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जानिए किस मुद्दे पर RJD-BJP ने कहा हम साथ-साथ हैं...

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Published : Mar 8, 2022, 9:45 AM IST

Updated : Mar 8, 2022, 10:48 AM IST

बिहार विधानसभा में अफसरशाही की गूंज सुनाई पड़ी है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य एक सुर में बोलते दिखाई पड़े. इसके बाद सरकार की ओर से कहा गया कि आप शिकायत करें, जो भी दोषी होगा उसपर कार्रवाई की जाएगी...

bureaucracy matter
bureaucracy matter

पटना : बिहार में एनडीए की सरकार चल रही है. बीजेपी, जेडीयू, वीआईपी और हम का गठबंधन है. पर इस गठबंधन में कई बार आंच आती दिखाई पड़ती है. इसमें एक कारण 'अफसरशाही' भी है. इसी अफसरशाही को लेकर वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने गठबंधन तोड़ देने की बात तक कही थी. इस अफसरशाही की गूंज एक बार फिर से सुनाई (bureaucracy matter in bihar assembly) पड़ी है.

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विधानसभा में होगा प्रोटोकाल कमेटी का गठन : विपक्ष तो हमेशा से आरोप लगाता रहा है कि बिहार में चरम पर अफसरशाही है. सत्ता पक्ष भी अब विपक्ष के सुर में सुर मिला रहा है. विधानसभा में जब यह मुद्दा गूंजा तो क्या पक्ष क्या विपक्ष सब एक साथ नजर आए. विधायकों ने कहा कि हमारे लिखे पत्रों का कोई जवाब नहीं आता है. मामले ने तूल पकड़ा तो विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने सदन में यह घोषणा की कि इसके लिए विधानसभा में प्रोटोकाल कमेटी का गठन किया जाएगा.

पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने उठाया मुद्दा : सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल (bihar budget session) के दौरान रामबली सिंह यादव ने इस मसले को उठाया. उनकी बातों का समर्थन नीतीश मिश्रा ने भी किया. नीतीश मिश्रा ने कहा कि उन्हों 106 पत्र लिखे हैं पर उसका अबतक जवाब नहीं आया है. इसकी जानकारी उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी दी है. इसके बाद संजय सरावगी भी खड़े हो गए. उन्होंने कहा कि 100 पत्र उन्होंने लिखे पर क्या कार्रवाई हुई पता ही नहीं.

इस मसले पर आलोक मेहता ने कहा कि विधायक जो पत्र लिखते हैं उसकी निगरानी के लिए सदन की कमेटी बने. वहीं विजय शंकर दूबे ने कहा कि प्रश्नों के उत्तर आते हैं उसके फलाफल की जानकारी प्राप्त नहीं होती है. ललित यादव ने भी सदन की कमेटी बनाए जाने की बात रखी.

क्या बोले संसदी कार्य मंत्री: जब मामले ने तूल पकड़ा तो संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि अगर कोई अधिकारी नियमों का उल्लंघन करता है तो जानकारी दें, सरकार जरूर कार्रवाई करेगी. जिसकी जैसी गलती होगी वैसी सजा मिलेगी. नियम यह है कि पंद्रह दिनों के अंदर पत्र के पावती की सूचना देनी है. उसके अगले पंद्रह दिनों के अंदर कार्रवाई की सूचना देनी है. सरकार के अधिकारियों के लिए समय-समय पर इस बारे में सूचना जारी होती है.

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Last Updated : Mar 8, 2022, 10:48 AM IST
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