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IB के इनपुट पर पटना से पकड़े गए दोनों संदिग्ध, रची थी PM मोदी के बिहार दौरे पर बड़ी साजिश

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Published : Jul 14, 2022, 12:55 PM IST

Updated : Jul 14, 2022, 8:47 PM IST

पटना से गिरफ्तार अतहर और जलालुद्दीन की गिरफ्तारी
पटना से गिरफ्तार अतहर और जलालुद्दीन की गिरफ्तारी

पटना के फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार दो संदिग्ध अतहर परवेज और जलालुद्दीन से संबंधित नए खुलासे सामने आए हैं. दोनों की गिरफ्तारी आईबी के निर्देश (IB alert in Patna) पर हुई है. खुफिया जानकारी के मुताबिक दोनों देश विरोधी साजिश रच रहे थे. पीएम मोदी के बिहार दौरे को लेकर कुछ बड़े घटनाक्रम को अंजाम देने की फिराक में थे. इसके लिए इनके खातों में अकूत रकम ट्रांसफर की गई थी. पटना टेरर मॉड्यूल के अब तक तीन कट्टरपंथी गिरफ्तार हो चुके हैं.

पटना: राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ से बिहार पुलिस ने एक संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल (Police arrested two terrorists in Patna) का भंडाफोड़ किया गया है. टीम ने दो संदिग्ध आतंकी मोहम्मद जलालुद्दीन (Mohammad Jalaluddin) और अतहर परवेज (Athar Parvez) को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है. झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दारोगा (retired inspector of Jharkhand Police Mohammad Jalaluddin) है, जबकि दूसरा गांधी मैदान ब्लास्ट केस (Gandhi Maidan blast case) में आरोपी मंजर का सगा भाई है. दोनों के पास से पीएफआई से जुड़ी सामग्री बरामद हुई है जिसमें 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के प्लान का जिक्र है. जांच में पता चला कि इनकी गिरफ्तारी IB के अलर्ट के बाद की गई. ये दोनों संदिग्ध पीएम मोदी के बिहार दौरे को लेकर बड़ी वारदात को अंजाम देने वाले थे. इस मामले में तीसरे आरोपी अरमान मलिक की भी गिरफ्तारी हो चुकी है. यही वो शख्स है जो बैठके आयोजित करता था. इस बीच, NIA की टीम पटना पहुंच चुकी है.

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अकाउंट से लाखों रुपए ट्रांजेक्शन के सबूत : मिल रही जानकारी के अनुसार अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पटना के बेऊर जेल के स्पेशल सेल में रखा गया है. पटना पुलिस को इनके पास से विदेशों से फंडिंग मिलने की जानकारी मिली है. इनके पास से तीन एकाउंट में से एक बार 14 लाख, एक बार 30 लाख और 40 लाख रुपए के ट्रांजैक्शन के भी सबूत मिले है. इन सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है. सूत्रों की माने तो ईडी अब इन्हें फंडिंग करने वालों की जांच करेगी. पुलिस के मुताबिक, ये दोनों स्थानीय, जिला स्तर, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर के पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI और और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानी SDPI के सक्रिय सदस्य के रूप में आयोजित बैठक में भाग लेते थे. यह दोनों सांप्रदायिक और देश विरोधी साजिशें रचने के काम में संलिप्त थे.

दोनों संदिग्ध की निशानदेही पर 26 के खिलाफ FIR: बताया जाता है कि अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन से पूछताछ के बाद गुरुवार को फुलवारीशरीफ से एक और संदिग्ध अरमान मलिक को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में यह तीसरी गिरफ्तारी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अरमान भी पीएफआई की बैठक में शामिल होता था. फिलहाल, तीनों संदिग्धों से अभी पूछताछ चल रही है. अब तक 26 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है.

