान हो चुका है लेकिन स्टार प्रचारक होने के बावजूद नीतीश कुमार ने चुनाव प्रचार से पूरी तरह से दूरी बना रखी है.

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पार्टी सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार की अब यूपी चुनाव में जाने की संभावना नहीं है. ऐसे अंतिम चरणों के चुनाव में पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने जरूर मोर्चा संभाला है. पार्टी के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा चुनाव प्रचार कर रहे हैं तो वही कुछ मंत्रियों ने भी चुनाव प्रचार किया है. वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे का कहना है उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर जदयू द्वंद में फंसी रही. 4 फेज के चुनाव होने के बाद भी जदयू के चुनाव लड़ने की कहीं कोई चर्चा नहीं हो रही है.

उन्होंने कहा कि जदयू के पास ना तो अपना उम्मीदवार था और ना ही मजबूत संगठन. दूसरे दलों के बागी नेताओं को टिकट दिया है. वहीं, अब बीजेपी के साथ संबंध के कारण नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में जाने में असहज महसूस कर रहे हैं. एक तरह से वे द्वंद में हैं. उत्तर प्रदेश चुनाव से दूरी बनाने के पीछे राजनीति के जानकार रवि उपाध्याय का कहना है कि नीतीश एक तीर से दो निशाना साधने की कोशिश में लगे हैं. एक तो बीजेपी के साथ संबंध खराब ना हो, इसकी भी कोशिश कर रहे हैं. दूसरी तरफ पार्टी को उत्तर प्रदेश चुनाव में उतारकर अपनी मजबूत दावेदारी पेश भी करना चाह रहे हैं.

रवि उपाध्याय का यह भी कहना है कि उत्तर प्रदेश चुनाव के परिणाम का असर बिहार में भी पड़ सकता है. इसकी सुगबुगाहट लगातार दिख रही है. राजनीतिक हलकों में उत्तर प्रदेश चुनाव के परिणाम को लेकर भी अभी से कयास लगाए जा रहे हैं. बीजेपी फिर से मजबूत स्थिति में सत्ता में लौटती है तो कहीं न कहीं पूरे देश के साथ बिहार पर भी उसका असर पड़ना तय माना जा रहा है. इसलिए नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर खुलकर बोलने से भी बचते रहे हैं.

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नीतीश कुमार बीजेपी के बिहार में मजबूत सहयोगी हैं और लंबे समय से हैं. इसलिए दूसरे राज्यों में हमेशा कोशिश रही है कि बीजेपी के साथ तालमेल हो जाए. दिल्ली में पिछले विधानसभा में तालमेल भी हुआ था और वहां नीतीश चुनाव प्रचार करने भी गए थे लेकिन जहां तालमेल नहीं हो रहा है और पार्टी चुनाव लड़ रही है. चाहे झारखंड की बात करें या फिर बंगाल चुनाव की. राजनीतिक विशेषज्ञ का कहना है कि नीतीश कुमार बीजेपी के शीर्ष नेताओं को नाराज नहीं करना चाहते हैं. इसीलिए उनकी पार्टी चुनाव तो लड़ रही हैं लेकिन उन्होंने खुद चुनाव प्रचार से दूरी बना ली है.

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Last Updated : Feb 25, 2022, 9:49 AM IST
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