''जांच पड़ताल अभी चल रही है, इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए पुरजोर कोशिश की जाती है, केंद्र और राज्य की एजेंसी मिलकर छानबीन कर रहीं हैं. अभी इसपर कुछ भी बोलना जल्दबाजी होगा.''- एसके सिंघल, डीजीपी, बिहार

एसके सिंघल, डीजीपी, बिहार

'पुलिस की अलग अलग टीम उनसे पूछताछ कर रही है. उनके पास से पीएफआई के दस्तावेज, बैनर पोस्टर बरामद हुए हैं. साक्ष्य के आधार पर अन्य गिरफ्तारियों की भी कार्रवाई होगी. पटना पुलिस को जो भी सहयोग की जरूरत होगी हम लोग मुहैया करा रहे हैं. ये दफ्तर क्यों संचालित कर रहे थे. कौन कौन से लोग यहां जुटते थे इनपर पूछताछ की जा रही है. इनपर देश के विरूद्ध अपराध करना. कम्युनिटी के बीच वैमनस्य फैलाना, शत्रुता फैलाना, षड्यंत्र करना इस तरह की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है. पुलिस की टीम पूछताछ कर रही है. अभी कुछ भी कहना ठीक नहीं'- जितेन्द्र गंगवार, ADG, पुलिस मुख्यालय

FIR में 26 नाम : अतहर परवेज और जलालुद्दीन के अलावा 24 संदिग्घों के नाम सामने आए हैं जो लोगों को बरगलाने का काम करते थे. एफआईआर में दर्ज नामों में 1- समीम अख्तर, 2-रियाज मॉरिफ, 3-सनाउल्लाह, 4-तौसिफ, 5-महबूब आलम, 6-एहसान परवेज, 7-मो. सलमान, 8-मो. रसलान (सचिव, बिहार-बंगाल क्षेत्रीय समिति PFI), 9-महबूब-ऊर-रहमान, 10- इम्तियाज दाऊद, 11-महबूब अलम, 12-खलीकुर जमा, 13-मो. अमीन आलम (टीचर ट्रेनिंग कॉलेज गोनपुरा फुलवारीशरीफ के कर्मचारी), 14-जिशान अहमद, 15-रियाज अहमद, 16-मंजर परवेज, 17- नुरुद्दीन जंगी ऊर्फ एडवोकेट नुरुद्दीन, 18- मो. रियाज (PFI का राष्ट्रीय नेता), 19- मो. अंसारुल हक (मिथिलांचल यूनिट का निदेशक प्रभारी), 20- मंजहरुल इस्लाम, 21- अब्दुर्रहमान, 22 मो. मुस्तकिन, 23- अरमान मलिक, 24- परवेज आलम (राज्य कमेटी सदस्य PFI मिथिलांचल), ये वो लोग हैं जो समय समय पर फुलवारीशरीफ आकर ब्रेनवॉश करते थे. भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करते थे.

पीएम के पटना दौरे से पहले हुई गिरफ्तारी: 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह के समापन पर पटना आए थे. उनके आगमन से पहले ही 11 जुलाई की शाम 7:30 बजे फुलवारी शरीफ में अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पकड़ा गया था. ये लोग दो महीने से पीएम मोदी के आगमन को लेकर किसी बड़ी साजिश का षड्यंत्र रच रहे थे. FIR में दर्ज बयान के आधार पर ये कहा गया है कि बहुत से लोग पीएम के आगमन को लेकर बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे हैं. पिछली 6-7 जुलाई को भी इन लोगों ने गुप्त मीटिंग की थी, जिसमें अनजान लोगों का आना जाना हुआ था. यानी दोनों की साजिश के तार काफी गहरे दिख रहे हैं. NIA अब सभी आरोपियों का चिट्ठा जांच में खंगालेगी.

NIA की टीम पहुंची फुलवारीशरीफ: देश की राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA पटना के फुलवारीशरीफ पहुंच चुकी है. टीम ने दर्ज कांड की छानबीन शुरू कर दी है. इसमें विदेशी फंडिंग से लेकर दूसरे मुल्कों की भूमिका की भी जांच NIA करेगी. टीम ये जांच करेगी की देश को अस्थिर करने की साजिश बाहरी मुल्क में तो नहीं रची जा रही. फिलहाल फुलवारीशरीफ पहुंचकर NIA दर्ज FIR से जुड़े दस्तावेजों की जानकारी ले रही है.

प्रशिक्षण देते थे गिरफ्त में आए आरोपी: ये दोनों भोले-भाले युवकों को देश विरोधी संगठन में जोड़ने और उन्हें ट्रेनिंग देने का काम भी किया करते थे. इनके यहां केरल, पश्चिम बंगाल, यूपी, तमिलनाडु सहित कई राज्यों के छात्र प्रशिक्षण के लिए आ रहे थे. हालांकि मिल रही जानकारी के अनुसार गिरफ्तार अतहर का भाई मंजर पटना में हुए बम ब्लास्ट जैसे आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है. पटना पुलिस के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार युवकों से पूछताछ में यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इनके तार पाकिस्तान सहित अन्य देशों से जुड़ा तो नहीं है? पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के लिए NIA की टीम पटना पहुंच चुकी है.



आतंकियों का 'मिशन-2047': बताया जा रहा है कि जिस मकान में वे रहते थे, वहां मार्शल आर्ट और शारीरिक शिक्षा के नाम पर अस्त्र-शस्त्र की ट्रेनिंग दी जा रही थी. इसके अलावा दोनों पर धार्मिक उन्माद फैलाने और आतंकवादी गतिविधि कार्य करने की भी बात सामने आई है. गोपनीय ढंग से प्रशिक्षण कार्यक्रम में काफी लोग प्रशिक्षित किए गए हैं. प्रशिक्षण में शामिल लोगों को वे अपने-अपने क्षेत्र में जाकर अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षित और उनमदित करने का निर्देश दिया जाता था. जब इनके ठिकानों पर छापेमारी की गई तो पुलिस को पीएफआई का झंडा, पंपलेट, बुकलेट एवं गुप्त दस्तावेज मिले हैं. जिसमें 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए मुहिम चलाने से संबंधित दस्तावेज बरामद हुआ है.

"दोनों के पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं, जो देश विरोध पाए गए. इस तरह के लोगों को कोई समुदाय अपने साथ नहीं रखना चाहेगा. ये दोनों लोगों को अस्त्र-शस्त्र चलाने की ट्रेनिंग दे रहे थे. मामले की जांच चल रही है" -मनीष कुमार, एडिशनल एसपी, फुलवारीशरीफ

कौन है अतहर परवेज और जलालुद्दीन: पटना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया मोहम्मद अतहर परवेज का कनेक्शन पूर्व में गांधी मैदान में हुए नरेंद्र मोदी के रैली के दौरान बम ब्लास्ट से जुड़ रहा है. अतहर परवेज के द्वारा गांधी मैदान बम ब्लास्ट और अन्य बम ब्लास्ट में शामिल लोगों का बेल करवाने में अतहर परवेज का ही हाथ था. जिसके बाद कहीं ना कहीं अतहर परवेज का आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता की बात सामने आई है. दरअसल इसके द्वारा राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में पिछले 10 वर्षों से रहकर कट्टरपंथी संगठन सिमी को सपोर्ट किया करता था और पूर्व में सिमी (Students Islamic Movement of India) का सदस्य भी रहा है. जलालुद्दीन झारखंड का पूर्व दारोगा था. अतहर परवेज जलालुद्दीन के घर में रहकर ही देश विरोधी गतिविधि संचालित करता था.

आईबी के अलर्ट पर कार्रवाई: प्रधानमंत्री आगमन को लेकर आईबी के अलर्ट के बाद IB द्वारा मिली रिपोर्ट के आधार पर इन दोनों को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि इन दोनों को बेउर जेल भेज दिया गया है. दरअसल आईबी को सूचना मिली थी कि पटना के फुलवारी शरीफ में झारखंड के पूर्व दरोगा जलालुद्दीन के घर में कार्यालय खोलकर अतहर परवेज नाम का शख्स देश विरोधी गतिविधियां चला रहा है. उसके यहां प्रशिक्षण लेने के लिए झारखंड और बंगाल तक के लोग आ रहे थे. यहां तक कि पूर्व में भी फुलवारीशरीफ से आतंकी संगठन से जुड़े कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है.

Last Updated :Jul 14, 2022, 8:47 PM IST
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